National Parents’ Day 2023: हर साल जुलाई महीने के चौथे रविवार को नेशनल पेरेंट्स डे (National Parent’s Day) मनाया जाता है. इस वर्ष 23 जुलाई को National Parent’s Day सेलिब्रेट किया जाएगा. यह दिन माता-पिता को समर्पित है. माता-पिता को ईश्वर का दर्जा दिया जाता है. उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए National Parent’s Day को मनाया जाता है.
बता दें संसार में हमारी पहचान हमारे माता-पिता से होती है. वो ही हमें इस दुनिया में लेकर आते हैं और उन्हीं के नाम से हमें पहचान मिलती है. आप चाहे कितने ही बड़े व्यक्ति क्यों न बन जाएं उसमें आपको अपने माता-पिता का नाम जरूर बताना पड़ेगा. आज के वक्त में हम जो कुछ भी हैं, वो अपने पेरेंट्स के संस्कार और उनकी दी हुई परवरिश की बदौलत हैं.
हर माता-पिता, बच्चों के जीवन को आसान बनाना चाहते हैं। लेकिन कुछ पेरेंट्स उनके इर्द-गिर्द मंडराते रहते हैं। अच्छी परवरिश के लिए हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग से बचना जरूरी है।
क्या होता है हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग ?
Read: National News in Hindi | News Watch India
दरअसल ज्यादातर पेरेंट्स बच्चों कर हर फैसले पर अपना कंट्रोल चाहते है। उनको लगता है कि इस तरह वे बच्चे के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। और उन्हें आने वाले दुख से बचा रहे है, लेकिन पेरेंट्स एक्सपर्ट इसे ओवर पेरेंट्स पेरेंटिंग कहते है. हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग कई तरह की होती है, जैसे टोही हेलीकॉप्टर पेरेंट्स। ऐसे पेरेंट्स बच्चों के लिए नौकरी खोजते हैं और खुद ही उनका बायोडाटा तैयार करते हैं। दूसरे हैं कम ऊंचाई वाले हेलीकॉप्टर पेरेंट्स। ये बच्चों की जिंदगी में ज्यादा दखलअंदाजी करते है। और तीसरा गुरिल्ला वारफेयर हेलीकॉप्टर पेरेंट्स बच्चों के हर काम खुद करना पसंद करते हैं। इंटरव्यू देने भी खुद जाना चाहते हैं।
क्या होती है वजह?
हेलीकॉप्टर पेरेंट्स नहीं चाहते कि उन्हें जिन फैसलों की वजह से जीवन में कठिनाई, चुनौतियां या असफलता मिली, इनके बच्चों को भी मिले। इसीलिए वे बच्चों को उससे दूर रखने की कोशिश करते हैं। वे बच्चों की कमी या कमजोरी को सुरक्षा के छाते से ढक देना चाहते हैं औऱ उन्हें उम्र पर खुद को समझने का मौका ही नहीं देते हैं।
एक उम्र तक ही पकड़े हाथ
बच्चों का हाथ एक उम्र तक ही पकड़ना चाहिए । जब जरूरत पड़े और वक्त आए, तब हाथ छोड़कर उन्हें खुद जिंदगी की राह पर चलने के लिए छोड़ देना चाहिए, वरना उनका आत्मविश्वास कभी पनप नहीं पाएगा। यह अच्छी बात है कि माता-पिता बच्चों को प्रोटेक्ट करते हैं, लेकिन यह ओवर नहीं होना चाहिए। इससे बच्चे गिरकर उठना नहीं सीख पाते हैं। जब बच्चों को जरूरत पड़े, तभी उनका साहस बढ़ाए, उनके साथ रहें और मार्गदर्शन करें।
मानसिक तनाव का भी शिकार हो सकते है बच्चे
हेलीकॉप्टर पेरेंट्स की वजह से बच्चों में सेल्फ रेगुलेशन की कमी आने लगती है। वे जिम्मेदारियों से डरते है और सेल्फ मैनेजमेंट में पीछे रह जाते हैं। ऐसे बच्चे मानसिक तनाव का भी शिकार होते हैं और उनमें आत्मविश्वास की कमी हो जाती है, क्योंकि माता-पिता ही सारे फैसले लेते हैं। ऐसे में बच्चे जीवन की चुनौतियां, हार-जीत के साये में पलते हैं। समाज, दोस्त, बाहरी लोगों से उनका मिलना-जुलना ज्यादा नहीं होता। ऐसे में उनके अंदर अलग-अलग भावनाएं पैदा ही नहीं हो पाती हैं।
क्या है समाधान ?
बच्चों को जहां जरूरत है, वहीं उनकी मदद करें। उन्हें चीजों को खुद समझने का मौका दें । उनका मार्गदर्शन करें न कि उन्हें जिंदगी भर हाथ पकड़कर चलाते रहें। बच्चों को खुद फैसले लेने दें, ताकि वे मुश्किलों का सामना कर सकें । उन्हें आजादी दें और उनकी निजी जिंदगी का ख्याल रखें।