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13 जनवरी को पटना गाँधी मैदान में लगेगा मजमा ,एक लाख दस हजार युवाओं को मिलेगा नियुक्ति पत्र

Bihar News: एक तरफ जातीय गणना के खेल और दूसरी तरफ लगभग सवा लाख युवाओं को शिक्षक का नियुक्ति पत्र। नीतीश कुमार ( Nitish Kumar) का यह खेल बिहार की राजनीति को किस तरफ ले जाएगा देखना बाकी है। मात्र कुछ महीने के भीतर ही बिहार की नीतीश सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार ( Rojgar) का जो काम किया है अगर उसका असर आगामी चुनाव ( Next Election) पर पड़ गया तो बिहार में बीजेपी की खाट खड़ी हो जाएगी और लोकसभा चुनाव में बीजेपी कहाँ जाएगी यह कहना मुश्किल है। यह बात और है कि बीजेपी को अभी भी अयोध्या में बन रहे राम मंदिर ( Ram Mandir ) पर काफी भरोसा है। बीजेपी को लग रहा है की राम और मंदिर के नाम पर देश की जनता उसके साथ खड़ी है। लेकिन क्या देश के बेरोजगार भी ऐसा ही कुछ मान रहे हैं ? ऐसा कहना जल्दबाजी होगी। बिहार की जनता और बिहार के युवाओं की पहली प्राथमिकता सरकारी नौकरी होती है और जिस तरह से नीतीश सरकार ने लाखों युवाओं के लिए नौकरी के दरबाजे को खोला है इसे बड़ा असर चुनाव पर पडेगा।


अब तो जानकार भी कह रहे हैं कि नीतीश का यह मास्टरस्ट्रोक (masterstrock) है और इस मास्टरस्ट्रोक का कोई काट नहीं। जानकार यह भी कह रहे हैं कि अगर नौकरी ( Job) मिलने वाले युवाओं के परिवार ही अगर एक साथ चुनावी क्षेत्र में नीतीश के साथ खड़े हो जाए तो बिहार में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ जाएगी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी इकाई अंक पर सिमट सकती है।
बिहार में हाल में ही हुए शिक्षक बहाली की परीक्षा ली गई थी। करीब आठ लाख युवा इस परीक्षा में शामिल हुए थे। अब इसमें से एक लाख दस हजार युवा परीक्षा में सफल हुए हैं। इनकी नियुक्ति होनी है। खबर के मुताबिक 13 जनवरी को पटना गाँधी मैदान में इन सफल युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे जाने हैं। बड़ा मंच तैयार किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इस दिन बिहार के लाखो लोग गाँधी मैदान में जुटेंगे। हर सफल युवाओं के साथ उनके घर वाले भी होंगे। ऐसे में यह भी उम्मीद है कि नीतीश कुमार बिहार के साथ ही देश के युवाओं को भी सम्बोधित करेंगे और कोई बड़ा मैसेज भी देंगे। जानकार यह कह रहे हैं कि जिन एक लाख दस हजार युवाओं को शिक्षक बनने का अवसर मिल रहा है अगर उनके घर के ही पांच लोग नीतीश के पक्ष में वोट डालने का फैसला करते हैं तो बिहार की राजनीति बदल सकती है। ऐसे में बीजेपी की राजनीति यहां ख़त्म हो सकती है और लोकसभा चुनाव ( Loksabha Election) में बीजेपी साफ़ भी हो सकती है।


शिक्षक बहाली को लेकर नीतीश कुमार की सरकार भी जल्दबाजी में है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pthak) ने नियुक्ति पत्र बांटे जाने को लेकर निर्देश भी जारी कर दिया है। बताया गया है कि पुरे बिहार में 13 जनवरी को बीपीएससी (BPSC)से अनुशंसित एक लाख दस हजार शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा। खबर के मुताबिक 25 शिक्षकों को नीतीश कुमार खुद ही नियुक्ति पत्र देंगे। जबकि अन्य 85 हजार नव नियुक्त शिक्षकों को जिला मुख्यालयों में प्रभारी मंत्रियों द्वारा नियुक्ति पत्र दिया जायेगा।

गौरतलब है कि पिछले साल भी दो नवंबर 2023 को एक लाख 12 हजार शिक्षकों को एक ही दिन में नियुक्ति पत्र बांटे गए थे। यह भी बता दें कि बिहार में शिक्षण की बहाली के पहले चरण में 140741 पदों की भर्ती निकाली गई थी। करीब 9 लाख अभ्यर्थी तब परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमे से एक लाख बारह हजार युवा परीक्षा में पास हुए थे और इनकी नियुक्ति हो चुकी है।
अब सबसे बड़ी बात तो यह है कि मात्र तीन महीने के भीतर बिहार सरकार ने लगभग स्वा दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति करने वाला देश के पहले राज्य हो गया है। जदयू के नेता कह रहे हैं कि हमारा काम युवाओं को रोजगार देने का है। ऐसे तो देश के भीतर बहुत से काम हो रहे हैं। बीजेपी वाले अलग ही शंख बजा रहे हैं। लेकिन वे युवाओं के लिए क्या कर रहे हैं कोई नहीं जानता। नीतीश सरकार जो कहती है वह करती भी है। आने वाले समय में और भी बड़ी संख्या में नियुक्ति होगी। बिहार को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए सरकार बहुत कुछ कर रही है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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