अंदर की बातट्रेंडिंगन्यूज़

मां की याद में कब-कब भावुक हुए PM Modi ? पढ़ें पूरी खबर..

मां हीराबेन के संघर्ष को लेकर भावुक PM Modi ने कहा था. पड़ोस के घरों में मां नेखाना बनाया.दूसरों के घरों में बर्तन धोए, मजदूरी की.

PM Modi की मां हीराबेन शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गईं. हीराबेन ने 100 साल की उम्र में अहमदाबाद के अस्पताल में अंतिम सांस ली. मां के निधन की जानकारी, खुद PM मोदी ने ट्विटर पर एक बेहद भावुक मैसेज लिखते हुए शेयर की. मां के निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होंने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से. 

प्रधानमंत्री का अपनी मां के साथ बहुत ही गहरा लगाव था.अपने हर जन्मदिन पर मोदी हमेशा मां का आशीर्वाद लेना नहीं भूलते थे.पीएम रहते हुए भी मोदी के परिवार के लोग साधारण जीवन जीते हैं.मोदी की मां भी बहुत सादा जीवन जीती थीं.

PM Modi ने 18 जून को अपनी मां को लेकर एक ब्लॉग लिखा था.जिसमें पीएम मोदी ने लिखा था.मां, ये सिर्फ एक शब्द नहीं हैं.जीवन की ये वो भावना होती जिसमें स्नेह, धैर्य, विश्वास, कितना कुछ समाया होता है. दुनिया का कोई भी कोना हो, कोई भी देश हो, हर संतान के मन में सबसे अनमोल स्नेह मां के लिए होता है.मां, सिर्फ हमारा शरीर ही नहीं गढ़ती बल्कि हमारा मन, हमारा व्यक्तित्व, हमारा आत्मविश्वास भी गढ़ती है और अपनी संतान के लिए ऐसा करते हुए वो खुद को खपा देती है, खुद को भुला देती है.

मेरी मां जितनी सामान्य हैं, उतनी ही असाधारण भी.ठीक वैसे ही, जैसे हर मां होती है.आज जब मैं अपनी मां के बारे में लिख रहा हूं, तो पढ़ते हुए आपको भी ये लग सकता है कि अरे, मेरी मां भी तो ऐसी ही हैं, मेरी मां भी तो ऐसा ही किया करती हैं.ये पढ़ते हुए आपके मन में अपनी मां की छवि उभरेगी.

मां की तपस्या, उसकी संतान को, सही इंसान बनाती है.मां की ममता, उसकी संतान को मानवीय संवेदनाओं से भरती है…मां एक व्यक्ति नहीं है, एक व्यक्तित्व नहीं है, मां एक स्वरूप है। हमारे यहां कहते हैं, जैसा भक्त वैसा भगवान.वैसे ही अपने मन के भाव के अनुसार, हम मां के स्वरूप को अनुभव कर सकते हैं.

सितंबर 2015 में फेसबुक के मुखिया मार्क जुकरबर्ग ने प्रधानमंत्री से सवाल करते हुए कहा था कि, मै आपसे एक व्यक्तिगत सवाल करना चाहता हूं.जैसा कि मै समझता हूं.आपके जीवन में आपकी मां का बहुत ही योगदान है…हमें आशा है कि, आप हमें कुछ उनके बारे में बताएंगे.

News watch India
फाइल

जिसके जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि, मेरे भी जीवन में मां-बाप का बहुत योगदान रहा है.मैं भी गरीब परिवार से हूं, जैसा कि आपसब जानते हैं.मै रेलवे स्टेशन पर चाय बेचता था.पिता जी तो रहे नहीं.माता जी है जोकि, 90 साल से ऊपर है.आज भी सारे काम खुद करती हैं.बचपन में परिवार का गुजारा करने के लिए उन्होंने पड़ोस के घरों में खाना बनाने का काम किया.घरों में बर्तन धुले.पानी तक भरने का काम किया.मजदूरी की.और इस बीच पीएम की आंखों में आंसू भी आ गए थे.

इसके साथ ही प्रधानमंत्री (PM Modi) ने कहा था कि, यह सब सिर्फ मेरे मामले में ही नही है.दुनिया में ऐसी लाखों माताएं हैं…जिन्होंने बच्चों के सपनों के लिए.अपना पूरा जीवन आहूत कर दिया है.

इसके साथ ही.2019 में अभिनेता अक्षय कुमार को दिए गए इंटरव्यू में भी मां हीराबेन को लेकर कई खुलासे किए थे.

फाइल फोटो

अभिनेता अक्षय कुमार ने PM से मां को लेकर सवाल किया था कि, वह अपनी सैलरी से हर महीने मांं को कितने रूपए भेजते हैं ? जिसका जवाब देते हुए बताया था कि, वह अपनी मां को रूपए नहीं भेजते बल्कि, मां उन्हें आज भी उन्हें रूपए देती हैं. वह जब भी मां से मिलने जाते हैं, मां उनको हर बार 101 रूपए देती हैं.

यह भी पढ़ें : आखिरकार गांधी परिवार ने संघ के सामने घुटने टेक दिए. कांग्रेसियों अब कभी ये मत कहना कि आजादी की लड़ाई में सिर्फ कांग्रेसियों का योगदान है।

जब देश ने मोदी को जाना तो साथ ही मां को भी जाना. जब-जब प्रधानमंत्री मां को लेकर भावुक हुए..तब-तब देश भी भावुक हुआ.प्रधानमंत्री को जब कभी भी मौका मिला तो उन्होंने मां के त्याग और ईमानदारी की मिसाल को देश के सामने रखा.जिससे देश को प्रेऱणा मिले.

बता दें कि, पीएम मोदी की मां हीराबेन इसी साल 18 जून 2022 में 100 साल की हुई थीं.बीते मंगलवार रात तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.और बुधवार को अहमदाबाद के यूएन मेहता अस्पताल में भर्ती कराया गया था.गुरुवार, 29 दिसंबर को अस्पताल की ओर से जारी बयान में बताया गया था कि उनकी तबीयत में सुधार है, लेकिन शुक्रवार, 30 दिसंबर सुबह उनका निधन हो गया.भारत जैसे ताकतवर देश के पीएम बनने के बाद भी मोदी की मां ने साधारण जीवन जिया, मोदी का परिवार भी आम लोगों की तरह जीवन जीता है.एक असाधारण पीएम मोदी भी खुद सादा जीवन जीते हैं.जो दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्षों के लिए मिसाल है.मोदी की मां का इस दुनिया से जाना वाकई मोदी की जिंदगी में एक खालीपन एक शून्य की तरह है.जिसका भरपाना शायद ही मुश्किल है.लेकिन कर्तव्यों के कर्मपथ पर चलने वाले योगी को अपने परिवार से ज्यादा देश के रूप में जो परिवार मिला है उसकी चिंता ज्यादा है.क्यों कि परिवार से ज्यादा देश महत्वपूर्ण है.और यही संस्कार मोदी को अपनी मां से मिले हैं.अपनी मां की यादों को सहेजे मोदी अपने कर्म पथ पर अग्रसर हैं.और उन पर मां हीरा बा का आशीर्वाद है.

अतुल कुमार, पत्रकार

news watch india
Team News Watch India

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button