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ममता और अखिलेश बनाएंगे बीजेपी -कांग्रेस से अलग तीसरा मोर्चा 

Mission 2024 News! Akhilesh Yadav meets Mamata Banerjee - News Watch India

India Political News! विपक्षी एकता की बात अभी चल ही रही है कि ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने तीसरे मोर्चे की मुनादी कर दी है। इन दोनों नेताओं की मुलाकात कोलकाता में हुई ,बात हुई ,मंथन हुआ और फिर आगे की रणनीति को लेकर एक सहमति बन गई। बंगाल में ममता अकेले चुनाव लड़ेगी और यूपी में अखिलेश अपने रालोद गठबंधन के साथ हुंकार भरेंगे। इन दोनों नेताओ ने साफ़ कर दिया है कि अभी कांग्रेस की कोई जरूरत नहीं है। ममता बनर्जी अगले सप्ताह ओडिशा के मुख्यमंत्री नविन पटनायक से मिलेंगी। कहा जा रहा है कि इस मोर्चा में नविन भी सहभागी हो सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो खेल कुछ और ही हो सकता है। इस मोर्चा ने बीजेपी को हराने की बात कही है।    

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ममता  और अखिलेश ने अभी कांग्रेस और बीजेपी से सामान दुरी रखने का निर्णय लिया है। ममता की कोशिश है कि नविन पटनायक भी इस ग्रुप में शामिल हो जाए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ नविन भी इस मसले पर ममता की राय से वास्ता रख रहे हैं। लेकिन अभी पूरी तरह से नविन पटनायक इस मंच से जुड़ेंगे या नहीं ,कहा नहीं नहीं जा सकता। लेकिन इस बात की गारंटी हो गई है कि पटनायक अगर इस मंच या मोर्चा के साथ नहीं भी आते हैं तो भी अखिलेश और ममता का मोर्चा कांग्रेस को साथ नहीं रखेगा        

ममता बनर्जी के सांसद  संसद के भीतर कांग्रेस की बैठक में नहीं भाग लेते हैं और न ही पैदल मार्च में ही टीएमसी ने हिस्सा लिया। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाने में तो कामयाब रहे रहे लेकिन ममता की पार्टी इससे दूर ही रही। पिछले दिन टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि राहुल के बयान का इस्तेमाल करके बीजेपी संसद को नहीं चलने दे रही है। उन्होंने यह भी कहा बीजेपी चाहती है कि राहुल विपक्ष का चेहरा बने। सुदीप ने कहा कि राहुल ने विदेश में टिप्पणी की और बीजेपी संसद को नहीं चलने दे रही है। इसका मतलब है कि वह कांग्रेस का इस्तेमाल करके संसद नहीं चलाना चाहते। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम पद के चेहरे पर अभी कोई फैसला की जरूरत नहीं है। 


   उधर सपा लगातार खड़गे द्वारा बुलाई गई विपक्ष की हर बैठक में साथ तो देती है लेकिन चुनाव में वह कांग्रेस के साथ नहीं जाना चाहती। सपा की समझ है कि कांग्रेस यूपी में चुनाव लड़े ही नहीं या लड़े भी तो सपा जो राय देगी उसी के मुताबिक कांग्रेस चले। सपा यह भी चाहती है कि जो पार्टी जहां मजबूत है वहां पूरी मजबूती के साथ वह लड़े और कांग्रेस जहां मजबूत है और जहां बीजेपी से उसकी सीधी लड़ाई है वहाँ कांग्रेस बेहतर करे। ममता की सोंच भी यही है।  अब देखना है कि ममता की यह पहल और कितनी पार्टियों को अपनी तरफ खींचती है। आप कहाँ जाएगी ,केसीआर कहाँ जायेंगे यह भी बड़ा सवाल है। अगर बिना एक हुए अलग -अलग सब चुनाव लड़ेंगे तो बीजेपी की राह आसान होगी। बीजेपी यही चाहती भी है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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