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भारत रत्न :सम्मान के साथ ही वोट साधने का सटीक निशाना!

India’s highest civilian Award 2024 | Bharat Ratna News

Modi Government News! मोदी सरकार ने इस बार बड़ा खेल किया है। देश के दो पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्रियों चौधरी चरण सिंह और नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। इसके साथ महान कृषि वैज्ञानिक और हरित क्रांति के जनक कहलाने वाले एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न देने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार के आज के ऐलान के बाद अभी तक कुल पांच विभूतियों को इस साल भारत रत्न देने की बात कही गई है। कुछ दिन पहले ही बिहार के जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया था और इसके बाद ही इंडिया गठबंधन के धुरी रहे नीतीश कुमार अचानक एनडीए के पाले में चले गए।

निश्चित तौर पर जिन लोगों के नाम की घोषणा मोदी सरकार ने की है वे बड़े नाम है और भारत की विकास गाथा में इनके बड़े योगदान भी हैं। किसी के योगदान आर्थिक और कृषि क्षेत्र में रहे हैं तो किसी के योगदान सामाजिक आर्थिक बराबरी के क्षेत्र में किये जाते हैं। ऐसे में मोदी के इसऐलान को मास्टर स्ट्रोक के रूप में देखा जा सकता है। बीजेपी का यह खेल निश्चित तौर पर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर भारी पड़ सकता है। इसका अभी कोई तोड़ न तो कांग्रेस के पास है और न ही विपक्षी दलों के पास ही।

चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की वजह चाहे जो भी हो लेकिन एक बात तो साफ़ है कि चौधरी साहब किसानो और जाटों के बड़े नेताओं में शुमार रहे हैं। प्रधानमंत्री बनकर भी उनकी सादगी गजब की रही है। आज मोदी सरकार ने चौधरी साहब को भारत रत्न देने का ऐलान कर किसानो को तो साधने का काम किया ही है वेस्ट यूपी और हरियणा के जाटों को भी साधने की कोशिश की है। निश्चित तौर पर बीजेपी को इसक लाभ मिल सकता है।

सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस खेल के बाद अब इस बात की सम्भावना और भी बढ़ गई कि जयंत चौधरी बीजेपी के साथ जा सकते हैं। जयंत चौधरी क्या कुछ करते हैं यह देखने की बात हो सकती है लेकिन बीजेपी की पूरी कोशिश होगी की जयंत चौधरी को अपने पाले में लाया जाए।

मोदी सरकार ने कांग्रेस के बड़े नेता और दिवंगत प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को भी भारत रत्न देने का ऐलान कर आँध्रप्रदेश की राजनीति को साधने का बड़ा काम किया है। नरसिम्हा राव एक विद्वान ,कई भाषाओँ के जानकार प्रधानमंत्री तो थे ही लेकिन उनकी पहचान देश में पहली बार नई आर्थिक नीति को लागू करने वाले पीएम के रूप में रही है। दुनिय के आर्थिक पटल पर भारत को पहुंचाने का श्रेय उन्ही को जाता है। यह बात और है कि नरसिम्हा राव के अंतिम समय में कांग्रेस से वह सब उन्हें नहीं मिला जो मिलना चाहिए था। बीजेपी अब कांग्रेस पर तंज कर सकती है कि जिसने देश के लिए बेहतर काम किया उसको भी कांग्रेस ने भुला दिया। और इसका लाभ बीजेपी को मिल सकता है। इस बार आंध्रा में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधान सभा चुनाव भी होने हैं।

एमएस स्वामीनाथन देश के महान कृषि वैगनिकों में शुमार रहे हैं। उन्हें हरित क्रांति का जनक कहा जाता है। हाल में ही उनका देहांत भी हुआ है। भारत के किसानो के भी वे बड़े नेता रहे हैं। स्वामीनाथन को भारत रत्न देकर जहाँ किसानो को साधने की कोशिश की गई है वही तमिलनाडु की राजनीति को भी बीजेपी ने साधा है। तमिलनाडु में ही स्वामीनाथन का जन्म हुआ था। वे वही के रहने वाले थे। ऐसे में बीजेपी ने वह सब किया है जो किसी भी सरकार को करना चाहिए था। बीजेपी ने यह सब करके यश भी कमाया है और वोट बैंक को भी साधा है। यही हाल बीजेपी ने बिहार में भी कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर किया है। बिहार में अति पिछड़ों को साधने की कोशिश की गई है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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