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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के नियमों में बदलाव, धर्मार्थ ट्रस्ट को एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक का दान मिलने पर देंनी होगी डिटेल

Charitable Trusts: आयकर विभाग (IT department) ने धर्मार्थ ट्रस्टों के खुलासे के मानदंडों को कड़ा कर दिया है। इन ट्रस्टों को अब आईटी के लिए 1 अक्टूबर से अपनी गतिविधियों की प्रकृति का खुलासा का उल्लेख भी करना होगा।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT)के तहत नियमों में बदलाव के लिए अधिसूचना जारी की गई है। इसके तहत धर्मार्थ संस्थानों को अपनी गतिविधियों की प्रकृति का उल्लेख करना होगा। उन्हें कर छूट का लाभ लेने के लिए बताना होगा कि उनकी गतिविधियां धर्मार्थ, धार्मिक या दोनों हैं। इसका ध्येय यह तय करना है कि असली ट्रस्ट और उनकी गतिविधियों को ही कर छूट में राहत मिलेगी।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के संशोधन के मुताबिक धर्मार्थ ट्रस्ट को एक दिन में 2 लाख रुपये से अधिक का दान मिलने की स्थिति में ब्योरा मुहैया कराना होगा। ब्योरा मुहैया कराने के दौरान इसमें दान देने वाले का नाम, पता, भुगतान की राशि और भुगतान करने वाले के स्थायी खाते का नंबर देना होगा.

कर कानूनों (Tax laws) के तहत धर्मार्थ और धार्मिक ट्रस्टों की आय को कुछ शर्तों के तहत छूट की राहत मिली है। हालांकि इससे पहले ऐसी कई घटनाएं घट हैं जिनमें इन छूटों का बेजा यूज किया गया था। लिहाजा आयकर विभाग (it department) बीते कई सालों से धर्मार्थ ट्रस्टों पर नजर बनाए हुए है। इस क्रम में आईटी विभाग ने अधिनियम के तहत पंजीकरण और ITR छूट पाने के उपबंधों को कड़ा किया है।

नांगिया एंडरसन LLP के पार्टनर विश्वास पंजियार के मुताबिक, ‘सरकार ने आयकर के कई नियमों (नियम 17A/11AA/2C) में संशोधन किए हैं। ये संशोधित नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे। इसके अलावा संबंधित फार्म के अंत में दी गई ‘undertaking’ में भी थोड़ा बदलाव किया गया है। इस क्रम में आवेदक से अतिरिक्त ‘undertaking’ ली गई है।’ केंद्रीय बजट 2023-24 में धर्मार्थ ट्रस्ट के कर से संबंधित केस में कई बदलाव करने का आदेश जारी किया था

केंद्रीय बजट में अपने प्रस्ताव में कहा है कि जब ट्रस्ट किसी गैर धर्मार्थ ट्रस्ट (non charitable trust) के साथ घुलता है लेकिन असमान वस्तुओं या संपत्ति किसी अन्य धर्मार्थ ट्रस्ट (other charitable trusts) में स्थानांतरित नहीं किए जाने की अवस्था में निकाल सकता है

प्रस्ताव में यह भी कहा किया गया कि धर्मार्थ या धार्मिक कार्यों के 85% का ही स्थानांतरण अन्य ट्रस्ट या संस्थानों में किया जा सकता है और ऐसे में यह दान धर्मार्थ या धार्मिक कार्यों के लिए हो। इससे साल 2022 में ऐसे संस्थानों को कर छूट लेने में गैरजरूरी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा था। पंजियार के मुताबिक जिन इकाइयों में गतिविधियां हुई होंगी, उन्हें 2 पंजीकरणों (Provisional and regular) के लिए आवेदन करना होगा।

Prachi Chaudhary

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