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Amritpal Singh Arrest: भगोडे अमृतपाल सिंह ने गिरफ्तारी सें पहले मोगा के रोडेवाल गुरुद्वारा मे पुलिस के आगे किया सरेंडर

Punjab News: पंजाब से फरार खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है कई दिनों से सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुईं थीं। अमृतपाल के फरार होने के बाद से उसके समर्थकों और करीबियों पर शिकंजा कसता चला गया। भगोडे  अमृतपाल सिंह की तलाश पंजाब के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड , हरियाणा के सहेत भारत से लगी सीमाओं तक हो रही थी।

18 मार्च भगोडे  अमृतपाल सिंह ने पुलिस को करीब 36 दिन तक चकमा देने के बाद आज यानी 23 अप्रैल रविवार सुबह पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को मोगा के  रोडेवाल गुरुद्वारा से सरेंडर के बाद गिरफ्तार किया है . मोगा खालिस्तानी अलगाववादी  जरनैल सिंह भिंडरावाला का गांव है। यही उसकी दस्तारबंदी हुई थी. उसने कहा कि उसके जैसे आते जाते रहेंगे, लेकिन युवा नशे छोड़े और अमृत ग्रहण करे।

भगोडे Amritpal singh ने क्यों किया सरेंडर?

‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का मुखिया अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) का सिख संगठनों और अकाल तख्त ने समर्थन करने और उसकी मदद करने से इनकार कर दिया था. अकाल तख्त ने बकायदा अमृतपाल सिंह को सरेंडर करने के लिए कहा था. इसके बाद अमृतपाल को पता चल गया था कि उसके सामने सरेंडर के अलावा कोई दूसरा विकल्प (Option) नहीं था. वह विदेश भाग नहीं भाग सकता था, क्योंकि हर जगह उसको लेकर सघन जांच चल रही थी.

अमृतपाल सिंह कौन है  ?

अमृतपाल (amritpal singh) ‘वारिस पंजाब दे’संगठन का चीफ है. वह अलग देश खालिस्तान की मांग कर रहा है. वह कुछ दिन पहले ही दुबई से लौटा है. वारिस पंजाब दे संगठन को पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू (Seep Sindhu) ने बनाया था. दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल ने इसपर कब्जा कर लिया. उसने भारत आकर संगठन में लोगों को जोड़ना शुरू किया. अमृतपाल(amritpal) का ISI लिंक बताया जा रहा है.

कैसे विवादों में फसा अमृतपाल सिंह?

अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) विवादों में क्यों आया और पुलिस उसको क्यों गिरफ्तार करना चाहती है इसके बारे में सबसे पहले जान लेते हैं. 23 फरवरी 2023 को अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) ने अजनाला में अपने समर्थकों के साथ थाने में हमलाकर अपने एक साथी को पुलिस हिरासत से छुड़ाकर ले गया.इसके बाद अमृतपाल और उसके समर्थकों पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली थी. भगोडे अमृतपाल सिंह पर शिकंजा कसने के लिए पंजाब  पुलिस (Punjab police) ने कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी उसे कमजोर किया . एक ओर पुलिस ने अमृतपाल को जहां भगोड़ा घोषित किया। उधर, अजनाला थाने पर हमले के आरोपी एवं खालिस्तान समर्थक अमृतपाल 19 मार्च को 3 और FIR दर्ज कर दी गई थीं। जालंधर के सलेमा गांव में मिली उसकी काले रंग की ईसुजू गाड़ी में अवैध हथियार मिले थे। इसके साथ ही पुलिस ने अमृतपाल के फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी और उसके गनरों को गिरफ्तार कर लिया था

माहौल बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर पंजाब में मोबाइल इंटरनेट (Mobile Internet) सेवाएं बंद कर दी गई थीं। पंजाब सरकार की तरफ से जारी आदेश में कहा गया था कि जनता के हित में पंजाब के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी SMS सेवाएं (Banking और Mobile Recharge को छोड़कर) और Voice Call को छोड़कर Mobile Network पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाएं निलंबित की गई थीं. सरकार ने ऐसा आंदोलनकारियों और प्रदर्शनकारियों की भीड़ को रोकने के लिए किया था। भगोड़ा अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) कभी राजस्थान के काला बांगा में तो कभी उत्तराखंड के पीलीभीत में छिपा बताया गया. इसी दौरान अमृतपाल को पंजाब (Punjab)और उत्तराखंड में अलग-अलग स्थान पर देखे जाने की खबरें आईं, लेकिन पुलिस के उस स्थान तक पहुंचने से पहले ही अमृतपाल किसी दूसरी जगह दिखाई दे जाता। जालंधर के शाहकोट में पुलिस को अमृतपाल के बाइक पर भागने की खबर मिली। घेराबंदी भी की गई लेकिन अमृतपाल बच निकलने में सफल रहा। इसी तरह होशियारपुर में भी अमृतपाल का पता चला, लेकिन पुलिस (Police) के एक्शन में आने से पहले वह इस जिले से भी निकल गया।

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अमृतपाल ने 29 मार्च को एक वीडियो जारी किया था  जिसमें उसने दावा किया कि वह हर बार बच निकलने में कामयाब रहा और अब सुरक्षित है। अमृतपाल ने सशर्त सेरेंडर की बात भी कही, लेकिन इस संबंध में भी पुलिस के सारे अनुमान गलत साबित हुए. पुलिस के मुताबिक  अमृतपाल ने वीडियो में सरबत खालसा बुलाने का आह्वान इसलिए किया है, ताकि वह किसी बड़े गुरुद्वारे में संगत की मौजूदगी में आत्मसमर्पण करे। इसके आधार पर पुलिस ने वैसाखी पर राज्य के सभी बड़े गुरुद्वारों में सुरक्षा व्यवस्था और बैरिकेडिंग की, लेकिन अमृतपाल कहीं नहीं पहुंचा। अब पुलिस को शक था कि अमृतपाल पंजाब-हरियाणा (Punjab- Haryana) या पंजाब-राजस्थान (Punjab-Rajasthan) के सीमावर्ती गांवों में छिपा हो सकता है।

बीते एक महीने की जद्दोजहद को लेकर पंजाब पुलिस (Punjab Police) का दावा किया था कि अमृतपाल 2 बार चकमा देकर बच निकलने में कामयाब रहा, लेकिन पुलिस की असफलता पर भी सवाल खड़े होने लगे थे और पूरे घटनाक्रम को पंजाब पुलिस और खुफिया तंत्र की नरमी करार दिया जा रहा था। सिख नेताओं ने खुलेआम आरोप लगाए थे कि अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के मामले में राजनीतिक साठगांठ है। पुलिस और उसकी एजेंसियों की तैनाती के अलावा अमृतपाल की गिरफ्तारी में मिली असफलता पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Haryana Highcourt) ने भी सवाल उठाए थे। पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के खिलाफ NSA के तहत केस दर्ज किया हुआ है, लेकिन अब तक सिर्फ अमृतपाल (Amritpal) के समर्थक और भागने में मदद करने वाले ही पुलिस के हत्थे चढ़े थे।द्वा

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