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Chandrayaan Mission: 2003 से 2023 तक….. Chandrayaan 1,2,3 ने क्या हासिल किया जानिए पूरी डिटेल

Chandrayaan Mission: चंद्रमा की तरफ वैज्ञानिकों का हमेशा से ही रुझान रहा है. धरती के बाद अगर किसी ग्रह को इंसानों के लिए उपयुक्त समझा गया है तो वह चांद्रमा है. धरती के सबसे नजदीक और ठंडे इस ग्रह पर कई देशों की स्पेस एजेंसियों ने वक्त वक्त पर अपने यान भेजती रही है. इस कड़ी में भारत तीसरी बार चंद्रमा पर पहुंच बनाने जा रहा है. Chandrayaan 1 और Chandrayaan 2 के बाद Chandrayaan -3 दुनिया के लिए इसलिए भी जिज्ञासा का विषय बना हुआ है क्योंकि चांद के दक्षिणी ध्रुव के छोर पर पहुंच बनाने वाला भारत पहला देश होगा.

Chandrayaan-1: पहली बार पानी खोजा

तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2003 में Chandrayaan कार्यक्रम का ऐलान किया था. 15 अगस्त 2003, यही वह डेट है जब भारत ने Chandrayaan कार्यक्रम को शुरू किया गया था. नवंबर 2003 को भारत सरकार ने पहली बार भारतीय चांद मिशन के लिए ISRO के Chandrayaan -1 को मंजूरी दी थी. इसके करीब 5 वर्ष बाद, इंडिया ने 22 अक्टूबर 2008 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से Chandrayaan मिशन लॉन्च किया था. उस वक्त तक महज 4 अन्य देश रूस, यूरोप, अमेरिका और जापान ही मून मिशन में कामयाबी हासिल कर पाए थे. ऐसा करने वाला भारत 5वां देश था.
14 नवंबर 2008 को Chandrayaan -1 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया ,लेकिन तब तक उसने चांद की सतह पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्ट कर दी थी. Chandrayaan -1 का डेटा यूज करके चांद पर बर्फ की पुष्टि कर ली गई थी. 28 अगस्त 2009 को इसरो के मुताबिक Chandrayaan -1 कार्यक्रम की समाप्ति कर दी थी, भारत जल्द ही फिर से चांद पर तिरंगा फहराने का मन बना चुका था.

Chandrayaan-2: आंशिक सफलता

आपको बता दें 22 जुलाई, 2019 को 14 बजकर 43 मिनट पर भारत ने चांद की तरफ अपना दूसरा कदम बढ़ाया था. सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र (एस डी एस सी), श्रीहरिकोटा से GSLV- मार्क-III M1 की तरफ से Chandrayaan -2 को लॉन्च किया गया. 20 अगस्त को Chandrayaan -2 अतंरिक्ष यान चांद की कक्षा में प्रवेश कर गया. चांद की सतह पर सुरक्षित उतरना इस मिशन का पहला मकसद था और फिर से चांद की सतह पर रोबोट रोवर संचालित करना था लेकिन 02 सितंबर को चांद की ध्रूवीय कक्षा में चांद का चक्कर लगाते वक्त लैंडर ‘विक्रम’ अलग हो गया और सतह से 2.1 KM की ऊंचाई पर लैंडर का स्पेस सेंटर से संपर्क टूट गया. Chandrayaan -2 साल 2019 में चांद की सतह पर सुरक्षित लैंड करने में फैल हुआ था. तब इसरो कंट्रोस रूम में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इसरो पहले समझने का प्रयास करेगा कि क्या हुआ है, उसके बाद अगले कदम पर निर्णय लेगा और अब ISRO तीसरी बार चांद के चुमने वाला है.

Chandrayaan-3: पूरी उम्मीद

भारत का तीसरा मून मिशन यानी Chandrayaan-3 (23 अगस्त 2023) यानि आज शाम 05:30 बजे से 06:30 बजे की बीच चांद की सतह पर उतरेगा. पूरे देश में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर की सॉफ्ट लैंडिंगी की मन्नत मांगी जा रही है. सतीश धवन स्पेस सेंटर (Satish dhawan space centre) से लॉन्च किया गया था. इसे भेजने के लिए LVM-3 लॉन्चर का उपयोग किया गया है.

ISRO की वेबसाइट की जानकारी के मुताबित, चांद पर लैंडर मॉड्यूल की प्राइम साइट 4 km x 2.4 km 69.367621 S, 32.348126 E है. भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास स्थित Manzinus-U क्रेटर के नजदीक Chandrayaan-3 को उतार कर सकता है. बता दें पृथ्वी के 14 दिन चांद के 1 दिन के बराबर होता है. यही कारण है कि Chandrayaan 3 मिशन 14 दिनों तक चांद की सतह पर खोज करेगा, जिसके लिए विक्रम लैंडर में 4 पेलोड्स लगे हैं.

बता दें दक्षिणी ध्रुव के आसपास का तापमान अधिकतम 100 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा और न्यूनतम माइनस 200 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो सकता है. वहां मौजूद पानी बर्फ की शक्ल में मिलेगा. ChaSTE मून की सतह पर तापमान की जांच पडताल करेगा. ILSA लैंडिंग साइट के आसपास भूकंपीय गतिविधियों की जांच करेगा और लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे (LRA) चंद्रमा के डायनेमिक्स को समझने का प्रयास करेगा.

Chandrayaan-3 के विक्रम लैंडर में लगे LHDAC कैमरे ने हाल ही में 4 तस्वीरें भेजी हैं. जिनमें कहीं बड़े गड्ढे तो कहीं मैदानी एरिया दिखाई दे रहा है. वहां अधिकतर जमीन उबड़-खाबड़ दिखाई दे रही है. बता दें कि 1958 से 2023 तक इंडिया , रूस, जापान (japan), यूरोपीय संघ, चीन(china) और इजरायल ने कई तरह के मिशन मून पर भेजे हैं. करीब 7 दशकों में 111 मिशन भेजे जा चुके हैं. जिनमें 66 सफल हुए. 41 विफल हुए और 8 को आंशिक सफलता प्राप्त हुई. जानकारी के मुताबिक बता दें भारत Chandrayaan 3 की सफलता के बाद जल्द ही भारत Chandrayaan-4 की तैयारी शुरू करेगा.

Chandrayaan-3 की ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग यहां देखें

Chandrayaan-3 की लैंडिंग का लाइव टैलिकास्ट 23 अगस्त 2023 की शाम 5 बजकर 27 मिनट से शुरू हो जाएगा. इसे. ISRO की वेबसाइट. isro.gov.in, YouTube पर. youtube.com/watch?v=DLA_64yz8Ss , Facebook पर… Facebook https://facebook.com/ISRO या फिर DD National TV चैनल पर देख सकता है.

Prachi Chaudhary

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