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उत्तराखंड में UCC का पूरा प्लान तैयार, लागू होने का इंतजार!

Uttarakhand UCC: उत्तराखंड (Uttarakhand) देश का पहला राज्य बन जाएगा जो कि UCC लागू करेगा, हालांकि UCC लागू होने से पहले ही सियासी पारा हाई होने लगा है। विपक्षी नेता धामी सरकार पर धुआंधार आरोप लगा रहे हैं, लेकिन आरोपों के बाद भी उत्तराखंड में UCC लागू होकर ही रहेगा।
जी हां आपको बता दें कि उत्तराखंड की सरकार UCC कानून लाने से पहले इसके ड्राफ्ट का अध्ययन कर रही है। चूंकि UCC को लेकर ही 5 फरवरी से राज्य का 4 दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र बुलाया गया है। लिहाजा ड्राफ्ट के हर बिंदुओं के सरकार परख रही है।


सूत्रों के मुताबिक UCC पर ड्राफ्ट बनाने वाली समिति ने बहुविवाह, बाल विवाह पर पूर्ण प्रतिबंध की सिफारिश की है। साथ में सभी धर्मों की लड़कियों के लिए विवाह की आयु सीमा एकसमान और तलाक के लिए समान आधार और प्रक्रियाएं की भी सिफारिश की गई है। ड्राफ्ट में लड़के और लड़कियों को समान विरासत के अधिकार की बात कही गई है। शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने और लड़कियों के लिए विवाह योग आयु बढ़ाने की भी सिफारिश समिति ने की है। हालांकि अबतक UCC का ड्राफ्ट अब तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है। लेकिन इसमें राज्य के सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए एकसमान कानूनी ढांचा करने की बात कही गई है।
कांग्रेस ने UCC के ड्राफ्ट पर सवाल खड़े किए हैं। तो वहीं विशेषज्ञों ने इसका समर्थन भी किया है।
अभी तो सिर्फ UCC रिपोर्ट सीएम धामी को सौंपी ही गई है। लेकिन इस रिपोर्ट से पहले सियासी गलियारों में इस पर बहस शुरू हो गई है । कांग्रेस ने इसे आधा अधूरा बिल बताया है ।विशेषज्ञों के मुताबिक समान नागरिक संहिता से देश और समाज को अंग्रेजों के समय से चले आ रहे कठिन, बेकार और पुराने कानूनों से मुक्ति मिलेगी…हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और पारसी के लिए समान कानून होगा।

उत्तराखंड की अगर बात की जाए तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह (Chief Minister Puskar singh dhami) धामी ने उत्तराखंड की जनता से पहले ही वादा की था कि अगर उनकी सरकार प्रदेश में बनती है।साथ ही UCC से समानता मिलेगी। मुख्यतौर पर उन महिलओं को जिनका धर्म के नाम पर शोषण होता है, अत्याचार सहन करने पड़ते है। लेकिन UCC के लागू होने के बाद महिलाओं को काफी राहत मिलेगी। हालांकि ये बात अलग है कि सियासतदान जमकर सियासत कर रहे हैं।

तो वहीं दूसरी ओर असम में बहुविवाह पर बैन लगाने की तैयारी हो रही है। बजट सत्र में हिमंता सरकार प्रतिबंध वाला विधेयक पेश करेगी।विधेयक के मसौदे का कानून विभाग जांच कर रही है। बता दें कि बीजेपी शासित उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी UCC लागू करने की तैयारी चल रही है… वहीं असम में बहुविवाह पर लगाम कसने वाली विधेयक की चर्चा सुर्खियां बटोर रही है।यहां बहुविवाह के खिलाफ हिमंता सरकार एक्शन में है और उसे गैरक़ानूनी घोषित करने की तैयारी में है।

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