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हाथों में थाली, आंखों में आंसू… जेल में बंद भाईयों को भाई दूज का टीका लगाने पहुंचीं बहनें!

Bhaiya Dooz: आज पूरे देश में भाईदूज का त्योहार 15 नवंबर यानी की आज बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। भाईदूज (Bhai Dooj ) का पर्व हर साल पंचांग गणना के लिए कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। मगर इस साल तिथियों का ऐसा संयोग बना रहा है जिसने लोगों को कन्फयूजन में डाल दिया कि भाईदूज कब मनाया जाएगा।  अगर आप भी भाईदूज की तारिख को लेकर परेशान है तो आपको बता दें कि किस दिन भाईदूज (Bhai Dooj ) यानी भातृद्वितीया का पर्व मनाना शास्त्रानुकूल उचित होगा।

भाईदूज की मान्यता और महत्व ?

स्कंदपुराण में भातृद्वितीया यानी भाईदूक (Bhai Dooj ) के बारे में बताया गया है कि, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन यमुना ने अपने घर में पूजन करके भाई यम यानी यमराजा का सत्कार किया था और अपने हाथों से भोजन बनाकर भाई जो टीका दिया या और भोजन करवाया था। उस समय से ही कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि का नाम भाईदूज (Bhai Dooj ) और यमद्वितीया हो गया। भाईदूज (Bhai Dooj ) के अवसर पर यमराज ने अपनी बहन यमुना को वरदान दिया था कि जो भी भाई यमद्वितीया के दिन अपनी बहन से टीका करवाएगा और बहन के हाथों से बना खाना खाएगा उसे अकाल मृत्यु का भय कभी नहीं होगा।

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इसी कड़ी में जिला कारागार की ओर से भाई-बहन के पावन पर्व भाई दूज पर एक विशेष तोहफा उन बहनों को दिया जाता है, जिनके भाई किसी ने किसी अपराध में जेल में बंद है। भाई दूज पर जेल प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था उन बहनों के लिए की जाती है जो अपने भाई से मिलने के लिए और भाई दूज पर मंगल टीका करने के लिए जेल पर पहुंचती है। भाई बहन के इस  पावन पर्व पर जेल की ओर से विशेष व्यवस्थाएं उन बहनों के लिए की जाती हैं जो किसी कारण वश अपने भाइयों के लिए भाई दूज की सामग्री लाना भूल जाती है। उसकी भी व्यवस्था जेल प्रशासन की ओर से की गई है।

आपको बताते चलें कि वर्ष में केवल दो बार भाई बहन को एक साथ जेल में मिलने का मौका मिलता है। जिसमें एक रक्षाबंधन पर तो दूसरा भाई दूज पर इस दिन का भाई एवं बहन को दोनों को ही बड़ा बेसर्वी से इंतजार रहता है। भैया दूज पर तिलक करने पहुंची बहनों को जेल में बंद अपने-अपने भाईयों से मिलने में किसी भी प्रकार की कोई दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने भाइयों से मुलाकात कर उनके माथे पर तिलक कर उनके दीर्घायु की कामना की साथ ही जेल से बाहर आने की भी कामना की। भैया दूज के मौके पर जिला कारागार में भी महिलाओं की भीड़ देखी गई। यहां पर पहुंची महिलाओं की सघन तलाशी  के बाद जेल में बंद अपने भाई से मुलाकात की और फिर मिठाई खिलाकर उनको बधाई दी। आपको बता दें कि इस दौरान जेल में बंद भाइयों के माथे पर तिलक कर उनकी बहनों ने दीर्घायु और जेल से जल्द रिहाई की कामना की।

आपको बता दें कि जेल में काफी संख्या में महिलाएं पहुंची थीं। सुबह होते ही जेल में बहनों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया।  जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे बहनों की संख्या बढ़ती चली गई। भाइयों से मिलने के लिए बहनों को घंटों का इंतजार भी करना पड़ा था। बहनें अपने भाइयों के लिए मिठाई लेकर जेल पहुंची थी और भाईयों को मिठाई खिलाकर मंगल टीका किया तो बहिनों से भाईयो ने भी अपराध दुनियां छोड़ देने का वादा किया। भाई को जेल में बंद देख बने भावुक होते हुए दिखीं।

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