ट्रेंडिंग

नीतीश कुमार के नए हमसफ़र होंगे हेमंत सोरेन !

Bihar Election: सब समय का फेर है। एक समय था जब नीतीश कुमार की जातीय राजनीति झारखंड में खूब चल रही थी और जदयू के पांच से ज्यादा विधायक भी होते थे। लेकिन तब नीतीश कुमार एनडीए के साथ थे। कभी -कभी नीतीश अपने चुनावी रडार पर हेमंत सोरेन को भी लेते थे और झामुमों प्रमुख शिबू सोरेन अपने भाषण में नीतीश को बहुत कुछ कह जाते थे। लेकिन ए.बी.ए. समय बदल गया। समय के साथ राजनीति भी बदली और जनता की सोंच समझ भी बदल गई। जाति की राजनीति धर्म पर चली गई। बीजेपी ने यह खेल शुरू किया और कई राज्यों में अच्छी फसलें भी काटी। लेकिन अब धार्मिक राजनीति विपक्ष के रडार पर है। ऐसे में अब कहानी यह बनती दिख रही है कि जिस विपक्षी एकता की मुहीम को नीतीश कुमार आगे बढ़ा रहे हैं उसकी धार को और भी तीखा करने के लिए झारखंड के युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नीतीश के हमसफ़र बनने को तैयार हैं। कहा जा रहा है कि हेमंत के साथ मिलकर नीतीश कुमार ऐसा ताना बाना तैयार कर रहे हैं जिसमे झामुमों की राजनीति भी आगे बढ़ती रहे और विपक्ष को भी ताकत मिले। नीतीश कुमार जल्द ही रांची जाने वाले हैं। मुलाक़ात हेमंत सोरेन से होगी और फिर आगे बढ़कर वे ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी मिलेंगे। याद रहे नवीन पटनायक और नीतीश कुमार धुर समाजवादी रहे हैं।

पिछले दिनों हेमंत सोरेन से मिलने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष लल्लन सिंह रांची गए थे ,हेमंत की मुलाकत रांची में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष खीरु महतो से भी मिलते रहें हैं। कहा जा रहा है कि हेमंत और लल्लन सिंह की मुलाक़ात बहुत अच्छी रही है। इस मुलाकात से विपक्षी एकता को और भी बल मिला है। खबर ये भी है कि हेमंत ने साफ़ तौर पर यह कह दिया है कि वे नीतीश कुमार का हमसफ़र बनने को तैयार है। हेमंत की चाहत बस यही है कि अगले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को ठीक ठाक सीट मिले।

झारखंड में लोकसभा चुनाव के बाद ही विधान सभा के चुनाव भी होने हैं। विधान सभा चुनाव के लिए झामुमो की तैयारी चल भी रही है। हेमंत को लग रहा है कि झारखंड में नीतीश की जाती कुर्मी -कोइरी की ठीक ठाक आबादी है। अगर नीतीश कुमार का साथ मिल जाए तो इस जाति का वोट झामुमो को मिल सकता है। हेमंत को पता है कि नीतीश का साथ पाकर वह कुर्मी -कोइरी को साध सकते हैं और इसका लाभ और सीटों पर जीत के रूप में हो सकता है। झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं। अभी मौजूदा समय में इनमे से 12 सीटें बीजेपी के पास है जबकि एक सीट झामुमों के पास ही। ऐसे में नीतीश का साथ मिलने से झामुमो को कम से कम चार सीटों का लाभ मिल सकता है।

Read Also: 2 दिन से धरने पर बैठे पहलवानों को supreme court ने दिया बडा झटका

दूसरी तरफ नीतीश कुमार भी झारखंड में अपनी जमीन तलाश रहे हैं। झारखंड में जदयू अपनी आधार बढ़ाने को तैयार है। ऐसे में झामुमो और जदयू के मिलान से दोनों दलों को लाभ मिलता दिख रहा है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि झारखंड की सभी 14 सीटों पर विपक्ष का कब्जा हो इसको लेकर नीतीश कुमार सबसे ज्यादा चिंतित हैं। कहा जा रहा है कि चुकी झारखंड में कांग्रेस का भी अच्छा जनाधार है ,ऐसे में नीतीश कुमार यह मान कर चल रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में झामुमो को 6 सीटें दी जा सकती है जबकि कांग्रेस को चार सीटें और जदयू -राजद को दो -दो सीटें दी जा सकती है। जानकर कह रहे हैं कि ऐसा हुआ तो बीजेपी की परेशानी बढ़ेगी।

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button