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बिहार में दल बदल का खेल शुरू ,लोजपा और बीजेपी को लगा झटका

Bihar News: बिहार में लोकसभा चुनाव में किसकी जीत होगी और किसकी हार यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन जिस तरह की कहानी पाटलिपुत्र में दिख रही है उससे साफ़ लग रहा है कि आगामी चुनाव से पहले बिहार में बहुत से बदलाव हो सकते हैं। जातीय राजनीति पर टिकी बिहार बिहार का सियासी खेल अभी से ही मनोरंजक होता जा रहा है। कहा जा रहा था कि मांझी और मुकेश साहनी बीजेपी के साथ जा सकते हैं लेकिन यहां तो जदयू ने ने ही बीजेपी और लोजपा को बड़ा झटका दे दिया है। जानकारी के मुताबिक़ रविवार शाम को पटना में जो कुछ भी हुआ उसकी कल्पना नहीं की जा रही थी। बड़ी संख्या में चिराग की पार्टी लोजपा और बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जदयू का दमन थाम लिया। इस खेल को अंजाम दिया जदयू के पूर्व अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह (Narayan Singh) ने।

पटना(Patna) में जदयू का कार्यालय सज कर तैयार था। कार्यालय के कर्पूरी सभागार में धीरे -धीरे लोग पहुँच रहे थे और एक समय ऐसा आया कि पूरा सभागार भर गया। खड़ा होने की जगह भी नहीं मिल रही थी। ये सभी लोग लोजपा के थे और बीजेपी के भी। जो कभी जदयू और राजद के खिलाफ आवाज उठाने से परहेज नहीं करते थे ,आज हाथ जोड़े जदयू में शामिल हो रहे थे। जानकारी के मुताबिक दरौली विधान सभा के लगभग अधिकतर लोजपा और बीजेपी से जुड़े लोग जदयू से जुड़ गए। नारे लगाए और कहा कि अब उनके निशाने पर सिर्फ और सिर्फ बीजेपी ही है। बता दें कि दल बदलने वाले जो बड़े नेता थे उनकी पहचान भारतीय चौहरमल मोर्चा के अध्यक्ष शिव कुमार मांझी के रूप में हुई। उन्होंने बीजेपी और लोजपा के सैकड़ों लोगों के साथ जदयू का दामन थामा। यही शिव मांझी कभी बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार(Nitish Kumar) को चुनौती देने से नहीं चूकते थे ,लेकिन आज जदयू के नारे लगा रहे थे। बीजेपी और लोजपा जदयू के इस खेल से मौन सी हो गई।

दरअसल ,कर्पूरी सभागार में मिलन समारोह का आयोजन किया गया था। जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह (Narayan Singh)इस समारोह की देखरेख कर रहे थे। पार्टी की सदस्यता अभियान को गति प्रदान करने के लिए यह सब हो रहा था। तभी बड़ी संख्या में चौहरमल समाज से जुड़े लोग सभागार में एते गए एयर जदयू के होते गए। कहा जा रहा है कि यह सब पहले से आयोजित किया गया था। जिस तरह से बीजेपी और लोजपा के लोग जदयू से जुड़े हैं उसके बाद कहा जा कि जब कोई नेता किसी पार्टी से जुड़ता है तो उसके साथ नेता के समर्थक नहीं जाते। लेकिन यहाँ तो पूरा समाज ही जदयू में विलीन हो गया है। जिस तरह से सैकड़ो लोग जदयू के साथ जुड़े हैं इसकी कल्पना जदयू को भी नहीं थी।

इस नए खेल का असर बिहार(Bihar) की राजनीति पर क्या होगा यह तो आगे देखने की बात है लेकिन इसी बीच वशिष्ठ नारायण सिंह ने जो कहा है उस पर भी गौर करने की बात है। सिंह ने कहा कि मौजूदा हालत बेहद ख़राब है। सिंह ने बीजेपी पर हमला किया और कहा कि भावनात्मक मुद्दों के जरिये बीजेपी देश को भटका रही है। यह देश भाईचारे वाला देश है लेकिन बीजेपी को इससे कुछ लेना देना नहीं है। जनता उसे सबक सिखाएगी।

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वशिष्ठ नारायण सिंह ने आगे कहा कि देश के सामने महंगाई और बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। यह मुद्दा संकट की तरह है। संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ बीजेपी छेड़छाड़ कर रही है। फिर सिंह ने नीतीश कुमार की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि देश की बेहतरी के लिए देश को सँभालने का कमान सक्षम और सामर्थ्यवान हाथों में मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश ने 17 वर्षों में यह साबित भी किया है। नीतीश एक सक्षम और सामर्थ्यवान नेता है। देश आगे बढे यही लक्ष्य के साथ वे आगे बढ़ रहे हैं। आने वाले दिनों में नीतीश का हाथ और भी मजबूत होगा।(political)

Akhilesh Akhil

Political Editor

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