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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर भगवान श्रीराम की तस्वीर बनाने वाले पर लोगो ने उठाए सवाल

Artifical Inteligence lord ram images: साल 2023 से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कुछ लोग कठिन सवालों के जवाब ढुंढ रहे है कुछ दिलचल्प फोटो को क्रिएट कर रहे है ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंससे बनाई गई तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होती जा रही हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनी भगवान राम की तस्वीर वायरल हो रही है.

अब भगवान श्रीराम 21 वर्ष की आयु की तस्वीर को अलग अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल किया जा रहा है. फेसबुक से लेकर ट्विटर तक इन तस्वीरों को साझा करने वाले इन्हें बनाने वालों के हवाले से दावा कर रहे हैं कि तस्वीर वाल्मीकि रामायण (Ramayan), रामचरितमानस (Ramcharit Manas) सहित धर्म ग्रंथों में दिए गए श्रीराम की सुंदरता के विवरणों के हिसाब से Artifical Inteligence के द्वारा बनाई गई हैं . जबकि AI की ये तस्वी रें शास्त्रों में वर्णित भगवान राम की छवि से बिलकुल उलट बनी है .वहीं अभी तक यह साफ भी नहीं हुआ है कि इस तस्वीर को बनाने वालों ने किस उद्देश्य के लिए इन्हें बनाया है? क्योंकि अचानक कुछ तस्वीरों को

सोशल मीडिया (social media)पर बिना सोचे समझे वायरल कर दी जाती हैं, जो बहुत से लोगों को अच्छा नहीं लगता है.

सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों को देखने के बाद लोग तरह तरह की बात कर रहे है एक यूजर ने लिखा है कि अब तक धरती में भगवान श्रीराम जैसा हैंडसम व्यक्ति कोई पैदा नही हुआ है तो कुछ यूजर बोल रहे है कि कुछ लोगों ने हिंदू धर्म को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. ऐसे में तस्वीर बनाने वाले पर सवाल उठता है

महर्षि वाल्मीकि ( Maharishi- Valmiki)जो भगवान राम के समकालीन थे और उनके बाद गोस्वामी तुलसीदास जी (Goswami Tulsidas) ने जब साफ-साफ लिखा है कि भगवान का वर्ण श्याम था तो किस आधार पर Artifical Inteligence और इसका अविष्कार करने वालों ने कैसे इन तस्वीरों को रच दिया. उनका कहना है कि जब एक बार नई पीढी के मन में इस तरह से भगवान राम के गौर वर्ण का होने की बात बैठ जाएगी तब वो महर्षि वाल्मीकि( Maharishi- Valmiki) और तुलसीदास जी की लिखी कृतियों पर अविश्वास करके Artifical Inteligenceपर भरोसा करने लगेंगे? ‘जाकी रही भावना जैसी-प्रभु मूरत देखी तिन जैसी’ का हवाला देते हुए इन तस्वीरों को सच नहीं माना जा सकता है.

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वाल्मीकि रामायण( Valmiki Ramayana) के मुताबिक श्रीराम के बाल लंबे और चमकदार थे. उनका चेहरा चंद्रमा के समान सौम्य और सुंदर था. प्रभु की आंखे बड़ी और कमल के समान थी. उनके होंठों का रंग उगते हुए सूर्य की तरह लाल था और दाेनों होंठ समान थे. उनके कान बड़े थे. उनके हाथ लंबे थे. जो कि घुटनों तक आते थे. इसलिए उन्हें आजानुभुज भी कहा गया है. भगवान का पेट 3 रेखाओं से युक्त था. हालांकि ये भी सच है कि भगवान राम की सुंदरता का वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता है. यही वजह है कि Artifical Inteligence ने जब भगवान की शास्त्रों से अलग छवि बनाई तो कुछ लोगों की भावनाओं को इससे ठेस पहुंची है.

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Ashok Kumar

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