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Lok Sabha Election Update’s: बिहार और झारखंड में अचानक राजनीतिक तस्वीर बदल गई !

The contest between NDA and Congress will be tough in Bihar and Jharkhand

Lok Sabha Election Update’s 2024: बिहार के राजनीतिक समीकरण अचानक बदलने लगे हैं। हालांकि इस बात की सम्भावना पहले से ही बानी हुई थी कि इन दोनों राज्यों में बहुत से खेल बदल सकते हैं। लेकिन अब चुनावी घोषणा के साथ ही ऐसा दिखने भी लगा है। बीजेपी की समझ है कि इन दोनों राज्यों से अधिक से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाना है। दोनों राज्यों में 54 सीटें है। बीजेपी ने इसके लिए ही नीतीश कुमार के साथ नाता भी जोड़ा है वरना नीतीश की राजनीति की कोई जरूरत बीजेपी को नहीं रह गई थी। लेकिन चुकी राजनीति और नेताओं के कोई चरित्र नहीं होते इसलिए नीतीश और बीजेपी को एक साथ आने में फिर से कोई समय भी नहीं लगा। आज बीजेपी और नीतीश कुमार मिलाकर बिहार और झारखंड की राजनीति को नापने में लगे हैं और इंडिया गठबंधन के खिलाफ हर कार्रवाई करते नजर आ रहे हैं।    

लेकिन राजनीति तो राजनीति है यहाँ हर कोई दाव खेलता है। इंडिया गठबंधन वाले भी दाव खेल रहे हैं। नए दाव से बिहार और झारखंड की नयी राजनीति बहुत कुछ कह रही हैं। अब इन दोनों राज्यों की तस्वीर भी बदल रही है। तस्वीर इतनी तेजी से बदल रही है कि बीजेपी को सोंचने का मौक़ा भी नहीं मिल रहा है। चुनाव के लिए नामांकन भी शुरू हो गया है और इधर खेल भी चालु है। दोनों राज्यों की 54 सीटों में से बीजेपी के पास 38 सीटें है। जबकि एनडीए के पास 51 सीटें है। अगर पशुपति पारस को हटा भी दें तब भी एनडीए के पास 50 सीटें है। लेकिन अब करीब 27 सीटों पर लड़ाई दिलचस्प हो गई है। अब बीजेपी के नेता यह दावा नहीं कर सकते कि ये सीटें फिर से उनकी झोली में जा सकती है। लड़ाई काफी मुश्किल हो गई है।      

पहले बीजेपी ने झारखंड में शिबू सोरेन की बहु सीता सोरेन को अपने पाले में कर लिया था। इससे बीजेपी को उम्मीद थी कि संथाल इलाके में उसे बहुत लाभ होगा। सीता सोरेन जामा विधान सभा से विधायक भी है। लेकिन इसके अगले दिन ही कांग्रेस ने बड़ी सेंधमारी कर मांडू सीट से बीजेपी विधायक जेपी पटेल को तोड़कर अपनी पार्टी में मिला लिया। वे शिबि सोरेन के काफी करीबी टेकला महतो के बेटे हैं। अब बीजेपी की परेशानी ज्यादा बढ़ गई है। कांग्रेस अब लाभ में चली गई है। कांग्रेस को अब एक मजबूत कुर्मी नेता भी मिल गया है। अब बीजेपी को सीता सोरेन से क्या लाभ होगा यह तो बाद की बात है लेकिन कांग्रेस को एक बड़ा कुर्मी नेता मिलने से बीजेपी को बड़ा धक्का लगा है।  

उधार बिहार में एक बड़ी राजनीति सामने आयी है। पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिए हैं। यह बिहार की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना है। इससे बिहार में कांग्रेस को काफी बल मिलेगा। पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन पहले से ही कांग्रेस की दिग्गज नेता है और राज्य सभा सांसद भी हैं। पप्पू यादव के कांग्रेस में चले जाने से सीमांचल इलाके में कांग्रेस की पैठ मजबूत होगी और बीजेपी को बड़ी हानि हो सकती है। पप्पू के खेल से जदयू को भी परेशानी उठानी पड़ सकती है। 
 
उधर पशुपति पारस एनडीए में जगह नहीं मिलने से अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। वे हाजीपुर सीट से अकेले विपक्ष के उम्मीदवार हो सकते हैं। अगर पशुपति पारस पांच सीटों पर  उम्मीदवार के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिए तो चिराग को बड़ा नुकसान हो सकता है और एनडीए को भी भारी नुकसान हो सकता है। उधर मुकेश साहनी के महागठबंधन के साथ जाने से भी महागठबंधन को परेशानी हो सकती है। ऐसे में दो राज्यों में 54 सीटों पर इस बार महा मुकाबला हो सकता है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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