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Karwa Chauth 2023: इस बार बन रहा करवा चौथ पर शिव योग का संयोग, इस वक्त पूजा करने पर मिलेगा कई गुना लाभ

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ (Karwa Chauth ) का व्रत सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य का प्राप्ति के लिए कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखती है। इस साल करवा चौथ पर बहुत ही शुभ संयोग बन रहे हैं। आइए जानते है करवाचौथ (Karwa Chauth 2023) पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और पूजा विधि।

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करवा चौथ का व्रत सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करती हैं। करवाचौथ हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस बार करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर बुधवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन कार्तिक संकष्टी चतुर्थी होती है। इस व्रत में भगवान शिव माता पार्वती और चंद्रमा का पूजन किया जाता है। इस बार करवा चौथ (Karwa Chauth 2023) पर कई शुभ योग भी बन रहे हैं। आइए जानते हैं करवा चौथ पर पूजा का शुभ मुहूर्त चंद्रोदय का समय।

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पंचांग के मुताबिक 1 नवंबर करवा चौथ (Karwa Chauth) के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। साथ ही इस दिन चंद्रमा इस दिन शाम में 4 बजकर 12 मिनट तक अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे। इस दिन दोपहर में 2 बजकर 7 मिनट से शिव योग भी रहेगा। इस बार करवा चौथ पर इन शुभ योग में पूजन करने से उत्तम फल की प्राप्ति (Karwa Chauth 2023) होगी।
करवा चौथ पूजन का शुभ मुहुर्त
सुबह पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 7 बजकर 55 मिनट से 9 बजकर 18 मिनट तक अमृत चौघड़िया में व्रत करें। इसके बाद 10 बजकर 41 मिनट से लेकर 12 बजकर 4 मिनट तक शुभ चौघड़िया में पूजा करना शुभ रहेगा। शाम के समय 4 बजकर 13 मिनट से शाम में 5 बजकर 36 मिनट तक लाभ चौघड़िया में पूजन करना लाभप्रद (Karwa Chauth 2023) होगा।

करवाचौथ पर चंद्रोदय का समय
आपको बता दें 1 नवंबर 2023 यानि बुधवार को करवा चौथ (Karwa Chauth) के दिन चंद्रोदय रात में 8. 26 मिनट पर होगा।

करवा चौथ पूजा विधि
• करवा चौथ के दिन सुबह स्नान आदि करें इसके बाद संकल्प लें। मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं (Karwa Chauth 2023) करिष्ये। इस मंत्र को बोलकर संकल्प लें।
• पूरे दिन निर्जला रहकर करवा चौथ व्रत (Karwa Chauth) किया जाता है।
• इसके बाद गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित (Karwa Chauth) करें। इसे वर कहते हैं।
• इसके बाद 8 पूरियों का अठावरी बनाएं। साथ में कुछ मीठा और पकवान बनाएं
• इसके बाद पीली मिट्टी से (Karwa Chauth) गौरी माता की प्रतिमा बनाएं और उनकी गोद में गणपति बप्पा (Karwa Chauth) बनाकर बिठाएं।
• गौरी की लकड़ी के (Karwa Chauth) आसन पर बिठाएं। चौक बनाकर आसन को उसपर रखें। गौरी को चुनरी ओढ़ाएं। बिंदी आदि सुहाग आदि सामग्री माता पार्वती (Karwa Chauth) को अर्पित करें
• पूजा के वक्त जल से भरा 1 लोटा रखें।
• बायना देने के लिए मिट्टी का टोंटीदार (Karwa Chauth) करवा लें। करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें। उसके ऊपर दक्षिणा (Karwa Chauth) रखें।
• रोली से करवे पर स्वास्तिक (Karwa Chauth) बनाएं। माता गौरी भगवान गणेश और करवा माता की विधिवत (Karwa Chauth) पूजा करें।
• करवे पर 12 बिंदी रखें और गेहूं चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ (Karwa Chauth) की कथा कहें या सुनें। कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ से पानी घूमाकर अपनी सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा (Karwa Chauth) उन्हें दे दें।
• रात्रि में चंद्रमा निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद अपने पति से आशीर्वाद (Karwa Chauth) लें।

Prachi Chaudhary

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