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Mehul Choksi: भारत का बैंक घोटालेबाज चौकसी एंटीगुआ में ऐश फरमा रहा

Gujarati News! आप उस मेहुल चौकसी (Mehul Choksi) को जानते हैं न जिसने भारत के पंजाब नेशनल बैंक से करोडो रुपये लेकर भाग गया और हमारी सरकार उसका कुछ भी बिगाड़ न सकी। शुरूआती दौर में सरकार कहती रही कि चौकसी को भारत लाया जाएगा। कई तरह के उपाए भी किये गए लेकिन वह भारत नहीं आया। भारत की तमाम जांच एजेंसियां असफल रही। और आज चौकसी एंटीगुआ में है और ऐश की जिंदगी जी रहा है। वह वही का नागरिक भी हो चूका है।

गुजरात का यह हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी (Mehul Choksi) एंटीगुआ की पुलिस को मोटी घूस देकर खुद को बचा रहा है। चौकसी पुलिस अफसरों को रिश्वत दो वजहों से दे रहा है। पहली- उसे एंटीगुआ सरकार कहीं भारत के हवाले न कर दे। दूसरी- उसे एंटीगुआ में तमाम सुविधाएं मिलती रहें।
अभी हाल में ही यह खुलासा एंटीगुआ-बारबुडा के इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट केनेथ रिजोक ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है। रिपोर्ट के मुताबिक- मेहुल बेहद शातिर अपराधी है और वो ऐसी कई साजिशें रच रहा है, जिससे वो भारत के हवाले किए जाने से बच सके।2 साल पहले चौकसी को डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया था। बाद में वो रिहा हो गया।

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चौकसी के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस है और वो इस इंटरनेशनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन को अच्छी तरह मालूम है कि वो एंटीगुआ में कहां मौजूद है। इंटरनेशनल लॉ के मुताबिक, इंटरपोल एंटीगुआ सरकार से मेहुल को गिरफ्तार करके उसे भारत के हवाले करने को कह सकता है।
केनेथ की रिपोर्ट कहती है- मेहुल एंटीगुआ की पुलिस को रिश्वत देकर उन्हें अपनी साजिश में शामिल कर चुका है। इसका असर ये हुआ कि इंटरपोल उसे गिरफ्तार नहीं कर पा रही है, क्योंकि एंटीगुआ की पुलिस इसमें बार-बार अड़ंगा लगा देती है। पुलिस की मदद से ही वो कोर्ट में जारी लीगल प्रॉसेस को भी लंबा खींच रहा है। इसमें एंटीगुआ की सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के अफसर भी शामिल हैं।

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केनेथ की रिपोर्ट के मुताबिक- एंटीगुआ में मौजूद चौकसी के जॉली रेस्टोरेंट में एक पुलिस अफसर एडोनिस हेनरी एक हफ्ते में तीन बार चौकसी से मिलने पहुंचा। चौकसी ने मजिस्ट्रेट कॉन्लिफी क्लार्क को भी प्रभावित करने की कोशिश की। उन्हें भी रिश्वत की पेशकश की गई।
चौकसी कई बार खराब सेहत का हवाला देकर एंटीगुआ की अदालतों से बचता रहा है।
चौकसी पर सरकार भी चुप है और बैंक भी। जांच एजेंसियां भी चौकसी के बारे में सुस्त हो गई है। इस सुस्ती के क्या कारण हैं यह कौन जाने !

Akhilesh Akhil

Political Editor

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