Sliderन्यूज़राजनीतिराज्य-शहर

चिराग पासवान ने बढ़ाया मोदी और नीतीश को टेंशन !

Bihar News :जब राजनीति (Politics)संभावनाओं का ही खेल है तो कब कौन सी संभावना किसके लिए सामने आ जाए यह कौन जानता है। पीएम मोदी भी कई संभावना का लाभ उठाते रहे। कुछ परिस्थितियों का भी लाभ उन्हें मिलता रहा। इस देश में बहुत से नेता हैं जिनका परिस्थियों का लाभ मिलता है और खूब मिलता है।
फिर राजनीति में कोई किसी का साथी नहीं होता। परिस्थिति के मुताबिक दोस्त बनते हैं बिगड़ भी जाते हैं। इसकी बानगी देश के भीतर चल रहे गठबंधन (Alliance) के रूप में देखा जा सकता है। ये जो गठबंधन होते हैं उसमे कोई किसी के साथ खड़ा नहीं होता। खेल यही रहता है कि एक साथ रहकर अपनी राजनीति करें और आगे बढे। अगर इनमे से कोई एक दल किसी दूसरे दल के लिए खतरा बनता है तो गठबंधन उसी वक्त टूट जाता है और और नया गठबंधन खड़ा हो जाता है। अब तो देश की राजनीति करने वाले नेता इतना गिर गए हैं कि अब किसी पर उंगुली तक नहीं उठा सकते। नेताओं का मान सम्मान जनता के सामने नंगा हो चुका है।
बिहार (Bihar) में जो हाल में राजनीतिक उठापटक हुई है उसने तो राजनीति को ही गंदा करार दिया है। अब तो हालत ये है कि कोई भी आदमी अब नेताओं से भागता फिरेगा क्योंकि कब वह नेता क्या कर जाए कोई नहीं जानता।
नीतीश (Nitish)ने बड़ी बदनामी ले ली है। इतनी बड़ी राजनीतिक बदनामी लेकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कहाँ जाएंगे और आगे क्या करेंगे कहा नहीं जा सकता। वे विपक्षी नेताओं के लिए तो ख़राब साबित हुए ही बीजेपी वालो की नजर में भी सम्मान नहीं देखे जा रहे हैं। उनकी वजह से जदयू भी बदनाम हुई है और उसके नेता भी कमतर हो गए हैं।


अब इसका लाभ बिहार में ही चिराग पासवान (Chirag Paswan) उठाने के फेर में हैं। एक तरफ एनडीए(NDA) के नेता और खासकर बीजेपी (BJP) वाले बिहार की सभी 40 सायतें जीतने का दावा कर रहे हैं। और उनके हर निर्णय को गोदी मीडिया फिट मान रहा है। लेकिन ऐसा तो है नहीं। एनडीए के भीतर की कहानी को अगर बहार कर दिया जाए तो कई नेताओं की कलई खुल जाएगी और गोदी मीडिया भी नंग हूँ जयेगा। बी सीट शेयरीन को लेकर एनडीए में प्रेशर पॉलिटिक्स की शुरुआत हो गई है। हम नेता जीतम राम मांझी जहाँ दो मंत्री की मांग कर रहे हैं वही लोजपा नेता चिराग ने 11 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रभारी उतर कर बीजेपी और जदयू की नींद को ही उड़ा दिया है। चिराग में बिहार में 11 लोकसभा सीटों की दावेदारी की है।
चिराग पासवान खुद को मोदी का हनुमान कहते रहे हैं। लेकिन अब चिराग कोई भावुक फैसला नहीं लेना चाहते। वे चुनाव लड़ने के लिए अब किसी के सहारे की जरूरत नहीं मानतये। उनका हकना है कि हम अभी एनडीए के साथ हैं और जब तक हैं हमें हमारा हिस्सा तो मिलना ही चाहिए। उधर नीतीश भी एनडीए के साथ गए हैं। नीतीश और चिराग में कोई बातचीत भी नहीं है। कह सकते हैं कि दोनों में राजनीतिक दुश्मनी है। उधर एनडीए के साथ नीतीश कुमार फिर से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। अगर ज्यादा सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेंगे तो कई सांसद दूसरे खेमे में जा सकते हैं। कई विधायक भी नीतीश का साथ छोड़ने को तैयार हैं। और इधर चिराग ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी की मुश्किलें अब बढ़ती जा रही है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button