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क्या आप जानते हैं कि पकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्रियों की गिरफ्तारी का इतिहास रहा है !

Latest News Prime Minister of Pakistan! पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी का असर पकिस्तन की रजनीति पर की होगा यह तो आने वला समय ही बताएगा लेकिन यथा तो साफ है कि पकिस्तान में सब कुछ ठीक नहीं है। इमरान की गिरफ़्तारी उनकी पार्टी पीटीआई के लिए एक बड़ा झटका माना जा सकता है। गिरफ्तारी अगर लम्बे समय तक चला तो पीटीआई का क्या होगा इसको लेकर भी सवाल उठाये जा रहे हैं। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि गिरफ्तारी के बाद इमरान नायक बनकर उभर सकते हैं। लेकिन बहुतेरे लोग यह भी कह रहे हैं कि इमरान खलनायक बन जायेंगे और उनकी राजनीति ख़त्म हो जाएगी। इधर भारत की नजर पकिस्तान में हो रहे गतिविधियों पर है। जिस तरह से भ्रष्टाचार के मामले में इमरान को गिरफ्तार किया गया है उससे पाकिस्तान के इतिहास का पता चलता है। दरअसल इमरान की कोई पहली गिरफ्तारी नहीं है। पाकिस्तान में इससे पहले भी कई भी पूर्व प्रधानमंत्री गिरफ्तर हुए हैं और फांसी पर भी चढ़े हैं।

पकिस्तान में पहली बार पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ़्तारी आज से 46 साल पहले हुई थी। हत्या के एक मामले में उस समय के सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री रहे जुल्फिकार अली भुट्टो को 1977 में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तरी के बाद उन्हें काफी प्रताड़ित भी किया गया। तब पकिस्तान की राजनीति में भूचाल आ गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने विरोधी नेता की हत्या की है। मामला चलता रहा और फिर 1979 में भुट्टो को फांसी दे दी गई। तब इस घटना के बाद पूरी दुनिया में सनसनी फ़ैल गई थी।

बता दें कि भुट्टो पर नवाब मोहम्मद अहमद खान कसूरी की हत्या का आरोप लगा था। कसूरी की हत्या 1974 में कर दी गई थी। इस हत्या में कसूरी ने भुट्टो का नाम लिया था। बाद में जांच में आरोप सच साबित हुआ और जुल्फिकार अली भुट्टो की गिरफ्तारी हुई और फांसी भी दी गई।

भुट्टो की गिरफ्तारी के बाद नवाज शरीफ का मामला भी सामने आया। शरीफ को 2018 में गिरफ्तार किया गया। शरीफ पर भी भ्रष्टाचार क मामला था। शरीफ को दस साल की जेल की सजा सुनाई गई। बाद में शरीफ देश छोड़कर देश छोड़कर ब्रिटेन भाग गए। वहां से वापस लुटे तो उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया।

बता दें कि 2016 में पनामा केस का मामला सामने आया था। इस केस में शरीफ का नाम भी था और बड़े स्तर पर धन कमाने की बात सामने आयी थी। इसी केस में शरीफ को इस्तीफा देना पड़ा था। शरीफ और उनकी बेटी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलाया गया। फिर कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया और सजा सुनाई गई। अभी शरीफ के भाई शहबाज ही पकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं।

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नवाज शरीफ की गिरफ्तारी के एक साल बाद 2019 में पकिस्तान के एक प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी को गिरफ्तार किया गया। अब्बासी पर भी भ्रष्टाचार का मामला था। एक टर्मिनल का ठेका देने में उन पर घूसखोरी का आरोप लगा था। कहा गया कि अब्बासी की वजह से देश को 47 अरब का नुकसान हुआ है। कोर्ट द्वारा गिरफ़्तारी का आर्डर आने के बाद अब्बासी को गिरफ्तार किया गया और अब इमरान की बारी है। यह पाकिस्तान का चौथा मामला है।

क्रिकेट की दुनिया से रजनीति में आये इमरान की छवि सुथरी थी लेकिन राजनीति के दाव पेंच में वे फंसते चले गए। एक समय था जब इमरान को भगवान के रूप में पाकिस्तान देख रहा था। उनकी कप्तानी में ही पाकिस्तान वर्ल्ड कप जीत सका था। फिर इमरान ने अपनी पार्टी बनाई। 2018 में इमरान की पार्टी पीटीआई सत्ता में आई। खान प्रधानमंत्री बने। हलाकि चार साल बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और आज वे गिरफ्तार क्र लिए गए हैं। उन पर भी भ्रष्टाचार के कई मामले हैं। उन पर आरोप है कि कादिर ट्रस्ट के जरिये उन्होंने जमीन खरीद में भ्रष्टाचार किया है। एक यूनिवर्सिटी के लिए पैसे का गवन किया गया। िमरण का हश्र आगे क्या होगा यह कोई नहीं जानता। लेकिन इतना तो सच है कि पहले से ही तबाह पाकिस्तान अब राजनीतिक रूप से भी तबाह हो सकता है क्योंकि इमरान की पार्टी पीटीआई सरकार के खिलाफ सडकों पर उतर कर बड़ा आंदोलन करने को तैयार है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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