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मदरसा सर्वेः मदरसा बोर्ड में पंजीकृत नहीं दारूल उलूम देवबंद, नहीं लेता कोई सरकारी मदद  

अल्पसंख्यक अधिकारी भरत लाल गौड़ ने बताया कि सहारनपुर में 754 मदरसे अल्पसंखयक विभाग में रजिस्टर्ड हैं। इनमें 5वीं स्तर के 664, 8वीं स्तर के 80 और 10वीं स्तर के 10 मदरसा हैं, जबकि 306 मदरसे गैर-मान्यता प्राप्त हैं। इनमें कई हजार बच्चे दीनी तालीम ले रहे हैं।

देवबंद (सहारनपुर): एशिया में सबसे बड़ी मुस्लिम धार्मिक संस्था दारूल उलूम देवबंद  मदरसा बोर्ड में पंजीकृत नहीं है। दारूल उलूम देवबंद गैर मान्यता प्राप्त तो नहीं माना जा सकता, क्योंकि यह नहीं सोसायटी एक्ट के तहत पंजीकृत है। यह जानकारी मदरसा सर्वे में सामने आयी है।

मदरसे सर्वे का काम पूर्ण

मदरसा सर्वे के अनुसार दारूल उलूम के देश भर में साढे चार हजार से अधिक मदरसे चले  रहे है, जिनमें दो हजार से अधिक तो केवल उत्तर प्रदेश में हैं। प्रदेश में गैर सरकारी मदरसे सर्वे का काम 20 अक्टूबर को पूरा हो गया है। सर्वे में प्रदेश भर में करीब साढ़े सात हजार मदरसे गैर सहायता प्राप्त मिले हैं। इन्हें गैर मान्यता प्राप्त भी कहा जा रहा है।

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सर्वे में विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद और सहारनपुर में स्थित मजाहिर उलूम जैसे मदरसे सरकार से अनुदान नहीं लेते हैं।  उन्हें भी गैर मान्यता प्राप्त बताया गया है, हालांकि ये अवैध या गैरकानूनी नहीं बताये जा रहे हैं।

15 नवंबर तक सभी जिलाधिकारी सरकार को भेजेंगे मदरसा सर्वे रिपोर्ट

मदरसा सर्वे को लेकर उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहम जावेद ने कहा कि सर्वे का उद्देश्य जांच नहीं मदरसों में सुधार है। सर्वे से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। मदरसों में शिक्षा लेने वाले बच्चों को देश और समाज की मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जाएगी।प्रदेश भर में सर्वे की पूरी रिपोर्ट 15 नवंबर तक सभी जिलाधिकारी राज्य सरकार को भेजी जाएगी।

सहारनपुर में 306 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मदरसे

सहारनपुर के अल्पसंख्यक अधिकारी भरत लाल गौड़ ने बताया कि जनपद सहारनपुर के सभी मदरसों का सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। अल्पसंख्यक अधिकारी ने बताया कि सहारनपुर जनपद में दारुल उलूम देवबंद और मजाहिर उलूम सहारनपुर सहित कुल 306 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं, जो सरकारी मदद नहीं लेते हैं। उन्होंने बताया कि यह मदरसे गैरकानूनी नहीं है, बल्कि यह सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है।

अल्पसंख्यक अधिकारी भरत लाल गौड़ ने बताया कि सहारनपुर में 754 मदरसे अल्पसंखयक विभाग में रजिस्टर्ड हैं। इनमें 5वीं स्तर के 664, 8वीं स्तर के 80 और 10वीं स्तर के 10 मदरसा हैं, जबकि 306 मदरसे गैर-मान्यता प्राप्त हैं। इनमें कई हजार बच्चे दीनी तालीम ले रहे हैं।

247 मदरसों का नहीं लेते सरकारी मदद

भरत लाल गौड़ ने बताया कि जनपद में 247 ऐसे मदरसों का पता चला है, जो सरकार से मदद नहीं लेते। इनमें दारुल उलूम भी सरकार से मदद नहीं लेता। यह सोसाइटी एक्ट में पंजीकृत है, लेकिन यह अवैध है, ऐसा नहीं कहा जा सकता।

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Team News Watch India

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