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Old Pension Scheme : चुनावी खेल में कितना असरदार होगी ओल्ड पेंशन योजना ?

पहले राजस्थान फिर छत्तीसगढ़ और अब हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन योजना (Old Pension Scheme) लागू हो गई। इन तीनो राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। हालिया हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस ने ओल्ड पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को लागू करने का वादा किया था।

Old Pension Scheme News Latest! पहले राजस्थान फिर छत्तीसगढ़ और अब हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन योजना (Old Pension Scheme) लागू हो गई। इन तीनो राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। हालिया हिमाचल प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस ने ओल्ड पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को लागू करने का वादा किया था। जनता ने इसे स्वीकार भी किया और कांग्रेस को बड़े पैमाने पर वोट दिया। कांग्रेस सत्ता में लौट आयी। लगातर हारती कांग्रेस को हिमाचल की जनता ने संजीवनी देने का काम किया। कांग्रेस का हौसला बढ़ा है। वादा था कि सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में इस योजना को लागू कर दिया जाएगा। लोहरी के दिन सुख्खू सरकार ने अपने इस वादे को पूरा किया। दिन में यह योजना लागू हुई और शाम को पूरे हिमाचल में लोहरी का रौनक बढ़ गया।

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जानकारी के मुताबिक़ प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) लागू होने से राज्य के 1.36 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। कैबिनेट की पहली बैठक में पुरानी पेंशन के अलावा महिलाओं को हर महीने डेढ़ हजार रुपए पेंशन देने और एक लाख युवाओं को नौकरी देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इसके लिए कैबिनेट की सब कमेटी एक महीने में रोडमैप बना कर कैबिनेट को सौंपेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कैबिनेट के फैसले के बाद कहा कि यह लोहड़ी का तोहफा कर्मचारियों को सरकार ने दिया है। महिलाओं की पेंशन और युवाओं की नौकरी के लिए दो सब कमेटी का गठन भी कर दिया गया।मुख्यमंत्री ने कहा- इसके लिए काफी चुनौतियां आईं और आगे काफी वित्तीय बोझ सरकार पर पड़ेगा। भाजपा की पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा- पिछली सरकार कर्मचारियों को नौ हजार का एरियर नहीं दे पाई। अब कर्मचारियों का 4,430 करोड़ का एरियर देना है। रिटायर हुए कर्मचारियों का 5,226 करोड़ बकाया है। सुक्खू ने कहा- छठे वेतन आयोग को लागू करने के बाद कर्मचारियों का हजार करोड़ डीए देने को है। बीजेपी कुल 11 हजार करोड़ रुपए की अदायगी कांग्रेस सरकार की झोली में डालकर गई है।

 सुक्खू ने पिछली सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा- नौ सौ के करीब संस्थान खोल दिए गए, जिनमें से 80 प्रतिशत कॉलेज एक टीचर के सहारे खोले गए। अंतिम छह महीने में दैवीय शक्ति आ गई, जिससे ये संस्थान खोल दिए गए। पांच हजार करोड़ का खर्चा इन संस्थानों पर किया गया। पिछली सरकार 75 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ गई। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कड़े फैसले लेने होंगे जो प्रदेश के हित में होंगे। लेकिन अब राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा हो रही है कि क्या कांग्रेस की ओल्ड पेंशन योजना (Old Pension Scheme) का असर आगामी दस राज्यों के चुनाव पर भी होगा ? जिन दस राज्यों में चुनाव हैं वहाँ भी लम्बे समय से इस योजना को लागू करने की मांग चल रही है। कांग्रेस और बीजेपी की सीधी चुनौती मध्यप्रदेश ,राजस्थान और कर्नाटक में है। हिमाचली की जीत के बाद अब जानकार मान रहे हैं कि चुनावी राज्यों में अगर जाति ,धर्म का खेल नहीं चला तो इस योजना के सहारे कांग्रेस को लाभ हो सकता है। कांग्रेस भी इसी खेल में जुटी है। बड़े स्तर पर वह हर चुनावी राज्यों के भीतर की समस्या को पढ़ रही है और जनता की मांग के अनुरूप खाका तैयार कर रही है। उधर बीजेपी भी ओल्ड पेंशन योजना (Old Pension Scheme) के असर का अध्ययन कर रही है। अगर बीजेपी के लोगों ने भी इस योजना की तारीफ कर दी तो संभव है कि बीजेपी भी इस योजना के बारे में फिर से विचार करे और लागू करने का ऐलान भी। 

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हालांकि या योजना प्रदेश की इकॉनमी को काफी प्रभावित भी करने वाली है। राज्यों में बड़ा बोझ पड़ने वाला है और खासकर हिमाचल जैसे छोटे राज्यों पर इसका असर कुछ ज्यादा ही पडेगा। लेकिन वोट की राजनीति के सामने देश और राज्यों के संकट से किसी को क्या मतलब ?हिमाचल के सीएम सुख्खू के उस बयान में बहुत कुछ मिलता है जिसमे उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले हजारो संस्थाए खोली गई। सैकड़ो  कॉलेज एक टीचर के सहारे खोले गए हैं। यह अपने आप में मजाक ही तो है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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