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क्या देश के चार दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे ?

Political News: सत्ता में फिर से लौटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी हर प्रयास कर रहे हैं। उनकी चाहत है कि इस बार के चुनाव में भी बीजेपी की जीत हो और वे फिर से सत्ता की कुर्सी पर बैठें। कभी -कभी माया और तृष्णा इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी हो जाती है। बीजेपी के भीतर आज भले ही कोई भी नेता पीएम मोदी के खिलाफ कुछ न बोले लेकिन इसका मतलब कतई नहीं कि बीजेपी के भीतर कलह नहीं है और सब नेता पीएम मोदी की राजनीति को सही ही मानते हैं। जब तक उनके नाम पर जीत हो रही है तब तक नेता गण तालियां बजाने से बज नहीं आएंगे लेकिन जैसे ही हार होगी बीजेपी के वही नेता तालियों से पीएम मोदी का स्वागत करते हैं। कल बहुत कुछ कहने को आतुर भी हो जायेंगे। हार और जीत के बीच का असली अंतर यही तो है।

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लेकिन इस बात की सम्भावना जिद बनती दिख रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव में देश के कम से कम चार बड़े नेता लोकसभा चुनाव में शामिल नहीं हो सकेंगे। वे चुनाव लड़ना नहीं चाहेंगे और चुनावी राजनीति से खुद को अलग कर लेंगे। जिन चार नेताओं की चर्चा इन दिनों चल रही है उनमें शामिल हैं सोनिया गांधी, पफरिख अब्दुला, शिबू सोरेन और देवगौड़ा। सोनिया गाँधी कांग्रेस की अध्यक्ष रह चुकी है और अभी रायबरेली से सांसद हैं। शिबू सोरेन झामुमो के संस्थापक है और उन्हें आदिवासियों के बीच दिशोम गुरु के नाम से जाना जाता है। उनके रजनीतिक संघर्ष की कथा झारखंड जंगलों में भी कही जाती है। वे अभी झामुमो के राज्यसभा सांसद हैं। इनका कार्यकाल 2026 तक का है। पिछले चुनव में वे हार गए थे। देवगौड़ा जेडीएस के संस्थापक हैं। पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके हैं और कर्नाटक की राजनीति में उनका अपना दखल है। देवगौड़ा भी राज्य सभा सांसद है और इनका कार्यकाल भी 2026 तक का है। उधर फारुख अब्दुला जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम रह चुके हैं और नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक रहे हैं।

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सोनिया गांधी अभी कांग्रेस संसदीय दल की नेता हैं। उनके बारे में कहा जा रहा है कि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ेगी लेकिन कर्नाटक से वे राज्य सभा की सदस्य बन सकती हैं। अगले साल मार्च में कर्नाटक में राज्यसभा का चुनाव होना है। अगर वे कर्नाटक से चुनी जाती है तो साफ़ हो जाएगा कि वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। अब सोनिया गाँधी के रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ने की हालत में रायबरेली से कौन चुनाव लड़ेगा यह भी देखना दिलचस्प होगा। यूपी की अमेठी और रायबरेली सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है। अमेठी से राहुल गाँधी चुनाव लड़ते रहे हैं जबकि रायबरेली से सोनिया गाँधी चुनाव लड़ती रही है। पिछली बार राहुल गाँधी अमेठी से चुनाव हार गए थे और वे केरल के वायनाड सीट से जीतकर आये थे। इस बार राहुल कहाँ से लड़ेंगे यह भी कोई साफ़ नहीं है। लेकिन रायबरेली का क्या होगा यह भी बड़ा सस्पेंस है। क्या प्रियंका गाँधी यहाँ से लड़ेगी ? अभी इस बारे में कुछ भी कहना आसान नहीं है। उधर श्रीनगर से चुनाव लड़ने वाले फारुख अब्दुला भी इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनकी तबीयत अब ठीक नहीं रह रही है। जानकारी के मुताबिक उनकी जगह तीन नमो पर चर्चा चल रही है। उधर शिबू सोरेन की जगह भी नए चेहरे की तलाश की जा रही है। हालांकि नए नामो में ममता बनर्जी का भी नाम चल रहा है कि वे शायद इस बार चुनाव नहीं लादेन। केसीआर भी चुनाव लड़ेंगे या नहीं इस पर भी कोई कुछ नहीं जानता। लेकिन कई लोग यह कह रहे हैं कि भले ही इस बार ये दिग्गज नेता लोकसभा का चुनाव नहीं लड़े लेकिन पवार की तरह ये दोनों नेता राज्य सभा में जा सकते हैं।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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