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चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण ता उपर सुलतान है मत चुके चौहान वीर शिरोमणि महान योद्धा पृथ्वीराज चौहान जी की जन्म जयंति पर उन्हें सादर नमन…..

Samrat Prithviraj Chauhan: सम्राट पृथ्वीराज चौहान की यशगाथा को बताने की कोशिश कर रहा हूँ हम आप को बता दें सम्राट पृथ्वीराज चौहान की वीरता और कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी आंख नहीं होने के बाद भी सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गौरी को मार गिराया था।

सम्राट पृथ्वीराज चौहान वंश के हिंदू क्षत्रिय राजा थे। उत्तर भारत में 12 वीं सदी के उत्तरार्ध में उन्होंने अजमेर और दिल्ली पर राज किया था। सम्राट पृथ्वीराज चौहान का जन्म साल 1166 में अजमेर के राजा सोमेश्वप चौहान के घर हुआ था। गुजरात में जन्में सम्राट पृथ्वीराज चौहान बचपन से ही प्रतिभा दिखाई देती थी। दिल्ली के राजा अनंगपाल द्वितीय की इकलौती बेटी कर्पूरी देवी पृथ्वीराज चौहान की मां थीं। पिता की मृत्यु के बाद 13 साल की उम्र में ही उन्होंने अजमेर के राजगढ़ की गद्दी संभाल ली।

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बचपन में ही कुशल योद्धा रहे सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने युद्ध के कई गुण सीख थे। बाल्य काल में ही उनके अंदर योद्धा बनने के सभी गुण आ गए थे। दिल्ली के शासक और पृथ्वीराज चौहान के दादा अंगम ने पृथ्वीराज चौहान के साहस और बहादुरी की कहानियां सुनी तो बहुत प्रभावित हुए। इसके बाद उन्होंने पृथ्वीराज चौहान को दिल्ली के सिंहासन का उत्तराधिकारी बनाने का एलान कर दिया। पृथ्वीराज की एक कहानी प्रचलित है कि वह इतने शक्तिशाली थे कि एक बार बिना किसी हथियार के शेर को
मार दिया था।सम्राट पृथ्वी राज के वंशज कैप्टन सिंह भदौरिया

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