Mann Ki Baat : नए साल में पीएम मोदी की पहली मन की बात
Mann Ki Baat : पीएम मोदी ने देश के लोगो से आज फिर मन की बात (Mann Ki Baat) की। आज की बात इस साल की पहली बात है। उन्होंने कई मसलो की चर्चा...
Mann Ki Baat : पीएम मोदी ने देश के लोगो से आज फिर मन की बात (Mann Ki Baat) की। आज की बात इस साल की पहली बात है। उन्होंने कई मसलो की चर्चा की और अपने अनुभाय भी शेयर किये।
पीएम मोदी ने अपनी बात को साझा करते हुए खा कि देहरादून के वत्सल जी ने मुझे लिखा है कि 25 जनवरी का मैं हमेशा इंतजार करता हूं क्योंकि उस दिन पद्म पुरस्कारों की घोषणा होती है और एक प्रकार से 25 तारीख की शाम ही मेरी 26 जनवरी की उमंग को और बढ़ा देती है। जमीनी स्तर पर अपने समर्पण और सेवा-भाव से उपलब्धि हासिल करने वालों को पीपुल्स पद्म को लेकर भी कई लोगों ने अपनी भावनाएँ साझा की हैं। इस बार पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में जनजातीय समुदाय और जनजातीय जीवन से जुड़े लोगों का अच्छा-खासा प्रतिनिधत्व रहा है। जनजातीय जीवन, शहरों की भागदौड़ से अलग होता है, उसकी चुनौतियां भी अलग होती हैं। इसके बावजूद जनजातीय समाज, अपनी परम्पराओं को सहेजने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
जनजातीय समुदायों से जुड़ी चीज़ों के संरक्षण और उन पर रिसर्च के प्रयास भी होते हैं। ऐसे ही टोटो, हो, कुइ, कुवी और मांडा जैसी जनजातीय भाषाओं पर काम करने वाले कई महानुभावों को पद्म पुरस्कार मिले हैं। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। धानीराम टोटो, जानुम सिंह सोय और बी. रामकृष्ण रेड्डी जी के नाम, अब तो पूरा देश उनसे परिचित हो गया है। सिद्धी, जारवा और ओंगे जैसी आदि-जनजाति के साथ काम करने वाले लोगों को भी इस बार सम्मानित किया गया है। जैसे – हीराबाई लोबी, रतन चंद्र कार और ईश्वर चंद्र वर्मा जी। जनजातिय समुदाय हमारी धरती, हमारी विरासत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। देश और समाज के विकास में उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। उनके लिए काम करने वाले व्यक्तित्वों का सम्मान, नई पीढ़ी को भी प्रेरित करेगा। इस वर्ष पद्म पुरस्कारों की गूँज उन इलाकों में भी सुनाई दे रही है, जो नक्सल प्रभावित हुआ करते थे।
पीएम ने कहा साथियो, इस बार पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में कई ऐसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने संगीत की दुनिया को समृद्ध किया है। कौन होगा जिसको संगीत पसंद ना हो। हर किसी की संगीत की पसंद अलग-अलग हो सकती है, लेकिन संगीत हर किसी के जीवन का हिस्सा होता है। इस बार पद्म पुरस्कार पाने वालों में वो लोग हैं, जो, संतूर, बम्हुम, द्वितारा जैसे हमारे पारंपरिक वाद्ययंत्र की धुन बिखेरने में महारत रखते हैं। गुलाम मोहम्मद ज़ाज़, मोआ सु-पोंग, री-सिंहबोर कुरका-लांग, मुनि-वेंकटप्पा और मंगल कांति राय ऐसे कितने ही नाम हैं जिनकी चारों तरफ़ चर्चा हो रही है।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने तमिलनाडु की कई अनुभव की बातें लोगो को सुनाई ,गोवा के किस्से सुनाये और मोठे अनाज और योग को लेकर लोगों को बहुत सी जानकारी दी।