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पाकिस्तान में चुनाव मतलब ‘मौत का खेल’!

Pakistan News: पाकिस्तान (Pakistan) का मतलब ही है आतंकवाद, खूनखराबा… जी हां पाकिस्तान(Pakistan) में इन दिनों चुनावी माहौल है, लेकिन वहां पर चुनाव का मतलब है लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाना, लहूलुहान होना। जी हां पाकिस्तान(Pakistan) में कल आम चुनाव हुए….चुनावों के दौरान जमकर धज्जियां उड़ाई गई, कई लोगों की मौत हो गई। गुरुवार के दिन जब पूरा पाकिस्तान(Pakistan) इस उम्मीद में दिखा कि.  लहूलुहान लोकतंत्र को एक नई सुबह नसीब होगी। तब एक आदमी ऐसा भी था, जिसे जुमे की सुबह पूरे पाकिस्तान(Pakistan) पर अपनी कमान स्थापित हो जाने का पूरा भरोसा है।

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पाकिस्तान (Pakistan)में ये पुरानी रीती है कि जो प्रधानमंत्री बनता है, उसका हाल-बेहाल हो ही जाता है। कभी वहां पर जेल भेजा जाता है तो कभी लोकतंत्र के नाम पर वहां पर धज्जियां उड़ाई जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ है कल से लेकर अब तक… वहां पर जमकर खूनखराबा की खबरें सामने आईं, कई लोगों की मौत हो गई। कई जगह धमाके हो गए। चारों ओर चीख पुकार मच गई। जी हां जुमे की सुबह प्रधानमंत्री की कुर्सी के करीब कोई दिखे। उसपर कंट्रोल पाकिस्तान(Pakistan) के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर का ही होगा। जनरल मुनीर का प्लान प्रधानमंत्री की कुर्सी पर किसी कठपुतली को बैठाने का नहीं, बल्कि सत्ता पर जबरदस्त नियंत्रण का है और कहा तो ये भी जा रहा है कि वर्ष 2025 में मुनीर का कार्यकाल जरूर खत्म हो जाएगा, लेकिन उनकी इच्छाएं खत्म नहीं होंगी।

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माना जा रहा है कि जनरल असीम मुनीर जनरल जिया उल हक के रास्ते पर बढ़ रहे हैं। सन 1986 में जनरल जिया ने कराची में मुल्क के व्यापारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें इस बात पर चर्चा हुई कि देश की अर्थव्यवस्था को कैसे मजबूत किया जाए। जिया ने ऐसी ही एक मीटिंग सन सत्तासी में लाहौर के उद्यमियों के साथ भी की, जिसमें पाकिस्तान के ऊर्जा संकट पर बात हुई थी। लेकिन क्या जनरल मुनीर अपनी महात्वाकांक्षा पूरी कर पाएंगे। इस बात को ऐसे समझिए कि नीर भले ही ये मान लें उन्होंने इमरान खान के राजनीतिक गुब्बारे की हवा निकाल दी है। लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि इमरान खान ने सेना को सरेआम चुनौती देकर उसके वर्चस्व को झकझोर दिया है। इसी तरह मुनीर ने अपनी साख मजबूत करने के लिए भले ही कमजोर होते पाकिस्तानी रुपये को बचाने के जतन किए हों। लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि IMF की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए उन्हें देश में राजनीतिक भरोसा पैदा करना होगा। इस राजनीतिक भरोसे की नींव काफी हद इस पर निर्भर करेगी।

दरअसल आपको बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में बंद है, इमरान खान वही नेता हैं… जिन्होंने पाकिस्तान की सत्ता पर राज किया था। लेकिन आज वो जेल में बंद है औऱ इंसाफ के लिए लगातार गुहार लगा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जेल से ही मतदान किया।

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