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हमास के साथ साथ पाकिस्तान का भी होगा खात्मा, अमेरिका ने खाई कसम!

America Latest Bayan: इजरायल औऱ हमास के बीच में जारी महायुद्ध पर दुनिया की नजरें हैं। हिंदुस्तान जैसे देश यही चाह रहे हैं कि ये महातबाही रूक जाए। तो वहीं कुछ देश ऐसे हैं जो आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। एक ओऱ फिलिस्तीन है, तो वहीं दूसरी ओर इजरायल है। इजरायल वैसे तो वो देश है जो अकेला ही कई देशों पर भारी रहता है, लेकिन फिलिस्तीन को मुस्लिम देशों ने समर्थन दिया हुआ है, तो फिर अमेरिका ने भी इजरायल का खुलकर समर्थन करने का ऐलान कर दिया है। जिससे की इजरायल के हौसले बुलंद हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को इजरायल-हमास में जारी तनाव पर चर्चा होनी थी। चर्चा होनी थी इस मुद्दे पर कि जो इजरायल के किबुत्ज में 7 अक्टूबर को नरसंहार हुआ उसके लिए कौन जिम्मेदार है। लेकिन चर्चा में कोई भी हल नहीं निकला। अमेरिका के निशाने पर अब फिलिस्तीन और पाकिस्तान जैसे देश भी आ गए हैं। ये दोनों वो देश हैं जो आतंकियों को पनाह देते हैं।

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दरअसल, आपको बता दें कि अमेरिका लगातार हमास पर वार कर रहा है। अमेरिका ने खुलकर ऐलान किया है कि वो आतंक के साथ नहीं है। अमेरिका ने इजरायल पर हुए हमलों की निंदा करते हुए आतंकवाद के पनाहगाहों को आड़े हाथों लिया। अमेरिका के विदेश मंत्री ने कहा कि हमास या उसके जैसे आतंकी समूहों को मदद करने वाले UN के सदस्य देशों की घनघोर निंदा होनी चाहिए। एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि इस परिषद की जिम्मेदारी है कि वो ऐसे सदस्य देशों की निंदा करे जो हमास या ऐसे भयानक कृत्यों को अंजाम देने वाले किसी भी आतंकवादी समूह को हथियार, पैसे और ट्रेनिंग देते हैं।
पाकिस्तान भी UN का सदस्य है और ये पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवादियों के मददगार देशों में पाकिस्तान नंबर 1 पर आता है। पाकिस्तान खुलकर आतंकियों को समर्थन देता है। आतंक के इसी अड्डे पर मुंबई 26/11 के हमले की साज़िश रची गई थी। UN सदस्य देशों की बात करके अमेरिका ने भी एक तरह से पाकिस्तान जैसे आतंकपरस्त मुल्कों को आगाह किया। अमेरिका की इस चेतावनी का सबसे बड़ा सबूत ये भी है कि ब्लिंकन ने इजरायल के नरसंहार की तुलना मुंबई हमलों से की।अपने भाषण में उन्होंने किबुत्ज बेरी में इजरायलियों की मौत को मुंबई के 26/11 अटैक से जोड़ा और कहा कि ऐसे बर्बर कांड कहीं भी हो उसे सही नहीं ठहराया जा सकता।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि सभी आतंकी गतिविधियां गैर-कानूनी हैं और इसे सही नहीं ठहराया जा सकता। चाहे नैरोबी या बाली में, इस्तांबुल या मुंबई में, न्यूयॉर्क या किबुत्ज़ बेरी में ये आतंकी आम लोगों को निशाना बनाते हों, हम मानते हैं कि ये हर जगह गैर-कानूनी और अनुचित है।

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उन्होंने साफ करदिया है कोई भी आतंकी हमला सही साबित नहीं हो सकता है। चाहे वो ISIS ने किया हो या फिर बोको हराम ने किया हो। ये सभी गैर-कानूनी और अनुचित हैं।7 अमेरिका के मुताबिक पाकिस्तान और ईरान जैसे देश इन आतंकी संगठनों की मदद कर रहे हैं।इजरायल इस बात को चीख-चीख कर कह रहा है कि ईरान के सपोर्ट से ही हमास ने उस पर हमले किए। अमेरिका ने भी ईरान को चेतावनी दी और इशारों इशारों में कहा कि अगर उनके नागरिकों को कुछ हुआ तो वो ईरान को छोड़ेगा नहीं।अमेरिका ईरान के साथ संघर्ष नहीं चाहता है। हम नहीं चाहते कि ये लड़ाई बढ़े। लेकिन, अगर ईरान या उसके प्रतिनिधि कहीं भी अमेरिकी नागरिकों पर हमला करते हैं, तो ये गलती ना करें, हम अपने लोगों की रक्षा करेंगे। हम अपनी सुरक्षा तेज़ी से और निर्णायक तरीके से करेंगे। दरअसल आपको बतादें कि अमेरिका अपने नागरिकों को लेकर एक्टिव दिखाई दे रहा है।

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