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जानिए संघ प्रमुख भागवत ने आखिर क्यों कहा देश का नाम इंडिया नहीं भारत है ?

Mohan Bhagwat Statement: यह तो गजब देश है। और गजब है यहाँ की राजनीति ! क्या आपने अपने बेटे का नाम राम रखा है यह सूर्य रखा है तो क्या सूर्य और राम को ही अपना नाम बदल लेना चाहिए। राम को अपना नाम विष्णु कर लेना चाहिए और सूर्य को अपना नाम भास्कर कर लेना चाहिए ! जानना यह जरुरी है कि क्या किसी व्यक्ति के नाम ,किसी संस्थान के नाम से किसी देश का नाम कैसे कमजोर हो सकता है ? कैसे कोई देश का नाम किसी व्यक्ति के नाम से बदनाम हो सकता है ? इस दुनिया में जितने नाम पहिं सब प्रकृति से जुड़े हुए हैं। हर देश के अपने नाम है और उनके पीछे की कुछ कहानियां होती है। भारत और इंडिया के नाम के पीछे की भी अपनी कहानी है। हिन्दुस्तान की अपनी कहानी है। आर्यावर्त की अपनी कहानी है। भरतखण्डे की भी अपनी कहानी हैं। ये सब इसी देश के नाम हैं। अगर कोई व्यक्ति अपना नाम इसी आधार के नाम पर रखता है तो क्या इस देश का नाम ही बदल देना चाहिए ?

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जबसे विपक्षी दलों ने विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया रखा है बीजेपी के पसीने छूट रहे हैं। संघ भी परेशान है। बीजेपी और संघ को लग रहा है कि जिस तरह से विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया रखा गया है ऐसे में इंडिया के बारे में कोई बड़ा हमला नहीं किया जा सकता। यही वजह है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने लोगों से अपील की है लोग इस देश के पुराने नाम को ही याद रखे। देश का पुराना नाम भारत है और भारत के नाम से ही देश को कहा जाए। भागवत ने कहा कि इस देश का नाम सदियों से भारत है इंडिया नहीं। इसलिए हमें इसका पुराना नाम ही इस्तेमाल करना चाहिए।
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भगवत ने कहा कि हमारे देश का नाम सदियों से भारत था। भाषा कोई भी हो ,नाम एक ही रहता है। भागवत ने कहा हमारे देश का नाम भारत है और हमें सभी व्यवहारिक क्षेत्रों में इंडिया शब्द का इस्तेमाल बंद करके भारत शब्द का इस्तेमाल ही करना चाहिए। तभी बदलाव आएगा। हमें अपने देश को भारत कहना होगा। और दूसरों को भी यही समझाना होगा।

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बता दें कि इससे पहले भागवत ने कहा था कि भारत एक हिन्दू राष्ट्र है। और सभी भारतीय हिन्दू हैं और सभी भारतीय हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने लोगों की अपेक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि संघ को इस सबके बारे में सोंचना चाहिए। भागवत ने कहा कि हिन्दुस्तान एक हिन्दू राष्ट्र है। और सच्चाई भी यही है। वैचारिक रूप से सभी भारतीय हिन्दू हैं और हिन्दू का मतलब भी भी भारतीय है। वे सभी जो आज भारत में हैं ,वे सब हिन्दू संस्कृति ,हिंदी पूर्वजों और हिन्दू भूमि से सम्बंधित है। इसके अलावा और कुछ भी नहीं।
संघ प्रमुख ने कहा कि कुछ लोग इसे समझ गए हैं। जबकि कुछ अपनी आदतों और स्वार्थ के कारण समझने के बाद भी इस पर अमल नहीं कर रहे हैं। कुछ लोग या तो इसे अभी तक समझ नहीं पाए हैं या भूल गए हैं।

अब मोहन भागवत के इस बयान के बाद कई लोगों ने प्रतिक्रियाएं भी दी है। कुछ लोगों ने कहा है कि यह कैसी बात हो सकती है। यह तो वही बात है जो आपके फेवर में है वह सब ठीक है जो फेवर में नहीं है वह गलत है। ऐसे में सच और झूठ क्या है इसका फर्क कौन कर सकता है ? जानकार यह भी कह रहे कि हो सकता है कि बीजेपी और मौजूदा सरकार अब इंडिया का नाम ही बदल दे। यह सरकार कुछ भी तो कर सकती है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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