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डिफेंस सेक्टर ने 2023 में तोड़ा रिकॉर्ड, भारतीय हथियार पूरी दुनिया को आया पसंद

Defence Export Record: भारत के डिफेंस सेक्टर ने रिकॉर्ड इस साल तोड़ा है. पिछले साल की तुलना में इस साल 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा का रक्षा निर्यात हुआ है. जिसमें छोटे- बड़े हथियारों से लेकर और कई उपकरण शामिल है. भारतीय रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया है कि पिछले साल की तुलना में इस साल 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा का रक्षा निर्यात हुआ है. इसके साथ ही देश में 1 लाख करोड़ रुपए का रक्षा उत्पादन भी हुआ है. इस वर्ष पूरी दुनिया से एलसीए-तेजस, एयरक्राफ्ट कैरियर, हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर और अन्य चीजों की डिमांड रही. भारतीय सेनाओं को आधुनिक बनाने के लिए देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर मिशन के तहत ज्यादातर हथियारों, चीजों, उपकरणों को भारत में ही बनाने पर जोर दिया जा रहा है. भारत की सीमा सुरक्षा इससे बढ़ी है. भाकतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबित वित्त वर्ष यानी 2022-33 में लगभग 16 हजार करोड़ रुपए का रक्षा निर्यात हुआ है. पिछले साल की तुलना में इस साल 3000 करोड़ रुपए ज्यादा है. वहीं 2016-17 की तुलना की बात की जाए तो 10 गुना ज्यादा है.

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भारत इस वक्त 85 से अधिक देशों को रक्षा उत्पादों का निर्यात कर रहा है. भारत ने पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि कैसे उसकी तकनीक, डिजाइन, और विकास का तरीका शानदार है. इस वक्त देश की 100 से ज्यादा कंपनियां रक्षा उत्पादों को दूसरे देशों में निर्यात कर रही हैं. इनमें विमान से लेकर हथियार, मिसाइल से लेकर रॉकेट लॉन्चर्स तक हैं. जो चीजें निर्यात हो रही हैं उनमें 155 mm ATAGS, डॉर्नियर-228 एयरक्राफ्ट, ब्रह्मोस मिसाइल, राडार, सिमुलेटर्स, आकाश मिसाइल सिस्टम, बारूदी सुरंगों से बचाने वाली गाड़ियां, बख्तरबंद गाड़ियां, हथियार, थर्मल इमेजर, पिनाका रॉकेट और लॉन्चर्स, बॉडी ऑर्मर इसके अलावा एवियोनिक्स और कई छोटे-मोटे हथियार और उपकरण शामिल हैं .

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डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (Department of Military Affairs) की पांचवीं पॉजिटिव इंडियनाइजेशन लिस्ट में 98 ऐसी वस्तुओं का जिक्र किया गया है. जो एक्सपोर्ट हो रहा हैं. इसमें एचसीएस , सेंसर, वेपन एंड एम्यूनिशन भी शामिल हैं. पूरी तरह से ये सभी देश में बन रही हैं. पहले पीआईएल की सूची में 411 मिलिट्री उत्पाद थे. बाद में बढ़कर ये 4666 हो गया. वर्तमान वित्त वर्ष 2022-23 में डिफेंस कैपिटल प्रोक्योरमेंट की बजट में स्वदेशी हिस्सा लगभग 68 फीसदी था. अगली बार के लिए वह बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया गया. एयरो इंडिया शो के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसके बारे में खुलासा किया था. इसी प्रोग्राम के तहत भारत की सबसे बड़ी हेलिकॉप्टर फैक्टरी खोली गई. वहां पर हेलिकॉप्टर्स लाइट यूटिलिटी बन रही हैं. पीएम मोदी ने नवंबर में तेजस ट्विन सीटर फाइटर जेट में उड़ान भरी. यह पहली बार था जब देश के प्रधानमंत्री ने किसी फाइटर जेट में बैठकर उड़ान भरी थी. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने तेजस के प्रोडक्सन फैसिलिटी में भी गए और वहां पर इसके बनने की प्रक्रिया को भी देखी. इसके साथ साथ भारतीय वायुसेना के नए ट्रांसपोर्ट विमान C-295 को शामिल भी किया गया.

Rohit Mishra

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