नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन (Atomic War) के बीच जारी युद्ध की सुई अब परमाणु के ख़तरे की ओर घूमती नज़र आ रही है। ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने एक बयान में कहा कि दुनिया पर न्यूक्लियर का ख़तरा मंडरा रहा है। इस बयान को कुछ लोग सियासी बयानबाजी बता रहे हैं लेकिन हम राष्ट्रपति बाइडेन की इन बातों को ध्यान में रखते हुए कुछ रेफेरेंसस की बात करते हैं और समझते हैं कि बाइडन का ये बयान कितना सही है।
यूक्रेन और रूस (Atomic War) के बीच चल रहे युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। इसके साथ ही अब विश्व पर परमाणु हमले का ख़तरा भी बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि कोल्ड वॉर के बाद यह पहला मौका है, जब न्यूक्लियर अटैक का ख़तरा मंडरा रहा है। बाइडेन ने कहा कि पुतिन जो परमाणु धमकी दे रहे हैं वो बिल्कुल भी मज़ाक नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिया ये बयान
बता दें कि बाइडेन का ये बयान पुतिन की उस धमकी के बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि हवा का रूख पश्चिमी देशों की तरफ कभी भी मुड़ सकता है। बाइडेन ने कहा है कि दुनिया परमाणु जंग के मुहाने पर खड़ी है और वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन (Atomic War) के बीच पैदा हुए इस खतरनाक युद्ध के बीच इससे बचने का रास्ता खोज रहे हैं। बाइडन का ये बयान न्यूयॉर्क में डेमोक्रेटिक पार्टी के फंडरेजिंग कार्यक्रम के दौरान सामने आया है।
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बाइडेन ने ये भी कहा कि हमने 1962 में कैनेडी और क्यूबा के मिसाइल संकट के बाद परमाणु जंग की आशंका का सामना नहीं किया है लेकिन इस बार पुतिन मजाक नहीं कर रहे हैं। हालांकि फिलहाल पुतिन की सेना यूक्रेन में काफी कम प्रदर्शन कर रही है और हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि पुतिन का ऑफ-रैंप क्या है? यानी पुतिन पर्दे के पीछे से क्या रणनीति बना रहे हैं कोई नहीं जानता।
इन आधारों पर जो बाइडन ने दिया बयान
तो अब हम बाइडेन के बयानों को ध्यान में रखते हुए कुछ रेफरेंसेस पर आतें हैं और आपको बताते हैं कि किस आधार पर बाइडन ने ये बयान दिया है। खबरों की मानें तो
- पुतिन ने अपने परमाणु हथियारों का नवीनीकरण करवाया है।
- यूक्रेन से युद्ध के बीच रूसी सेना ने लाइव ड्रिल किया था
- रूसी नौसेना ने परमाणु पनडुब्बी का परीक्षण भी किया है।
- युध्दाभ्यास के दौरान रूसी नौसेना ने क्रूस मिसाइलें भी दागी हैं।
- रूसी सेना ने एटमी पनडुब्बियों के जरिए भी अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है।
- नई जनरेशन के हथियारों का लगातार प्रशिक्षण जारी है।
इन सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं के साथ ही रूस और नॉटो देशों के बीच तनातनी अब किसी भी वक्त जंग में तबदील हो सकती है। बताते चलें रूस की ओर से जैपोरिजिया के रिहायशी इलाके में बीती रात मिसाइल से हमला किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, हमले में कई लोंगों के मारे जाने की ख़बर है और 40 लोग घायल हुए हैं। वहीं रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाला केर्च पुल एक विस्फोट में तबाह हो चुका है।
पुल के साथ लगी रेलवे लाइन पेट्रोल ले जा रही ट्रेन में धमाके के कारण बंद हो चुकी है। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि पुल का एक बड़ा हिस्सा समुंद्र में समा गया है। ऐसे में रूस और क्रीमिया के बीच जमीनी संपर्क लगभग खत्म हो चुका है। पुल के टूटने से यूक्रेन में युद्ध लड़ रहे रूसी सैनिकों को गोला-बारूद और रसद पहुंचाने का एक प्रमुख मार्ग भी बंद हो गया है। जिससे पुतिन और खिसिया सकते हैं। क्रीमिया ब्रिज की तबाही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए बड़ा झटका बताया जा रहा है।
यूक्रेन जंग की स्थिति अब एक जटिल मोड़ पर पहुंच गई है। सीमित विकल्प ही बचे हैं उसमें से विकल्प परमाणु युद्ध का है। वहीं रूस के बढ़ते हमलों को देख कर नाटो के सदस्य पोलैंड के राष्ट्रपति अंद्रेज डूडा ने कहा है कि उनके देश को अपनी जमीन पर अमेरिकी परमाणु बम को तैनात करने में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होने कहा कि नाटो सदस्य के नाते पोलैंड अपनी जमीन पर परमाणु हथियार साझा करने की योजना में शामिल होना चाहता है। बताते चलें कि ज्यादातर नॉटो में शामिल देश परमाणु संपन्न हैं।
ये है निष्कर्ष
यूक्रेन पर बढ़ते रूस के हमले, घातक हथियारों के साथ युद्धाभ्यास और राष्ट्रपति पुतिन के बयान के साथ ही नॉटो देशों को बयान, सभी एक-एक करके ये इशारा करते नजर आ रहै हैं कि कोई पीछे नहीं हटेगा। और इसी से कहा जा सकता है कि अगर दुनिया परमाणु युद्ध के भयंकर कालचक्र में प्रवेश कर गयी तो संपूर्ण विश्व में तबाही आ जाएगी जो पीढ़ी दर पीढ़ी अपने निशान छोड़ती जाएगी।