ट्रेंडिंग

काले कपड़े में विपक्षी एकता बीजेपी के लिए रेड संकेत !

political news : आज विपक्षी एकता को लेकर कांग्रेस ने अपनी ताकत बढ़ाई। कल तक जो टीएमसी कांग्रेस के साथ खड़ा होने से परहेज कर रही थी ,राहुल के मसले पर विपक्षी दलों के साथ आयी और संसद से सड़क तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। सदन के भीतर काले कपडे पहने विपक्षी नेताओं की जमघट ने अलग दृश्य पेश किया। कांग्रेस की उम्मीदें बढ़ी। ताकत का एहसास हुआ। कुल मिलकर राहुल और जेपीसी के मसले पर कांग्रेस 18 पार्टियों का साथ मिल गया। आगे की रणनीति क्या होगी देखने की बात है।

कांग्रेस खटखटाएगी अदालत का दरवाजा

सूरत की अदालत से राहुल गांधी को मिली सजा और फिर संसद से राहुल गांधी बर्खास्तगी की कहानी अलग है। उस मामले में कांग्रेस गहन चिंतन कर रही है और आगे की तमाम पहलुओं पर मंथन कर रही है। चुकी वह एक लीगल मामला है इसलिए कांग्रेस के लोग उस मामले को लीगल तरीके से ही निपटाने की कोशिश में लगे हैं। संभव है आज या कल इस मामले में कांग्रेस कोई बड़ी काईवाई कर सकती है। अदालत जा सकती हैं। राहुल को राहत मिलेगी या नहीं या राहत मिलेगी तो कितनी मिलेगी यह सब लीगल बहस का मुद्दा है। अगर देश का कोई भी ऊपरी अदालत सूरत की अदालत की सजा को उलट देता है तभी राहुल को बड़ी राहत मिलेगी ऐसा क़ानूनी जानकार मान रहे हैं।

कांग्रेस इसी कोशिश में लगी है कि राहुल की सजा और उन पर लगे अपराध को ख़त्म कराया जाए। लेकिन यह सब इतना आसान भी नहीं। ऐसा होगा तो राहुल फिर से बहाल भी हो सकते हैं। उधर बीजेपी की इज्जत भी दाव पर लगी है। बीजेपी जानती है कि उसके इशारे पर यह सब हुआ है और देश के लोग इस खेल को समझ रहे हैं। बीजेपी भी क़ानूनी दाव पेंच की तैयारी कर रही है ताकि ऊपरी अदलात को बड़ा फैसला भी करती है तो अपना बचाव वह आसानी से कर सके।

विपक्षी एकता कर पाएगी बीजेपी को ढे़र

लेकिन असली खेल तो अब विपक्षी एकता की हो गई है। जिस तरह से देश की तमाम विपक्ष पार्टियां राहुल और जेपीसी मांग के मसले पर एक हुई है बीजेपी की परेशानी बढ़ने लगी है। बीजेपी को लगने लगा है कि चाहे उसकी ताकत कितनी भी हो ,पीएम मोदी का चेहरे का इकबाल कितना भी बड़ा क्यों न हो ,तमाम मशीनरी क्यों न उसके साथ हो अगर विपक्षी एकता चुनाव में सामने आ गई तो खेल बिगड़ सकता है। यही वजह है कि बीजेपी को अब एकता की यह कहानी रेड संकेत की तरह है।
अब तक लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 35 से 38 फीसदी वोट ही मिलते रहे हैं।

इस वजह से 65 फीसदी वोटर्स है कटा

कई राज्यों में बीजेपी का मुकाबला जहां सीधे कांग्रेस से है वही अधिकतर राज्यों में बीजेपी के सामने ताकतवर क्षेत्रीय पार्टियां चुनौती देती रही है। बीजेपी को लगने लगा है कि अगर विपक्षी दलों की यही एकता चुनावी एकता बन गई तो उसकी मुश्किलें बढ़ जायेगी क्योंकि बीजेपी यह तो जानती है कि भारत की करीब 65 फीसदी वोटर बीजेपी को वोट नहीं देते। ये बिखरे होते हैं और इस बिखराव का लाभ ही बीजेपी को मिलता रहा है।

बीजेपी यह चाहती है कि विपक्ष एक नहीं हो। यही वजह है कि बीजेपी के लोग राहुल के मसले को आगे बढ़ाते हैं ताकि बाकी विपक्षी दलों को बताया जा सके कि बीजेपी की असली लड़ाई कांग्रेस से है और राहुल ही विपक्ष के पीएम उम्मीदवार हैं। बीजेपी को पता है कि राहुल के नाम पर टीएमसी ,आप पार्टी ,केसीआर और नीतीश कुमार भी सहमत नहीं होंगे और फिर विपक्ष बिखरेगा। सबकी अपनी राजनीति होगी और बीजेपी आगे निकल जाएगी। लेकिन टीएमसी ने बीजेपी के इस खेल का पर्दाफाश कर दिया है।

Read Also : latest News In Hindi, News Watch India

अब देखना है कि विपक्षी एकता की यह कहानी आगे कितनी दूर तक जाती है। अगर कहानी आगे बढ़ती है तो खेल मजेदार हो सकता है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि कांग्रेस भी अब राहुल के नाम पर कोई राजनीति आगे नहीं करना चाहती। वैसे अभी राहुल के साथ क़ानूनी देव पेंच की बात है। विपक्ष को भी लग रहा है कि अब शायद ही कम से कम इस चुनाव तक राहुल पीएम का उम्मीदवार बन सकते हैं। ऐसे में कई क्षत्रपों की अभिलाषा कुलांचे मार रही है। देखना ये है कि चुनाव से पहले विवाद विपक्षी दलों में नहीं हुआ तो बीजेपी की आगे की लड़ाई कमजोर होगी और बीजेपी भी इस बात को जानती है।अडानी मसले ने बीजेपी को घेर तो लिया ही है। बीजेपी इस मसले पर कोई कार्रवाई करती है तो उसमे भी फास सकती है और नहीं करती है तो विपक्ष उसे जीने नहीं देगी। जनता के बीच उसे नंगा करेगी।

editorial

editor

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button