Sliderउत्तर प्रदेशबड़ी खबरराजनीति

रामलला का मंदिर बनकर तैयार, I.N.D.I.A का इंतजार…विपक्ष में दरार!

Rift in opposition in ram temple inauguration: अगले साल 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर  (Ram Mandir) के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं लेकिन इस पर सियासत भी तेज हो गई है । तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो राम मंदिर के उद्घाटन में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) के शामिल होने की संभावना नहीं है । टीएमसी (TMC) का कहना है कि उनकी पार्टी राजनीति को धर्म के साथ मिलाने में विश्वास नहीं करती है ।  वहीं एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) का कहना है कि उनको निमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन उन्हें राम मंदिर बनने की खुशी है । पवार (Sharad Pawar)ने बीजेपी (BJP) पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास कोई और मुद्दा नहीं है, इसलिए राम मंदिर का मुद्दा आगे बढ़ाया जा रहा है।

Also Read: Latest Hindi News Political News । News Today in Hindi

तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी (BJP) का आरोप है कि टीएमसी (TMC) और कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं । अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने को लेकर कांग्रेस के सहयोगियों ने उसपर दबाव बनाना शुरू कर दिया है । इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने कांग्रेस को बीजेपी से सावधान रहने की चेतावनी दी है । केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के दूसरे सबसे बड़े सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने कहा है कि चुनावों से पहले बीजेपी कोई ना कोई मुद्दा सामने लाती है लिहाजा कांग्रेस बीजेपी के झांसे में ना आए ।

Also Read: Latest Hindi News Political News । News Today in Hindi

पिछले सप्ताह ही कांग्रेस पार्टी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को धन्यवाद दिया था । वहीं जेडीयू का कहना है कि मुस्लिम लीग राम मंदिर को बीजेपी से ना जोड़े । जिसको भी निमंत्रण मिलता है उस पार्टी को समारोह में जरूर जाना चाहिए । केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि 22 जनवरी को देश उत्सव मनायेगा।कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राम मंदिर को लटकाने का काम किया । जाहिर है अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर को लेकर राजनीति दो ध्रुवों में बंट गई है । पूरा देश 22 जनवरी का इंतजार कर रहा है लेकिन सियासतदानों को अपने वोट बैंक की चिंता सताये जा रही है ।

editorial

editor

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button