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क्या प्रधानमंत्री मोदी ने सनातन धर्म विवाद पर खुद ही मोर्चा संभाल लिया है?

Sanatan Dharma: हाल ही में दो घटनाएं सामने आई। एक घटना तो भारत बनाम इंडिया को लेकर सामने आई जबकि एक घटना अचानक सनातन धर्म (Sanatan Dharma) विवाद को लेकर उभरा। पहले ऐसे विवादों की कोई कल्पना नहीं की जा सकती थी। लेकिन भारत जैसे लोकतंत्र में कब कौन सी बातें सामने आ जाती है कोई नहीं जानता। चुनावी साल होने की वजह से कई मुद्दे इस तरह के सामने आ सकते हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई। यह बैठक जी 20 को लेकर बुलाई गई थी ताकि भारत मेजबानी ठीक से कर सके और किसी भी तरह की चूक न हो पाएं। लेकिन इस बैठक में प्रधानमंत्री ने दो बड़े सन्देश भी दिए। प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रियों को कहा कि सनातन धर्म पर जो विवाद खड़ा हुआ है उसका जवाब माकूल और सही तरीके से दिया जाना चाहिए। जिस तरह से डीएमके नेता और मंत्री स्टालिन ने सनातन धर्म को छेड़ा है उस पर सही जवाब देने की जरूरत है। जवाब तथ्यों के साथ ही दिए जाने चाहिए। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत बनाम इंडिया विवाद पर अभी कुछ भी बोलने की जरूरत नहीं है। उन्होंने मंत्रियों को साफ़ कर दिया कि इस भारत बनाम मसले से बचने की जरूरत है। इसके साथ पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जी 20 की बैठक के बारे में वही मंत्री बोलेंगे जिन्हें इस विषय पर बोलने के लिए अधिकृत किया गया है। उन मंत्रियों के अलावा कोई भी कुछ नहीं बोलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी को कल जकार्ता की यात्रा पर गए थे। वे देर रात इंडोनेशिया की यात्रा पर गए थे। आपको बता दें कि यह यात्रा दो दिनों की है। प्रधानमंत्री मोदी जकार्ता में आसियान देशों की बैठक शामिल होने के लिए गए है। इधर पीएम मोदी ने कैबिनेट बैठक में जो हिदायत दी है उससे साफ़ हो गया है कि सनातन धर्म (Sanatan Dharma) का मुद्दा अब बीजेपी बड़े पैमाने पर बनाने के मूड में हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे और राज्य के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने पिछले दिनों सनातन धर्म (Sanatan Dharma) पर कड़ी टिप्पणी करते हुए इसे बीमारियों से तुलना की थी इसे समाप्त करने की बात कही थी। आज भी स्टालिन अपने बयान पर खड़े है और अपनी बात को वापस लेने को तैयार नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने साफ़ कर दिया है कि इस मसले को आगे बढ़ाने की जरूरत है। बता दें कि इस मसले पर बीजेपी और संघ के लोग लगातार हमला भी कर रहे हैं।

जहां तक इंडिया बनाम भारत का मसला है इसे तत्काल प्रधानमंत्री ने पीछे छोड़ने को कहा है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि अभी इसका सही समय नहीं है। दुनिया भर के देश दिल्ली में पहुंच रहे हैं और इस विवाद से देश की छवि ख़राब हो सकती है। दरअसल भारत बनाम इंडिया की लड़ाई तब सामने आई जब 9 सितम्बर को राष्ट्रपति मुर्मू की तरफ से जी 20 रात्रि भोज का आयोजन किया गया और इसके निमंत्रण कार्ड पर प्रेजिडेंट ऑफ़ भारत लिखा गया। अब तक प्रेजिडेंट ऑफ़ इंडिया लिखा जाता रहा है। हालांकि भारत और इंडिया लिखे जाने में कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि दोनों इसी देश के नाम हैं। इस निमंत्रण कार्ड के सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर हमला किया और कहा कि सरकार देश का नाम बदलने जा रही है। उधर संघ प्रमुख मोहन भगवत भी कह चुके हैं कि हमारा देश भारत है और इसे भारत ही कहा जाना चाहिए। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार विपक्षी गठबंधन इंडिया के नाम से घबरा गई है और इसी वजह से देश का नाम ही बदलना चाहती है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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