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अवैध तरीके से भारत में आईं सीमा हैदर को क्या मिलेगी भारत की नागरिकता? जानें नियम

Seema Haider: इन दिनों पाकिस्तान की सीमा गुलाम हैदर और ग्रेटर नोएडा के सचिन मीणा की प्रेम कहानी सुर्खियों में है। दोनों के बीच PUBG खेलते वक्त इश्क हुआ। ये इश्क ऐसा परवान चढ़ा कि सीमा हैदर (Seema Haider) पहले दुबई फिर नेपाल होते हुए ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा गांव पहुंच गईं। इसी महीने की चार तारीख को सचिन और उनके पिता के साथ सीमा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, बाद में सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

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फिलहाल सीमा अपने प्रेमी के साथ ही रह रही हैं और दांवा करती है कि वह अब वापस पाकिस्तान नहीं जानना चाहती। हालांकि, सीमा के खिलाफ कानूनी अड़चनें उनके एक कठिन भविष्य की ओर इशारा करती है।

आखिर कौन हैं सीमा हैदर (Seema Haider)?

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सीमा हैदर एक पाकिस्तानी महिला हैं जो सिंध प्रांत की निवासी हैं। 27 वर्षीय सीमा का पूरा नाम सीमा गुलाम हैदर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीमा अपने पहले पति गुलाम हैदर के साथ कराची में रह रहीं थीं। उनके पति ने उन्हें फोन पर तलाक दे दिया था और अब वो संपर्क में नहीं है।

जानकारी के मुताबिक, सीमा के पूर्व पति गुलाम हैदर सऊदी अरब में काम करते हैं। सीमा ने इस साल की शुरुआत में अपनी दूसरी शादी सचिन के साथ नेपाल के काठमांडू में की थी और हिंदू धर्म अपना लिया था।

भारत कैसे पहुंचीं Seema Haider और गिरफ्तारी कब हुई?

सीमा और सचिन के बीच PUBG गेम खेलने के दौरान जान-पहचान हुई थी। कोरोना काल में वीडियो कॉलिंग के जरिये नजदीकियां बढ़ने के बाद सीमा अपने चारों बच्चों को लेकर इसी साल 13 मई नेपाल के रास्ते पाकिस्तान से भारत आ गईं थीं। सचिन, सीमा और सीमा के चारों बच्चे रबूपुरा के आंबेडकर नगर में किराये के मकान में रह रहे है. मामले की भनक पुलिस को लगते ही सीमा 4 बच्चों और सचिन के साथ फरार हो गई। पुलिस टीम ने सभी को 4 जुलाई को हरियाणा के बल्लभगढ़ में हिरासत मे लिया।

किस आरोप में पुलिस ने सीमा को गिरफ्तार किया?

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नोएडा पुलिस ने सचिन के एक पड़ोसी द्वारा उनकी शादी की वैधता के बारे में शिकायत मिलने के बाद जोड़े की गिरफ्तारी की थी। सीमा पर अपने प्रेमी सचिन के साथ रहने के लिए बिना वीजा या नागरिकता के भारत में प्रवेश करने का आरोप लगाया गया।

सीमा पर विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 14 के तहत आरोप लगाया गया है। इस धारा में कहा गया है कि जो कोई भी उस अवधि से अधिक अवधि के लिए इंडिया में रहता है जिसके लिए उसका वीजा (visa) बनवाया गया था या जो कोई भी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे एक अवधि के लिए जेल की सजा देकर दंडित किया जाएगा। जिसे 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी देना होगा।

सीमा और अन्य आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी के तहत भी आरोप हैं। इसमें कहा गया है कि जो कोई भी अपराध करने की साजिश में भागीदार है, उसे 2 साल या उससे ज्यादा की अवधि के लिए कठोर जेल की सजा दी जाएगी।

रिहाई कब और क्यों हुई?

गिरफ्तारी के बाद सीमा और अन्य आरोपियों को नोएडा की लुक्सर जेल ले जाया गया। हालांकि, सात जुलाई को जेवर की एक अदालत ने सभी को जमानत दे दी। इसके अलावा, सीमा को 30,000 रुपये के 2 निजी मुचलके जमा करने के लिए कहा गया।

साथ ही अदालत ने मामला चलने तक सीमा को अपना निवास स्थान नहीं बदलने की शर्त रखी है। बताया गया कि जोड़े को नियमित रूप से अदालत के समक्ष अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए कहा गया है। जमानत की शर्तों के अनुसार, सीमा अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ सकती हैं।
इस बीच, सीमा ने दांवा किया कि उन्हें पाकिस्तान वापस नहीं जाना है, क्योंकि अगर वह पाकिस्तान वापस गई तो उसे मार दिया जाएगा।

Seema Haider को भारत की नागरिकता मिलेगी?

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भारतीय कानून की नजर में सीमा हैदर एक ‘अवैध प्रवासी’ हैं। अवैध प्रवासी वह विदेशी होता है जो या तो पासपोर्ट और वीजा जैसे वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना देश में प्रवेश करता है। इसके साथ ही वह व्यक्ति भी अवैध प्रवासी कहलाता है जो वैध दस्तावेजों के साथ देश में प्रवेश करता है, लेकिन वीजा की अवधि खत्म हो चुकी है.

Read: सीमा लव हिस्ट्री में आया दिलचस्प मोड़, इस तरह से हो रही सीमा भाभी की मुंह दिखाई

पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 भारत में व्यक्तियों के प्रवेश से संबंधित है। यह पासपोर्ट जैसे वैध यात्रा दस्तावेजों की आवश्यकताओं के निर्देश के बारे में है। इसके तहत अवैध प्रवेश या जाली दस्तावेजों के इस्तेमाल पर जुर्माना लगाता है।

ये 2 अधिनियम उन प्रमुख कानूनों में से हैं ये तब लागू किए जाते हैं जब कोई पाकिस्तानी नागरिक अवैध रूप से जाली दस्तावेजों के साथ इंडिया में प्रवेश करता है। अन्य कानूनों में भारतीय दंड संहिता (IPC), पासपोर्ट अधिनियम, 1967 और विदेशी आदेश, 1948 शामिल हैं। हालांकि, प्रत्येक केस में कार्रवाई परिस्थितियों, साक्ष्य और कानून प्रवर्तन अधिकारियों (law enforcement officers) और आव्रजन अधिकारियों (immigration officers) के विवेक के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।

सीमा के पास क्या विकल्प हैं?

नागरिकता मिलने के पहलुओं पर सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता कहते हैं, ‘सीमा अभी अवैध रूप से देश में आई हैं। नियम के मुताबिक उन्हें नागरिकता के लिए अप्लाई करना होगा। पुलिस की जांच के बाद संबंधित अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार इस बारे में फैसला लेगी। नागरिकता देना या नहीं देना, केंद्र सरकार का विशेषाधिकार है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकारों के मद्देनजर फैसला लिया जाता है।’ आगे विराग ने जोड़ा कि अवैध प्रवासी भी शरण मांगने के लिए नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकता है। अगर उनका आवेदन खारिज हो जाता है तो उन्हें वापस पाकिस्तान डिपोट किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्हें अवैध रूप से देश में दाखिल होने और फर्जी आधार कार्ड बनवाने के आरोप में सजा हो सकती है।

Prachi Chaudhary

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