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 Lucknow G-20:  लखनऊ में जी-20 प्रथम डिजिटल अर्थव्यवस्था की बैठक ,विश्व बैंक ने कहा दुनिया के 85 करोड़ लोगो के कोई पहचान पत्र नहीं

लखनऊ में पहली जी 20 डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्य समूह की बैठक चल रही है। यह बैठक सोमवार को शुरू हुई और बुधवार तक चलेगी। बैठक का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ तथा केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी, संचार एवं रेलवे मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने किया।  

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने 10 से 12 फरवरी, 2023 तक हाल में आयोजित होने वाले वैश्विक निवेशक शीर्ष सम्मेलन करते हुये बताया कि उक्त कार्यक्रम के दौरान 33,50,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।

पहले सत्र का विषय ‘डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चरः शेयरिंग इंप्लीमेंटेशन एस्पीरियंसेस ऑफ डिजिटल आईडेन्टिटी इन वेरियस कंट्रीज’ था। इस सत्र में विश्व बैंक के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी  जोनाथन मार्स काल, यूआईडीएआई के सीईओ डॉ. सौरभ गर्ग, एक-स्टेप फाउंडेशन के सीटीओ डॉ. प्रमोद वर्मा, इंडोनेशिया के इचवान एम नासूटियन, जर्मनी की डॉ. एरिना एलेक्जेंड्रा सोयफ्की और यूरोपीय संघ के फेबियन डेल क्रॉस जैसे जाने-माने वक्ताओं ने अपने विचार रखे। सत्र के दौरान, विश्व बैंक ने खुलासा किया कि दुनिया में 85 करोड़ लोगों के पास कोई आधिकारिक पहचान-पत्र नहीं है तथा वह लगभग दो अरब डॉलर के वित्तपोषण के आधार पर लगभग 50 देशों में डिजिटल आईडी समाधान को समर्थन दे रहा है। सत्र में डेटा सुरक्षा, सुरक्षा और निजता सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत कानूनी प्रारूप की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई।

 दूसरे सत्र का विषय ‘शेयरिंग ऑफ साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशंस फॉर एमएसएमई’ था, जिसमें डीएससीआई के सीईओ  विनायक गोडसे, फ्रांस के फ्रेडरिक सैवेज, ब्रिटेन के क्रेग स्टैनली-एडमसन, सऊदी अरब की बिस्माह-अलजेदाई, ऑस्ट्रेलिया की कैमिले दी’ बुर्ग, माइक्रोसॉफ्ट के  संदीप अरोड़ा और मास्टर कार्ड के श्री डेरेक पिलर ने शिरकत की। सत्र के दौरान फ्रांस के साइबर परिसर, ब्रिटेन की राष्ट्रीय साइबर रणनीति, वर्ष 2030 के लिये केंद्रीकृत शासन के बारे में सऊदी अरब की परिकल्पना पर भी चर्चा की गई। सत्र में तीन स्टार्टअप कंपनियों – प्रोफेज़, पाया तू और वाई-जंगल – ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के सामने मौजूद साइबर सुरक्षा खतरों पर बात की और उसका समाधान पेश किया। कंपनियों ने मौजूदा साइबर सुरक्षा परिदृश्य पर अपनी विशेषज्ञता व नजरिया प्रस्तुत किया तथा ऐसे उपाय सुझाये, जिनसे एमएसएमई साइबर खतरों से अपनी सुरक्षा कर सकती हैं।

 तीसरे सत्र का विषय ‘डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर टू बूस्ट दी अटेनमेंट ऑफ एसडीजी’ था, जिसमें बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की डॉ. पॉलिन बसिंगा, यूएनडीपी से केज़ोम एनगोडुप मस्साल्ले, ब्रिटेन से जोशुआ बैमफोर्ड, तुर्किये से  मेलिसा टिकुली, ई-गव फाउंडेशन के विराज त्यागी तथा को-डेवलप के सीवी मधुकर ने हिस्सा लिया। प्रतिनिधियों ने सहयोग के लिये उत्कृष्ट व्यवहारों तथा डीपीआई पहलों के नतीजों को साझा किया। सफलता के लिये प्राथमिकता के तौर पर तकनीकी अंतर-संचालन के महत्व पर जोर दिया गया। इसके साथ ही बाजार की बढ़ोतरी के लिये स्टैक के मुक्त स्रोतों के लाभ तथा राज्य क्षमताओं को मजबूत करने पर भी चर्चा की गई। मजबूतडिजिटल अवसंरचना बनाने के लिये खुले स्रोतों, खुले एपीआई की भूमिका तथा अंतर-संचालित डिजिटल समाधानों के पर भी बातचीत की गई।

चौथा सत्र उत्तर प्रदेश राज्य की डिजिटल पहलों पर आयोजित हुआ, जिसमें इन-मोबी की  सुबी चतुर्वेदी, अक्षय त्रिपाठी, देवेश  चतुर्वेदी, डॉ. रौशन जैकब, सौरभ बाबू और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से विनीत कुमार ने हिस्सा लिया। ग्रेटर नोएडा में निर्माणाधीन मेगा डेटा केंद्र, निवेश मित्र – निवेशकों के लिये एकल खिड़की प्रणाली, खनन सेक्टर के लिये खान मित्र, डिजी-शक्ति इत्यादि जैसी अनेक पहलों पर चर्चा की गई। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अरविन्द कुमार, यूअर-स्टोरी के  अक्षय और इंफोसिस की मीनाक्षी ने सरकार, उद्योग और अकादमिक जगत के बीच साझेदारी पर चर्चा की। लाभार्थियों के साथ बातचीत का भी आयोजन किया गया।

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अंतिम विषयगत सत्र में ‘दी यूज़ ऑफ जियो-स्पेशल टेक्नोलॉजी ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोडक्ट डेवलपमेंट इन डिजिटल इकोनॉमी’ पर चर्चा की गई। वक्ताओं में उत्तर प्रदेश के रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर के कंप्यूटर इमेज प्रोसेसिंग डिविजन के प्रमुख सुशील चंद्रा, भारत सरकार के बीआईएसएजी-एन के अपर महानिदेशक डॉ. विनय ठाकुर और मैप-माई-इंडिया के सीईओ रोहन वर्मा ने शिरकत की। सत्र में बताया गया कि कैसे जीआईएस वास्तविक समय में यातायात डेटा को उपयोगकर्ताओं से प्राप्त करता है और उसके बाद उन्हें साझा करके कारगर सेवायें प्रदान करता है।

लखनऊ में डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्य-समहू की बैठक का पहला दिन बहुत सफल रहा। उसमें 36 जाने-माने वक्ताओं ने 700 से अधिक पंजीकृत उपस्थित जनों के साथ अपनी विशेषज्ञता और नजरिया साझा किया।

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Team News Watch India

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