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द सिल्वर तीतर-दक्षिण पूर्व एशिया का एक सुंदर जमीन पर रहने वाला पक्षी

जमीन पर रहने वाला यह पक्षी फासीनिडे परिवार यानी मोर की श्रेणी में आता है। जबकि, बाकि तीतर, टर्की, बटेर और मुर्गियों जैसी प्रजातियों में आते हैं। इस नर पक्षी की पहचान चमकीले चांदी-सफेद पंखों और सिर, गर्दन और पूंछ पर काले निशान से होती है। cent Hindi News Bird

दोस्तों आपने एक से एक सुंदर पक्षी देखा होगा, लेकिन जिस पक्षी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। इस तरह के सुंदर पक्षी का नाम आप ने सिर्फ सुना ही होगा बल्कि, देखा नहीं होगा। आपके जहन में सवाल यही होगा कि ऐसा कौनसा पक्षी है जिसके बारे में हम नहीं जानते हैं।तो चलिये आपके बता ही देते हैं। इस पक्षी का नाम है सिल्वर फिजेंट जिसे लोफुरा निक्थेमेरा के नाम से भी जाना जाता है।इस पक्षी की प्रजाती ज्यादातर दक्षिणपूर्व एशिया में पाई जाती है।


यह पक्षी देखने में बेहद सुंदर लगता है

जमीन पर रहने वाला यह पक्षी फासीनिडे परिवार यानी मोर की श्रेणी में आता है। जबकि, बाकि तीतर, टर्की, बटेर और मुर्गियों जैसी प्रजातियों में आते हैं। इस नर पक्षी की पहचान चमकीले चांदी-सफेद पंखों और सिर, गर्दन और पूंछ पर काले निशान से होती है।

दक्षिण पूर्व एशिया में पाये जाने वाला चांदी के रंग वाला ये तितर घने जंगलों में ऐसी जगह पाया जाता है। जहां पानी ज्यादा मात्रा में पाया है।यह एक सर्वाहारी पक्षी है, जो कीड़ों, बीजों, फलों और छोटे जीव जंतुओं को भी खाता है।प्रजनन के मौसम में, नर रजत तीतर अपने खूबसूरत पंखों का प्रदर्शन करते हैं और मादा साथी को अपने पास बुलाने के लिये आकर्षित करती है।

मादा सिल्वर तीतर आमतौर पर करीब 12 अंडे देती है, जिसे वह लगभग 24 दिनों तक सेती है। हैचिंग के बाद, चूज़े काफी चंचल होते हैं। इनके चूजों की आंखे पैदा होते वक्त खुली होती है। इस सिल्वर तीतर के चूजे पैदा होने के कुछ समय बाद ही खुद भोजन की तलाश में निकल पड़ते हैं।और कुछ ही महीनों में वे पूरी तरह से अपने आप में परिपक्त हो जाते हैं।

ये चूजे काफी तेजी से बढ़ते हैं

इस लुभावने पक्षी को देखने के लिये लोगों में खासा उत्साह होता है।क्योकि ये पक्षी काफी लोक प्रिय होता है। खासकर कुछ शौकीन लोग इन्हे एवियरी और गेम फार्मों में सजावटी पक्षियों के रूप में रखते हैं। उनके शांत और विनम्र स्वभाव के कारण, इनकी देखभाल करने में भी आसानी होती है।ये अच्छे पालतू पक्षी बनते हैं। हालांकि जंगली जानवरों से इनके बचाव के लिये काफी ध्यान रखने की जरूरत है।


सिल्वर तीतर को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) द्वारा “कम से कम चिंता” की प्रजाति के रूप में कई भागों में बांटा गया है। फिलहाल इसके विलुप्त होने का कोई खतरा नहीं है।हालांकि, शिकारियों का खतरा उन पर हमेशा मंडराता रहता है।सिल्वर तीतर दक्षिण पूर्व एशिया का एक आश्चर्यजनक जमीन पर रहने वाला पक्षी है। इसके आकर्षक चांदी-सफेद पंख और काले निशान इस पक्षी की सुंदरता में और भी चार चांद लगा देते हैं।

Pramod Sharma

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