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PDA Action: अतीक अहमद के करीबी खालिद जफर के मकान पर चला बुलडोजर, दो करोड़ का घर जमींदोज

जब मकान को जमींदोज करने के लिए इसके अंदर का सामान निकाला जा रहा था, तब इसमें कई अवैध हथियार भी बरामद किये गये। इन हथियारों को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस का दावा है कि बंद पड़े मकान से जब विकास प्राधिकरण के कर्मचारी उसे खाली कर रहे थे कि तब सामान में छिपे दो रायफल व तलवार बरामद हुईं। दोनों रायफलें विदेशी हैं। पुलिस के अधिकारियों को कहना है कि ये सभी हथियार गैर कानूनी हैं, क्योंकि इनके लाइसेंसी होने के दस्तावेज नहीं की संभावना नहीं हैं।

प्रयागराज। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (PDA) ने बुधवार को माफिया अतीक अहमद के करीबी खालिद जफर का दो करोड़ का घर बुलडोजर चलवाकर जमींदोज कर दिया। इस मकान का प्रयागराज विकास प्राधिकरण से न तो नक्शा पास था और ही भवन निर्माण के लिए दूसरे आवश्यक दस्तावेज थे। इस कारण प्राधिकरण ने इसे अवैध निर्माण यानी भवन करार देकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की।


इससे पहले जब मकान को जमींदोज करने के लिए इसके अंदर का सामान निकाला जा रहा था, तब इसमें कई अवैध हथियार भी बरामद किये गये। इन हथियारों को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस का दावा है कि बंद पड़े मकान से जब विकास प्राधिकरण के कर्मचारी उसे खाली कर रहे थे कि तब सामान में छिपे दो रायफल व तलवार बरामद हुईं। दोनों रायफलें विदेशी हैं। पुलिस के अधिकारियों को कहना है कि ये सभी हथियार गैर कानूनी हैं, क्योंकि इनके लाइसेंसी होने के दस्तावेज नहीं की संभावना नहीं हैं।

बता दें कि यह प्रयागराज के चकिया स्थित वही मकान था, जहां पर पूर्व सांसद व माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन पिछले दो साल से रह रही थी। उसके साथ उसका छोटा बेटा असद भी रहता था। 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह अधिवक्ता उमेश पाल व उनके सरकारी गनर की हुई हत्या में अतीक अहमद, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन व उसका छोटा बेटा असद भी नामजद आरोपी है।

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फिलहाल इस दोहरे हत्याकांड में नामजद होने के बाद सभी आरोपी फरार है। शाइस्ता भी इस मकान का ताला लगाकर फरार है, जबकि उसका बेटे असद ने शूट आउट से दौरान न केवल खुद गोली चलायी थी, बल्कि उसने ही सभी शूटरों को लीड किया था।


पुलिस को उमेश पाल हत्याकांड की जांच में पता चला था कि घटना को अंजाम देने से पहले शाइस्ता यहां रहती थी और घटना को अंजाम देने से पहले शूटर्स इसी मकान में आये थे। जाफिर खालिद माफिया का बहुत करीबी थी। माना जा रहा है कि यह मकान अतीक अहमद का ही है। अतीक ने ही काली कमाई से इसे खरीद कर जाफिर खालिद के नाम करा दिया था।
बहराल उमेश पाल हत्याकांड में यह पहली बुलडोजर कार्रवाई है।

इससे पहले प्रयागराज पुलिस इस शूटआउट में शामिल अतीक के बेटे असद के चालक अरबाज को एनकाउंटर में मौत की नींद सुला चुकी है। एक दर्जन से अधिक लोग पुलिस हिरासत में हैं, इनमें हत्यारोपियों को सहयोग देने के मामले में सदाकत व नफीस को गिरफ्तार किये जा चुके हैं।

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