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INDO-US युद्धाभ्यासः उत्तराखंड के औली में भारत-अमेरिका कर रहे हैं युद्धाभ्यास, जिनपिंग परेशान

जिस स्थान औला पर INDO-US युद्धाभ्यास हो रहा है, वह भारत और चीन की सीमा से सटा है। यहां से चीन का मुख्य शहर महज 100 किलो मीटर की दूरी पर है। ड्रगैन को भारत और यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका ( USA) के साथ युद्धाभ्यास नहीं भा रहा है। जिनपिंग बौखलाहट में हैं, लेकिन फिलहाल INDO-US युद्धाभ्यास को लेकर उनकी कोई टिप्पणी सामने नहीं आयी है।

औली बुयाल (चमोली)। उत्तराखंड जनपद के चमोली स्थित हिमालय की पहाड़ियों औली बुयाल में INDO-US युद्धाभ्यास शुरु हो गया है। भारत व चीन के बीच दोनों देशों के बार्डर पर लंबे समय से चल रही तनातनी की स्थिति है।

इसी बीच यहां औली बुयाल में भारत और अमेरिका के संयुक्त रुप से युद्धाभ्यास शुरु करने से चीन टेंशन में है। चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग INDO-US युद्धाभ्यास से परेशान हो गये हैं। वह इसे अपने लिए भावी चुनौती मान रहे हैं।  

औली में INDO-US युद्धाभ्यास में भाग लेते सैनिक

जिस स्थान औला पर INDO-US युद्धाभ्यास हो रहा है, वह भारत और चीन की सीमा से सटा है। यहां से चीन का मुख्य शहर महज 100 किलो मीटर की दूरी पर है। ड्रगैन को भारत और यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका ( USA) के साथ युद्धाभ्यास नहीं भा रहा है। जिनपिंग बौखलाहट में हैं, लेकिन फिलहाल INDO-US युद्धाभ्यास को लेकर उनकी कोई टिप्पणी सामने नहीं आयी है।

INDO-US युद्धाभ्यास के बारे में जानकारी देते भारतीय सेना के अधिकारी

इधर पेंटागन के हवाले से जो रिपोर्ट सामने आयी है, वह काफी चौंकाने वाली है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन अपनी विस्तारवादी नीति का धार देने में लगा है। साथ ही अपनी परमाणु ताकत बढा रहा है। पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के पास वर्तमान में 350 परमाणु हथियार हैं।

चीन का लक्ष्य 2030 तक 1000 परमाणु हथियार और 2035 तक 1500 परमाणु हथियार बनाने का है। परमाणु हथियारों के बल पर चीन अपनी सेना को दुनिया के सबसे ताकतवर सेना बनाने में लगा है। इसके लिए उसने पिछले साल 135 बैलेटिक मिसाइल का टेस्ट किया था।

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परमाणु हथियार दुनिया में केवल 9 ही देशों पर हैं। इनमें सबसे ज्यादा परमाणु हथियार 5428 अमेरिका के पास हैं। दूसरे नंबर पर रुस व तीसरे नंबर रुस है। भारत के पास भी 156 परमाणु हथियार हैं।

चीन के पास भारत से अधिक परमाणु हथियार होने पर चीनी सेना अपने को श्रेष्ठ समझती है। लेकिन अब भारत को अमेरिका का साथ मिलने से चीन की घबराहट बढ गयी है। भारतीय सेना ने इस युद्धाभ्यास को सामान्य प्रक्रिया बताया है, लेकिन इससे चीन की नींद उड़ी हुई है।

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