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कश्मीर पर अमित शाह का ‘रौद्र-रूप’ देख विपक्ष रह गया सुन्न!

Amit Shah In RajyaSabha: लोकसभा हो चाहे राज्यसभा हो, हर कोई जानता है कि जब जब गृहमंत्री अमित शाह बोलते हैं, तो हर कोई उनका फैन हो जाता है। हर कोई शाह को सुनता है और बात जब कश्मीर या पाकिस्तान की हो तो शाह का गुस्सा देखने लायक होता है। जी हां दरअसल आपको बता दें कि देश के गृहमंत्री अमित शाह का अगला मिशन Pok ही है। सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन और जम्मू कश्मीर आरक्षण विधेयक पास हो गया। मगर इस पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री ने विपक्ष पर करारा हमला बोला। अमित शाह ने संसद में दोहराया कि PoK भारत का अभिन्न हिस्सा है। और इसे भारत से कोई नहीं छीन सकता। दरअसल आपको बता दें कि आर्टिकल 370 को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई, बिल पास होने के साथ ही कल सुप्रीम कोर्ट ने 4 साल पहले केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करने के फैसले को भी सही बताया।  जिसके बाद जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में ज़बरदस्त जश्न दिखा।

विपक्ष को लगा झटके पर झटका!

दरअसल आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के नाम पर केंद्र सरकार पर हमला करने वाली विपक्षी पार्टियों को दोहरा झटका लगा है।  पहला झटका संसद से तब लगा, जब जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक-2023 और जम्मू-कश्मीर आरक्षण विधेयक लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया।विपक्ष को दूसरा झटका देश की सबसे बड़ी अदालत से लगा।  क्योंकि करीब चार साल पहले जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के जिस फैसले को विपक्ष के कई दल असंवैधानिक बताते थे। और जम्मू-कश्मीर की आवाम को उसकी वापसी का सब्ज़बाग दिखाते थे। कल सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने उसकी गुंजाइश ही खत्म कर दी, और आर्टिकल 370 खत्म करने के सरकार के फैसले को सही ठहराया।

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति के फैसले पर अपील का विचार नहीं कर सकती। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से विरोधी खेमे में मातम पसर गया। तो जम्मू-कश्मीर के कई जगहों पर ज़बरदस्त जश्न मनाया गया।

एक तरफ जम्मू-कश्मीर में जश्न का माहौल था। तो दूसरी तरफ राज्य सभा में गृहमंत्री अमित शाह विपक्ष पर हमलावर थे। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री शाह ने आर्टिकल 370 को अलगाववाद और आतंकवाद का मूल कारण बताया। जिसके लिए उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को ज़िम्मेदार बताया। अमित शाह ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर नेहरू जी ने सीज़फायर की गलती नहीं की होती। तो पिछले 75 साल से पीओके भारत से अलग नहीं होता।

गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कश्मीर के विलय में देरी के लिए अब्दुल्ला परिवार को भी ज़िम्मेदार ठहराया। साथ ही कहा कि अगर सरदार पटेल ने दखल नहीं दिया होता तो पाकिस्तान पर हमले के लिए भारतीय सेना नहीं भेजी जाती। और तब आधा कश्मीर भी बचाना मुश्किल हो जाता।  

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अमित शाह के ताबड़तोड़ प्रहारयहीं नहीं रुके। उन्होंने आर्टिकल 370 को हिंदू-मुसलमान से जोड़ने वाली सोच पर करारा हमला किया और कांग्रेस को भरी संसद में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दशकों पुरानी गलतियों को अभी भी नहीं सुधारा गया तो देश को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।पीओके के मुद्दे पर अमित शाह एक बार फिर उसी तल्ख तेवर और आक्रामक अंदाज़ में नज़र आए, जैसे चार साल पहले आर्टिकल 370 को निरस्त करने के दौरान दिखे थे। अमित शाह ने राज्यसभा में बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया। साथ ही पिछले चार साल में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 निरस्त करने के फायदे भी गिनाए। ज़ाहिर है चार साल पहले जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा कर मोदी सरकार ने जो मास्टर स्ट्रोक चला था.. कल जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन और जम्मू कश्मीर आरक्षण बिल पास करा कर अखंड भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है।

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