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क्या होती है साढ़ेसाती और ढैय्या ? कैसे पड़ा ये नाम

Sadesaati and Dhaiya: ज्योतिष शास्त्र में शनि को बहुत ही क्रूर और उग्र ग्रह (Sadesaati and Dhaiya) माना जाता है और शनि की अशुभ दशा को साढ़ेसाती और ढैय्या कहते हैं। आज हम आपको इस लेख के जरिए बताने जा रहे हैं क्याi होती है शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या। और किस राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या (Sadesaati and Dhaiya) कैसे लगती है।

शनि कुंभ राशि में भ्रमण (Sadesaati and Dhaiya) कर रहे हैं, अतः वर्तमान में मकर, कुंभ और मीन राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है तथा वृश्चिक और कर्क राशि वालों के ऊपर शनि की ढैय्या (Sadesaati and Dhaiya) चल रही है।

शनि की साढ़ेसाती गणना
जानकारी के मुताबिक (Sadesaati and Dhaiya) बता दें शनिदेव अपनी धीमी चाल की वजह से एक राशि में ढाई साल रहते हैं। शनि जब किसी जातक की जन्मराशि से 12वीं राशि में आता है, तो वहां ढाई साल तक रहता है, इसके पश्चा त ढाई साल तक जन्मराशि में रहकर, शनि भ्रमण करता हुआ जन्मराशि से आगे बढ़ता है और जन्मराशि से दूसरी राशि में भी ढाई साल तक रहता है। इस प्रकार वह तीनों राशियों को मिलाकर ढाई + ढाई + ढाई = साढ़ेसात साल रहता है। साढ़ेसात साल की यह अवधि शनि की साढ़ेसाती (Sadesaati and Dhaiya) कहलाती है।

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साढ़ेसाती की गणना
आपको बता दें जन्म राशि से 12वीं राशि में शनि के आते ही साढ़ेसाती लगने की शुरुआत हो जाती है और जिस दिन शनि जन्म राशि से दूसरी राशि को छोड़ता है उस दिन साढ़ेसाती (Sadesaati and Dhaiya) समाप्त हो जाता है। किसी जातक के जीवन में साढ़ेसाती कब आएगी और कब तक रहेगी, यह जानने के लिए हमें सर्वप्रथम किसी भी प्रचलित पंचांग से देखना होगा कि शनि किस राशि में है। उस राशि से एक राशि आगे और एक राशि पीछे तक शनि के रहने पर साढ़ेसाती रहेगी। उदाहरण के लिए वर्तमान में शनि कुंभ राशि में भ्रमण कर रहे हैं। अतः कुंभ राशि से एक राशि आगे यानी मीन और एक राशि पीछे, मकर वाले जातकों के लिए तथा स्वयं कुंभ राशि के लिए साढ़ेसाती रहेगी। मकर राशि वालों के लिए उतरती तथा मीन राशि वालों के लिए चढ़ती साढ़ेसाती (Sadesaati and Dhaiya) रहेगी।

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ढैय्या की गणना
जब जन्मराशि से शनि गोचर में चतुर्थ और अष्टम स्थान पर होता है तो उस समयावधि (Sadesaati and Dhaiya) को ढैय्या का नाम दिया गया है।

Prachi Chaudhary

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