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यूपी में दो दर्जन सांसदो को टिकट नहीं देगी बीजेपी ,कई नए चेहरे पर लगाएगी दाव !

Uttar Pradesh Politic’s: बीजेपी यूपी में बड़ा ऑपरेशन चला रही है ।इस ऑपरेशन का एक ही मकसद है ।मकसद है कि जो चुनाव जीतने वाले होंगे उन्हों को टिकट मिलेगी । इसके लिए बीजेपी ने दो आंतरिक सर्वे पहले कराए थे अब तीसरा सर्वे भी हुआ है हालाकि इस सर्वे की रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नही हो है लेकिन माना जा रहा है कारों दो दर्जन संसद ऐसे चिन्हित किए गए हैं जिनका परफॉर्मेंस काफी कमजोर है ।कुछ सांसदो को बढ़ती उम्र की वजह से टिकट नहीं दी जाएगी जबकि कुछ सांसदों को जनता में घटती लोकप्रियता की वजह से टिकट से वंचित किया जाएगा ।
आंतरिक सर्वे के मुताबिक वरुण गांधी ,उनकी माता मेनका गांधी ,हेमा मालिनी के साथ ही विवाद में चल रहे बृजभूषण शरण सिंह को टिकट से वंचित किया जा सकता है । इसके साथ ही रीता बहुगुणा को भी इस बार टिकट नहीं मिलेगी ।गाजियाबाद के सांसद वीके सिंह को भी टिकट नहीं दी जा सकती है ।उम्र के लिहाज से टी राजनाथ सिंह का भी टिकट काटना तय माना जाता है लेकिन इनकी लोकप्रियता की वजह से संभव है कि इस बार उन्हें टिकट मिल जाए लेकिन इसकी भी संभावना कम ही दिख रही है ।सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह अपनी जगह अपने बेटे को खड़ा कर सकते हैं ।

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दरअसल पीएम मोदी चाहते हैं कि इस बार उन्हों लोगों को टिकट मिले जिनकी जीत सुनिश्चित है ।ऐसे में पार्टी नेताओं के टिकट भले ही कट जाए लेकिन हार ठीक नही ।बीजेपी कुछ सीटों पर अपनी सहयोगी पार्टी के उम्मीदवारों को मैदान में उतारने को तैयार है ।इसके साथ ही कुछ बेहतर विधायको और होगी सरकार में मंत्रियों को भी चुनावी मैदान में उतारने को बात को जा रही है । बीजेपी मान कर चल रही है कि टिकट कटने से कुछ नेताओं का विद्रोह हो सकता है लेकिन बीजेपी को विद्रोह से ज्यादा जीत जरूरी है ।ऐसे में जिन नेताओं को इस बार सीट नही मिलेगी उनकी राजनीतिक विदाई भी तय मानी जा रही है ।
बीजेपी का टारगेट 80 सीट जीतने का है लेकिन बीजेपी की यह भी चाहत है कि पिछले चुनाव में पार्टी जो सीट को चुकी थी वह सीट उसके पाले में आ जाए ।इसे लेकर बीजेपी गठबंधन सहयोगी पार्टियों से भी बात कर रही है ।खबर के मुताबिक बीजेपी अपने तीनों गठबंधन साथियों से लगातार बात कर रही है और हर सीट के जातीय समीकरण को भी देख रही है ।राजभर इस बार पांच सीटों पर चुनाव लडना चाह रहे हैं ।इसके साथ ही अनुप्रिया पटेल भी पांच सीट चाहती है ।पिछले चुनाव में दो सोतों पर इसको जीत हुई थी ।उधर बीजेपी की सबसे मजबूत सहयोगी पार्टी संजय निषाद भी ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं ।संजय निषाद करीब 30 सीटों पर लड़ना तो चाहते हैं लेकिन उनका फोकस भी पा च सीटों पर है ।
संजय निषाद का पूर्वी यूपी के काफी जमीनी पकड़ है ।विधान सभा चुनाव में निषाद करीब 160 सीट को प्रभावित करते हैं। पूर्वांचल में निषाद को काफी पहचान भी है और पहुंच भी ।कहा जा राजा है कि बीजेपी इस बार भी संजय निषाद के जरिए निषाद वोट पाने के जुगाड में है ।यूपी में निषाद समुदाय के करीब 18 फीसदी वोट हैं और बीजेपी को लगता है कि निषाद को पांच सीट देकर दाव खेला जा सकता है ।
इधर सीटों के बंटवारे में बीजेपी की चुनौती तो बढ़ हो रही है इसी तरह की चुनौती हालाकि अन्य विपक्षी दलों की भी है लेकिन जिस तरह से बीजेपी बहुत से नेताओं का टिकट कटने का मन बना लिया है उससे पार्टी के भीतर कोई बड़ा खेल भी हो सकता है ।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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