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Marriage Life: अगर पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन में चल रहा मनमुटाव, ग्रहों की स्थिति चल रही खराब, तो अपनाएं ये तरीके

नई दिल्ली: विवाह का सीधा संबंध हमारे संस्कारों से होता है. विवाह में आप चाहे जितनी गणना कर लें, विवाह वहीं होता है जहां होना होता है. इसलिए कोई भी विवाह गलत या सही नहीं होता. फिर भी हम कोशिश करते हैं कि वैवाहिक जीवन सुखी हो. अगर ऐसा विवाह हो गया है, जिसमें वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही है तो फिर कारण ढूंढकर उसका निवारण करें.

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पति पत्नी एक-दूसके के सुख-दुख के साथी होते हैं. उन्हें अपने रिश्ते के साथ परिवार की खुशियों को भी ध्यान में रखकर चलना पड़ता है. पर जब हम एक साथ परिवार के बीच रहते हैं तो थोड़ी बहुत नोकझोंक होती ही रहती है. वैसे ये लड़ाई ज्यादा देर तक नहीं चलती है लेकिन कभी कभी ये बड़ी हो जाती है , जिससे सबसे ज्यादा पति पत्नी का रिश्ता प्रभावित होता है. रिश्ते में दरार भी पड़ सकती है.

Marriage Life

अगर कुंडली में ग्रह मैत्री न हो

ग्रह मैत्री न हो तो पति-पत्नी के विचार नहीं मिलते

ये बेवजह एक दूसरे की बात काटते रहते हैं

छोटी छोटी बातों पर झगड़ते रहते हैं

उपाय

ऐसी स्थिति में पति पत्नी को अपना नाम ग्रह मैत्री वाला कर लेना चाहिए. साथ ही उसी नाम से पुकारने का प्रयास करना चाहिए.

एक व्यक्ति की कुंडली मांगलिक हो और दूसरे की न हो

ऐसी स्थिति में पति पत्नी के बीच खूब झगड़े होने लगते हैं

कभी कभी हिंसा, वाद विवाद और मुकदमे की नौबत आ जाती है

दोनों में से किसी एक स्वास्थ्य अक्सर ख़राब रहता है

जो व्यक्ति मांगलिक नहीं है, उसके जीवन में कर्ज और धन हानि की समस्या हो जाती है

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उपाय

ऐसी स्थिति में पति पत्नी को वर्ष में एक बार रुद्राभिषेक करवाना चाहिए. पति पत्नी को एक साथ घर में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करनी चाहिए. साथ ही जो पक्षकार मांगलिक है. उसे सलाह लेकर एक ओपल या मोती धारण करनी चाहिए.

अगर कुंडली में गुरु चांडाल योग हो

इस योग के होने पर दो विवाह की सम्भावनायें जरूर बनती हैं

पहला विवाह चरित्र दोष या विश्वास की कमी के कारण टूट जाता है

जिसकी कुंडली में गुरु चांडाल योग है, उसके जीवनसाथी की कुंडली में जीवन पर भी संकट आ जाता है

उपाय

ऐसी स्थिति में उपाय वह व्यक्ति करेगा, जिसकी कुंडली में दोष हो. नित्य प्रातः और सायं यथाशक्ति शिव जी की उपासना करें. सप्ताह में एक दिन भगवद्गीता का पाठ करें. सलाह लेकर एक पन्ना धारण करें. तामसिक आहार बिलकुल त्याग दें.

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