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मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अभ्यास वर्ग में छाया रहा राष्ट्रवाद, लव जिहाद और जनसंख्या नियंत्रण पर छिड़ी बहस, संघ को बताया राष्ट्रभक्त संगठन

भोपाल में 8 जून से शुरू हुए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अमृतकाल अभ्यास सत्र के दूसरे दिन डॉक्टर हेडगेवार और संघ की राष्ट्रवादिता का मुद्दा छाया रहा। सत्र में मौजूद बुद्धिजीवियों, मुस्लिम स्कॉलर्स और MRM के कार्यकर्ताओं ने भी माना कि डॉक्टर हेडगेवार जन्मजात देशभक्त थे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रभक्ति पर संदेह नहीं किया जा सकता।

अभ्यास सत्र के दौरान मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने एक प्रस्ताव पारित करते हुए जनसंख्या नियंत्रण बिल को लाने और उस पर शिद्दत से अमल करने पर जोर दिया। इसको लेकर मुस्लिम युवाओं की भूमिका पर बहस हुई और शिक्षा के महत्व के बारे में चर्चा की गई। MRM  ने लव जिहाद के मसले पर भी अभ्यास सत्र के दौरान चर्चा की और इसकी आड़ में हिंदू बेटियों के हो रहे उत्पीड़न पर चिंता जताई।

दूसरे दिन के अभ्यास सत्र के दौरान भारत और राष्ट्रवाद पर लंबी बहस हुई । मंच के कार्यकर्ताओं ने संघ कार्यकर्ताओं की समासेवा के प्रति समर्पण की खुले दिल से तारीफ की । उन्होने माना कि देश पर जब भी कोई संकट या आपदा आती है तो संघ कार्यकर्ता सबसे पहले पहुंच कर पूरे समर्पण और सेवा भाव से पीड़ितों की सहायता में जुट जाते है। MRM ने माना कि संघ के कार्यकर्ताओं  ने कभी भी मजहब के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया और आपदा पीड़ित हर धर्म के लोगों की समान भाव से यथासंभव मदद की। इस दौरान कोविड संकट के समय MRM की सीता की रसोई की भूमिका की भी खुल कर तारीफ की गई। सीता रसोई ने उस दौरान लाखों भूखे लोगों को मुफ्त में खाना खिलाया, साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, दवाइयां, पीपीई किट और मास्क बांटने का भी काम किया था।

MRM  के अभ्यास वर्ग के दूसरे दिन शिरकत कर रहे मुस्लिम कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने वहां पर प्रस्तुत किए गए सभी प्रस्तावों को ध्वनिमत से पारित किया। इस अभ्यास वर्ग में आरएसएस कार्यकारिणी के सदस्य और MRM के संरक्षक इंद्रेश कुमार, संघ के संपर्क प्रमुख राम लाल और मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित काफी संख्या में गणमान्य शख्सियतों ने कार्यक्रम में शिरकत की।

जनसंख्या नियंत्रण, शिक्षा और किरदार:

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने जनसंख्या नियंत्रण बिल को जल्द से जल्द लागू करने की पैरवी की। इस दौरान वहां मौजूद बुद्धिजीवियों ने भारत की तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताई। उन्होने माना कि जिस रफ्तार से देश की आबादी बढ़ रही है उससे जल्दी ही संसाधन कम पड़ने लगेंगे। इस दौरान इस पर भी चर्चा हुई कि भारत में विश्व की आबादी की कुल 17 प्रतिशत जनसंख्या रहती है जबकि हमारे पास दुनिया का सिर्फ 6 प्रतिशत संसाधन ही मौजूद है। अभ्यास वर्ग में शिक्षा और युवाओं की भूमिका पर जोर देने का भी प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अलावा लव जिहाद के मुद्दे पर मंच ने आत्ममंथन के दौरान खुद से यह सवाल भी पूछा कि आखिर लव जिहाद की आग में कब तक बेटियां जलेंगी?

