न्यूज़राजनीति

आज हो रहा है मोहन यादव कैबिनेट का शपथ, चर्चा में हैं क्यों हैं शिवराज सिंह ?

Political News: मध्य प्रदेश में बीजेपी की नई मोहन यादव सरकार में मंत्रिमंडल का आज शपथ ग्रहण अभी से कुछ देर बाद होने जा रहा है। साढ़े तीन बजे शपथ ग्रहण होना है। जानकारी के मुताबिक इस शपथ ग्रहण में 28 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की बात सामने आ रही है। अभी तक जो सूची सामने आयी है उसके मुताबिक नए मंत्रिमंडल में 18 कैबिनेट मंत्री बनाये जाने हैं जबकि 6 विधायकों को स्वतंत्र राज्य मंत्री बनाये जाने की बात है। इसके साथ ही चार विधायकों को राज्य मंत्री बनाया जायेगा।

Also Read: Latest Hindi News political news । News Today in Hindi

लेकिन इन सबके बीच चर्चा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की हो रही है। इस मंत्रिमंडल में उनका कही कोई नाम नहीं है। ऐसे में जानकार यह मान रहे हैं कि अब शिवराज सिंह को बीजेपी आला कमान ने मध्य प्रदेश की राजनीति से अलग कर दिया है। जानकार यह भी कह रहे हैं किअभी शिवराज सिंह की उम्र राजनीति करने के लिए बची हुई है इसलिए संभव है कि बीजेपी उन्हें केंद्र में लाएगी और उन्हें कोई बड़ा पद सौप सकती है। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि शिवराज सिंह को पार्टी का अगला अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए उन्हें अभी और इन्तजार करना पड़ सकता है क्योंकि अभी मौजूदा अध्यक्ष नड्डा का समय बाकी है। ऐसे में जानकार यह भी कह रहे हैं कि शिवराज सिंह को तत्काल केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

Read: Latest Hindi News Today | Today Hindi Samachar

शिवराज सिंह चौहान बीजेपी के बड़े नेताओं में शुमार हैं। वे चार बार के सीएम भी रह चुके हैं। पार्टी की जीत में उनकी बड़ी भूमिका रही है और साथ ही पार्टी को मजबूत करने में भी उनकी भूमिका रही है। गुजरात के बाद पार्टी को सबसे बड़ी जीत इसी मध्यप्रदेश में मिलती रही है और इसमें शिवराज की भूमिका अहम रही है। शिवराज पार्टी के तो बड़े नेता है इसके साथ ही उनके सरोकार संघ से भी हैं और संघ के बीच उनकी अपनी खास पहचान भी है। ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि शिवराज सिंह अभी बाजी हारने वाले हैं।

Read More News: Latest Political News Today in Hindi | Political Samachar in Hindi

हालांकि शिवराज सिंह को पार्टी ने अभी कर्नाटक समेत दक्षिण का प्रभार दिया है ताकि पार्टी को वहां मजबूत कर सके। कर्नाटक में पिछली बार बीजेपी को बड़ी सफलता भी मिली थी। राज्य की सरकार भी बीजेपी की थी और लोकसभा की अधिकतर सीटें भी बीजेपी को हाथ लगी थी। लेकिन इस बार सब कुछ बदल गया है। बीजेपी की बड़ी चुनौती यह है कि कर्नाटक में उसकी जीत पहले की तरह नहीं होती है तो बीजेपी को झटका लग सकता है। बीजेपी ने अगले लोकसभा चुनाव में साढ़े तीन सौ सीट जीतने का लक्ष्य रखा है ऐसे में कर्नाटक की जीत मायने रखती है। अगर वहां बीजेपी की हार होती है और कांग्रेस के सामने वह कमजोर पड़ती है तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती है। शिवराज सिंह काफी उदार भी है और बचे हुए नेता भी। हालांकि वे चाहते थे कि उनकी राजनीति मध्यप्रदेश तक ही सीमित रहे लेकिन पार्टी को अब यह मंजूर नहीं है। पार्टी भी नए लोगों पर दाव लगा रही है ताकि आने वाले सालों में पार्टी को नया नेता मिल सके। लेकिन सवाल यह है कि शिवराज अगर दक्षिण के राज्यों में ही कुछ बेहतर कर जाते हैं तो उन्हें क्या मिलेगा ? उनकी राजनीति कहाँ जाएगी ? जानकार यह भी मानते हैं कि शिवराज दक्षिण की राजनीति कर सकते हैं और संभव है कि कुछ लाभ भी दिला सकते हैं लेकिन उनकी खुद की राजनीति का अगर कोई भविष्य नहीं है तो वे कितना कुछ करेंगे यह कहना कठिन है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button