रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर सियासत जारी, विपक्ष में आखिर क्यों है मारा-मारी?
Ayodhya Pran Pratishtha Politics: अयोध्या (Ayodhya) में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सियासत जारी है। जैसे जैसे 22 जनवरी नजदीक आती जा रही है। विपक्षी दलों का बीजेपी पर हमला तेज हो गया है.। कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Naresh) ने कहा है कि बीजेपी (BJP) भगवान राम का राजनीतिकरण कर रही है और अयोध्या (Ayodhya) में राजनीतिक समारोह हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि अयोध्या (Ayodhya) लंबे समय से बीजपी औऱ संघ का प्रोजेक्ट है। तो वहीं समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने दावा किया कि शंकराचार्य की नजर से ये धार्मिक कार्यक्रम नहीं है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य की नजर से ये धार्मिक कार्यक्रम नहीं है।22 जनवरी को कौन आएगा कौन नही ये बीजेपी आरएसएस तय करेगी क्या।
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मध्यप्रदेश (MP) के रीवा पहुंचे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने दावा किया कि संघ का उद्येश्य ही मस्जिद को तोड़ना था। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर को लेकर अपने ही पार्टी के नेताओं पर निशाना साधा है । प्रमोद कृष्णम ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी में कुछ बेताल है , जिनसे कांग्रेस नेतृत्व परेशान है । 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के लिए कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को भी निमंत्रण मिला है । न्यौता मिलने पर प्रमोद कृष्णम ने खुशी जताई है । हालांकि।प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विरोध करने पर उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओ पर निशाना साधते हुए राम विरोधी कांग्रेसियों को बेताल बताया है ।वहीं प्रमोद कृष्णम ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी हमला बोला है । उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव 22 जनवरी को भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होकर अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं ।
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प्रमोद कृष्णम ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए यह सुनहरा अवसर है , वह 22 जनवरी को भगवान श्री राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होकर अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं , सपा के पापों के प्रायश्चित के लिए अखिलेश यादव को 22 जनवरी को अयोध्या अवश्य जाना चाहिए।