न्यूज़राजनीति

UCC पर PM के बयान पर  बोले अरशद मदनी, मुसलमानों की अजादी छीनना चाहते हैं

Union Civil Code: पीएम नरेंद्र मोदी की समान नागरिक संहिता UCC पर टिप्पणी के बाद सियासी घमासान लगातार जारी है। इसी कड़ी में अब दारुल उलूम देवबंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, BJP चाहती है कि मुसलमानों की मजहबी आजादी को छीन ले और वही हो रहा है।

मदनी ने कहा जब लॉ कमीशन ने लोगों से राय मांगी है, ऐसे वक्त पर पीएम मोदी ने अपना बयान दिया। अब लॉ कमीशन इस मामले में क्या करेगा। अब मुसलमान इस मामले में क्या कर सकते हैं? अपनी राय देने के अलावा।

मुसलमान सड़कों पर न उतरें- मदनी

उन्होंने कहा हम मुसलमानों से कहेंगे कि वे सड़कों पर न उतरें, अपनी बात लॉ कमीशन के सामने रखें।मदनी ने कहा, जब पीएम ने मंच से ये कह दिया कि UCC लागू होगा, तो लॉ कमीशन इसके खिलाफ कैसे जा सकता है?

भारत के लिए कारगर नहीं UCC-  सांसद ईटी मोहम्मद

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद मोहम्मद बशीर ने कहा कि UCC भारत में काम नहीं कर पाएगा। PM मोदी इसका इस्तेमाल राजनीतिक ट्रंप कार्ड के तौर पर कर रहे हैं। PM मोदी विपक्षी एकजुटता और कर्नाटक के नतीजों के चलते चिंता में हैं। PM मोदी विपक्षी एकजुटता और कर्नाटक के नतीजों के चलते चिंता में हैं। इसलिए उन्होंने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग UCC के मुद्दे पर 13 जुलाई को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चर्चा करेगी।

ओवैसी ने भी जताया विरोध

AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी की आलोचना करते हुए कहा, भारत के प्रधानमंत्री भारत की विविधता और इसके बहुलवाद को एक समस्या मानते हैं। वह ऐसी बाते कहते हैं। शायद पीएम को अनुच्छेद 29 के बारे में नहीं पता। क्या आप UCC  के नाम पर देश से उसकी बहुलता और विविधता को छीन लेंगे?

प्रधानमंत्री ने क्या कहा था?

PM मोदी मंगलवार को MP के भोपाल पहुंचे थे। जहां वे बूध सम्मेलन को संबोधित करते हुए समान नागरिक संहिता का मुद्दा उठाया था। PM मोदी ने कहा था, भारत दो कानूनों पर नहीं चल सकेगा और भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात की गई है।

PM ने कहा था, हम देख रहे हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा कानून तो घर चल पाएगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा?

Uniform Civil Code क्या है?

भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए कानून एक समान होना चाहिए, चाहे वह किसी भी जाति धर्म का क्यों न हो। यानी हर धर्म, जाति, लिंग के लिए एक जैसा कानून हो। अगर सिविल कोड लागू होता है तो तलाक विवाह, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे मुद्दों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम होंगे।

समान नागरिक संहिता लागू करना बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा रहा है। भाजपा ने हाल ही में कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता का वादा किया था। वहीं उत्तराखंड जैसे राज्य ने अपनी समान नागरिक संहिंता तैयार करने की प्रक्रिया में हैं।

Aman Pandey

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button