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कवियों और साहित्यकारों का नैतिक कर्तव्य है समाज को धर्म रक्षा के लिये जागृत करना-महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी

Uttar Pradesh : गाज़ियाबाद बाद के लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन व अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में श्रीमद्भगवद्गीता और सनातन धर्म को लेकर एक काव्य प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें देश के कोने कोने से आये प्रतिभाशाली युवा कवियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।कार्यक्रम का मंच संचालन वीर रस के लोकप्रिय युवा कवि अमित शर्मा ने किया।


युवा कवियों और प्रबुद्ध श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए शिवशक्ति धाम के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाडे के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी ने कहा कि समाज को धर्म रक्षा के लिये जागृत रखना कवियों और साहित्यकारों का नैतिक कर्तव्य है।जो आप एक प्रवचनकर्ता अपने जीवन भर के प्रवचन से जनता को नही समझा सकता, वो बात एक कवि केवल एक लघु कविता रच कर जनता को समझा देता है।माँ शारदा अपने किसी भक्त को उसकी पूर्व जन्म की तपस्या के फलस्वरूप कविता को रचने की शक्ति प्रदान करती हैं।ऐसे में कवि का दायित्व है कि वो अपनी रचनाओं के माध्यम से जनता को सत्य और न्याय की पहचान करना सिखाये।

मंच संचालन करते हुए अमित शर्मा जी ने कहा कि हम सब कवियों का सौभाग्य है कि हमारे पास अपनी रचनाओं के लिये सनातन धर्म का महान और विपुल इतिहास है जिस पर लिख कोई भी कवि गोस्वामी तुलसीदास जी की तरह परमात्मा, मोक्ष और अतुलनीय यश अर्जित कर सकता है।वर्तमान समय मे यह बहुत बहुत आवश्यक है कि हम अपने बच्चों को उन बलिदानों और संघर्षों के विषय मे बताते रहे जिनके कारण हजारों चुनौतियों में बाद भी सनातन धर्म जीवित रहा।काव्य प्रतियोगिता में कुशल कुशवाह को पहला,कमल आग्नेय को दूसरा और अमित शर्मा को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।काव्य प्रतियोगिता का निर्णय कर्नल टी पी एस त्यागी जी,कर्नल राजेन्द्र त्रिपाठी और आशुतोष अग्निहोत्री जी ने किया।काव्य प्रतियोगिता को वीर रस के अग्रणीय कवि अर्जुन शिशोदिया (हापुड़) का भी आशीर्वाद प्राप्त हुआ।

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काव्य प्रतियोगिता में सौरभकांत शर्मा (बहजोई),सुमित ओरछा (झाँसी),गौरव साक्षी (इंदौर),पीयूष मालवीय (प्रयागराज),स्वदेश यादव (अलीगढ़),सात्विक नीलदीप (अमेठी),एकता भारती (पीलीभीत) ने भी काव्यपाठ किया।कार्यक्रम में बहुत बड़ी संख्या में संतो और महिलाओं ने भी भाग लिया।कार्यक्रम के अंत मे अखिल भारतीय ब्रह्मर्षि महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण त्यागी ने विजेताओं को सम्मानित करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम देश और धर्म को सही दिशा प्रदान करने के लिये बहुत आवश्यक है।समाज के हर वर्ग को अपने अपने स्तर पर ऐसे कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिये।उन्होंने अपनी संस्था की ओर से भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को सहयोग करने का आश्वासन दिया।

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