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Bhimashankar Jyotirlinga: भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को लेकर भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने असम सरकार को घेरा

जब देश की कोई सरकार ही धार्मिक विवादों को जन्म देने लगे तो आप क्या कहेंगे। पुरातन संस्कृति के मुताबिक अब तक पूरी दुनिया जानती है कि भगवान महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में स्थित है लेकिन असम सरकार ने पिछले दिनों राज्य के सभी समाचार पत्रों में विज्ञापन निकालकर भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग(Bhimashankar Jyotirlinga) के असम में होने का दावा किया है। असम सरकार के इस दावे के बाद कई राजनीतिक दल और धार्मिक संगठनों ने असम सरकार के दावे पर चिंता जताई है और आपत्ति भी जताई है। अखिल भारतीय तीर्थ  महासभा ने तो यहां तक कह दिया कि असम सरकार का दावा धार्मिक इतिहास को विकृत करने वाला है। भीमाशंकर महादेव महाराष्ट्र में है न कि असम में। 

बता दें कि मंगलवार को असम सरकार ने अपने विज्ञापन में कहा कि पामही ,गुवाहाटी का भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (Bhimashankar Jyotirlinga) एयरपोर्ट से सड़क मार्ग पर 18 किलोमीटर दूर है। सरकार ने दावा किया कि भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग गुवाहाटी के पामही में 12 ज्योतिर्लिंगों में एक छठा ज्योतिर्लिंग है जो असम के डाकिनी पहाड़ियों की तलछटी में स्थित है। असम के मुख्यमंत्री ने विज्ञापन में महाशिवरात्रि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धालुओं से भारी संख्या में आने की अपील भी की है।

यह विज्ञापन सामने के बाद ही विवाद खड़ा हो गया। कई राजनीतिक दलों ने असम सरकार के इस   दावे की भर्तसना की है। वही भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा कि असम सरकार का दावा विवाद पैदा करने वाला है। असम सरकार जो  भी कह रही है वह धार्मिक लोगो को और शिव भक्तो को बरगलाने जैसा है। पाठक ने कहा कि भीमाशंकर महादेव महाराष्ट्र में है और सदियों से देश दुनिया इसे जानती है। इस तरह का बयान और दावा महादेव  नहीं किया जाना चाहिए। भक्त कही से भी अपने आराध्य को नमस्कार कर सकते हैं लेकिन ज्योतिर्लिंग के स्थान परिवर्तन की बात नहीं की जानी चाहिए। पाठक ने कहा असम सरकार के कृत्य से पुजारियों के निकाय के सदस्यों के साथ -साथ भगवान् शिव के भक्तो को इस तरह की बात से ठेस पहुंची है। 

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 उधर महाराष्ट्र कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि हिन्दू आस्था के केंद्र रहे ज्योतिर्लिंग उड़ा ले जाने का आरोप असम की बीजेपी सरकार ने लगाया है। कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने कहा है कि अबतक बीजेपी की सरकार निवेशक चुरा रही थी ,अब तो धार्मिक केंद्र को ही चुरा रही है। भीमाशंकर देवस्थान के मुख्य पुजारी मधुकर गावंडे ने कहा है कि असम सरकार के दावे पर यकीन नहीं करना चाहिए। यह सब भ्रम फैलाने जैसा है।

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