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Anand Mohan: आनंद मोहन की रिहाई पर उठे सवाल

Bihar Politics: एक ज़माने में बिहार (Bihar) के बाहुबली कहलाने वाले आनंद मोहन (Anand Mohan) की जेल से रिहाई को लेकर बिहार का राजनीतिक तापमान काफी बढ़ा हुआ है। इस राजनीति की तपिस अब बिहार से बहार दिल्ली तक पहुँच गई है। हर जगह नितीश सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जिस आनंद मोहन (Anand Mohan) को गोपालगंज (Gopalganj) के डीएम जी कृष्णैया की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था और जिसे उम्र भर की सजा दी गई थी उसे नीतीश कुमार (Nitish Kumar) राजनीतिक लाभ के लिए जेल से बाहर निकाल रहे हैं।

आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई को लेकर देश के कई दलित संगठनों ने सवाल उठाये हैं। यहाँ तक कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के इस फैसले पर सवाल उठाकर नीतीश सरकार को घेरा है। दलित आईएएस संगठन ने भी आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई पर सवाल उठाये हैं। इस बीच एक खबर यह आ रही है कि आनंद मोहन के राजद विधायक बेटे चेतन आनंद ने कहा है कि उनके पिता आनंद मोहन को भले ही दोषी ठहराया गया था लेकिन वे निर्दोष हैं। इस मामले में हम और जी कृष्णैया का परिवार सबसे ज्यादा दुःख सहा है। और अब हम उस परिवार से मिलना चाहते हैं।

चेतन आनंद (Chetan Anand) ने कहा है कि अधिकारी जी कृष्णैया के परिवार से हमारी पूरी सहानुभूति है। उन्होंने इच्छा  जताई है कि उनका परिवार हैदराबाद जाकर जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी से मिलना चाहता है। इसके लिए हैदराबाद में उन्होंने अपने लोगों से संपर्क किया है जो जी कृष्णैया की पत्नी के पास जायेंगे। चेतन आनंद ने कहा है कि अगर जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी राजी होंगी तो हम उनसे मिलने जायेंगे। उन्होंने कहा कि भले ही उनके पिता अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए हैं लेकिन सच यही है कि वह दोषी नहीं हैं। जी कृष्णैया की घटना ने दोनों परिवार को काफी दुख दिए हैं।

माना जा रहा है कि जी कृष्णैया की हत्या के दोषी आनंद मोहन सहित 27 अन्य लोगों की रिहाई को लेकर कई लोगों ने विरोध किया है। जी कृष्णैया की पत्नी ने भी इस फैसले पर विरोध जताया है। माना जा रहा है कि इस विरोध को कम करने के लिए आनंद मोहन के परिवार ने ऐसा निर्णय लिया है। बता दें कि नीतीश सरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan)सहित राज्य की विभिन्न जेलों में 14 साल से अधिक समय से बंद 27 अन्य कैदियों को रिहा करने वाली है। सोमवार को इसको लेकर अधिसूचना भी जारी की गई।

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राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा चल रही है कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) आनंद मोहन के जरिये बिहार की आगामी राजनीति को साधना चाहते हैं। राजनीतिक हलकों में इस बात की भी चर्चा है कि आनंद मोहन को जेल से बाहर निकाल कर राजपूत वोट में सेंध लगाने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि आनंद मोहन (Anand Mohan) के  बिहार की राजपूत समाज में आज भी गहरी पैठ हैं और खासकर युवाओं में उनकी पकड़ कुछ ज्यादा ही है। ऐसे में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि राजपूत समाज को अपने खेमे में लाने के लिए सरकार यह सब कर रही है ताकि आगामी लोक सभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती दी जा सके।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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