शिक्षा पर चिंता

अभ्यास वर्ग के दौरान मुस्लिम धर्म की शिक्षा को लेकर भी गहरी चिंता जताई गई। इस दौरान ये खुलासा हुआ कि भारत में मुस्लिम ग्रेजुएट की तादाद 3 प्रतिशत से भी कम है, साथ ही स्कूल ड्रॉप आउट का दर भी मुसलमानों में सबसे ज्यादा है। मंच ने माना कि तालीम की कमी की वजह से तहज़ीब और तरक्की पर भी असर पड़ता है। तालीम की कमी के कारण रोजगार भी नहीं मिलता है। तालीम की कमी के कारण जनसंख्या भी बढ़ती है जिसका सीधा असर रोजगार और दूसरे संसाधनों पर पड़ता है।

नरोत्तम मिश्रा की खरी-खरी

अभ्यास वर्ग के दौरान मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी अपनी बात रखी। उन्होने खुले दिल से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रयासों की सराहना की, उन्होंने कहा कि यह एक राष्ट्रवादी संगठन है और राष्ट्रवाद सर्वोपरि है। इसके साथ ही गृह मंत्री ने तल्ख लहजे में कहा कि, “मैं रसखान और रहीम के भक्त हूं, उनको पूजता भी हूं… लेकिन समस्या वैसे लोगों से जो रहते खाते तो हिंदुस्तान का हैं लेकिन गाते पाकिस्तान का हैं।”

राम लाल ने दी धैर्य, हिम्मत की सीख:

इस दौरान आरएसएस के वरिष्ठ नेता और संघ के संपर्क प्रमुख राम लाल ने मंच की जोरदार तारीफ की और एक सफल संगठन की बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं दीं। राम लाल ने देश भर से आए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि गंभीरता और परिपक्वता समय के साथ साथ आती है। उन्होने ये भी कहा कि उन्होंने कहा कि आज कि तारीख में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इतना बड़ा हो चुका है कि, “मैं समझता हूं कि देश में हिंदू मुसलमान बनाने के तो बहुत काम होते हैं लेकिन यह मंच सिर्फ “इंसान बनाने” का काम करता है”.

राम लाल ने कहा कि हिंदू मुसलमान के बीच अगर कोई दूरी है तो इसकी सबसे बड़ी वजह समझने का काम गलत तरीके से होना। उन्होने माना कि इसमें मुस्लिम समाज की गलती नहीं, समझाने वालों की गलती अधिक है। उन्होंने कहा कि सामान्य मुसलमानों को जो एक हजार वर्षों से समझाया गया वो उसने समझा और उन्हें यही बताया गया कि ये दोनों दो आइडेंटिटी हैं।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के इस चार दिवसीय प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र में इसके संरक्षक और मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने कुरान शरीफ का हवाला देते हुए बताया कि मुसलमानों को अपने देश के साथ पूरी ईमानदारी बरतनी चाहिए। उन्होने मुसलमानों से शैतानी तालीम से परहेज करने की भी अपील की।  इस दौरान सर्वसहमति से ये प्रस्ताव पारित हुआ कि मुस्लिम लीग ही भारत के विभाजन की जिम्मेदार है। अभ्यास वर्ग के दौरान एक और प्रस्ताव पारित हुआ जिसमें ये माना गया कि मुसलमानों को पवित्र कुरान के निर्देशों और सिद्धांतों के अनुसार राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें

भोपाल में चल रहे इस अभ्यास वर्ग के बारे में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि इसमें तमाम बुद्धिजीवियों और मेहमानों के अलावा देश भर से आए मंच के 500 से ज्यादा मुस्लिम कार्यकर्ता शिरकत कर रहे हैं। शाहिद सईद ने बताया कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अयोध्या में राम मंदिर बनाने, कश्मीर में धारा 370, 35ए के विरूद्ध जनजागरण और तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने जैसे मुद्दे में अहम भूमिका निभाई है।

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