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Human Rights Day 2023: भारतीय नागरिक होने के नाते आपके पास कौन-कौन से हैं अधिकार? आज जान लीजिए ये जरूरी बात

World Human Rights Day: आज मानवाधिकार दिवस है। देशभर में ये दिन मनाया जा रहा है। लोगों को मानवाधिकारों के बारे में जागरुक करने के तमाम कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। लेकिन क्या आपको पता है भारत में कौन-कौन से मानवाधिकार हैं।

भारत समेत दुनियाभर में 10 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस (World Human Rights Day) मनाया जाता है। आज के ही दिन साल 1948 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकारों को अपनाने की घोषणा की थी। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा 10 दिसंबर 1950 को की गई। इस साल मानवाधिकार की थीम ‘सभी के लिए स्वतंत्रता, समानता और न्याय’ है। भारत में मानवाधिकार के लिए संविधान में कानून बनाया गया है। हर एक भारतीय इन अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए।

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भारत में मानवाधिकार

मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकार परिषद जिसे UNHRC का गठन किया। इसमें यूएन के 47 सदस्य देश शामिल हैं। भारत को 2021 में छठी बार UNSC के लिए चुना गया। भारत 2024 तक इसका सदस्य रहेगा। भारतीय संविधान में मानवाधिकारों को शामिल किया गया है। मूल अधिकारों में ही इसके लिए प्रावधान किए गए हैं। आर्टिकल 12 से लेकर 35 तक हर नागरिक को बिना भेदभाव 6 मूल अधिकार दिए गए हैं। स्टेट पर ये अधिकार बाध्यकारी हैं। अगर इनका हनन होता है तो नागरिक कोर्ट का सहारा ले सकते हैं। वहीं संविधान के भाग 4 में नीति निर्देशक तत्वों में भी मानवाधिकार को सुनिश्चित किया गया है।

देश में नागरिकों को कौन-कौन से अधिकार?

भारत में नागरिकों को मिलने वाले अधिकारों को दो तरीके से बांटा गया है। पहला है ‘आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक अधिकार’ और दूसरा ‘नागरिक एवं राजनीतिक अधिकार’। सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार में मिलने वाले अधिकारे ये हैं:

• सामाजिक सुरक्षा (Human Rights) का अधिकार
• समान काम (Human Rights) के लिये समान वेतन का अधिकार
• काम करने का अधिकार
• आराम तथा फुर्सत का अधिकार

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वहीं, नागरिक और राजनीतिक अधिकार ये हैं:

• दासता (Human Rights) से मुक्ति का अधिकार
• निर्दयी, अमानवीय व्यवहार (Human Rights)या सजा से मुक्ति का अधिकार
• कानून के समक्ष समानता (Human Rights) का अधिकार
• प्रभावशाली न्यायिक इलाज का अधिकार
• आवागमन तथा निवास स्थान चुनने की स्वतंत्रता
• शादी करके घर बसाने का अधिकार
• विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
• उचित निष्पक्ष मुकदमें का अधिकार
• न्यायालय द्वारा सार्वजनिक सुनवाई का अधिकार
• अपराधी साबित (Human Rights)होने से पहले बेगुनाह माने जाने का अधिकार
• व्यक्ति (Human Rights) की गोपनीयता, घर,परिवार तथा पत्र व्यवहार में अवांछनीय हस्तक्षेप पर प्रतिबंध
• शांतिपूर्ण ढंग से किसी जगह पर इकट्ठा होने का अधिकार
• शरणागति प्राप्त (Human Rights) करने का अधिकार
• राष्ट्रीयता का अधिकार
• अपने देश की (Human Rights) सरकारी गतिविधियों में भाग लेने का अधिकार
• अपने देश की सार्वजनिक सेवाओं (Human Rights) तक सामान पहुंच का अधिकार

कौन रखता है मानवाधिकारों पर निगरानी?

भारत में नागरिकों को मिलने वाले मानवाधिकारों की निगरानी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) करता है। मानव अधिकारों के संरक्षण के मामले में यह देश की सर्वोच्च संस्था है। यह एक सांविधिक निकाय है, जिसका गठन 1991 के पेरिस सिद्धांतों के मुताबिक हुआ है। ये आयोग किसी भी मानवाधिकारों से जुड़े मामले में न सिर्फ दखल दे सकता है बल्कि जांच कर सकता है। इसके अलावा महिला आयोग और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग भी मानवाधिकारों का संरक्षण करने वाली संस्थाएं हैं।

Prachi Chaudhary

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