Live UpdateSliderधर्म-कर्मन्यूज़

रुद्राक्ष पहनकर करेंगे ये काम तभी मिलेगा शुभ फल, जानिए रुद्राक्ष पहनने का क्या है सही नियम?

Spiritual News in Hindi | Religion and Spirituality News

Rudraksha Wearing Rules! एकमुखी रूद्राक्ष को भगवान भोलेनाथ की प्रसन्नता के लिए ऊँ ह्नी नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें। 2 मुखी रूद्राक्ष को अर्द्धनारीश्वर की प्रसन्नता के लिए ऊँ नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें। 3 मुखी रूद्राक्ष को भोलेनाथ सहित अग्नि की प्रसन्नता के लिए ऊँ क्लीं नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें। 4 मुखी रूद्राक्ष को शिव सहित ब्रह्मा की प्रसन्नता के लिए ऊँ ह्नी नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें। 5 मुखी रूद्राक्ष को कालाग्नि रूद्र की प्रसन्नता के लिए ऊँ ह्नी नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें।

एकमुखी रूद्राक्ष से लेकर कई मुखी रूद्राक्ष देखने को मिलते हैं, किसी भी रूद्राक्ष को शुभ मुहूर्त में मंत्रोच्चारण करने के बाद ही पूर्ण विधि-विधान से धारण करें। अगर आप रूद्राक्ष से लाभ चाहते हैं तो, बिना मंत्रोच्चारण के रूद्राक्ष कभी नहीं धारण करना चाहिए। धर्मशास्त्रों में इस संदर्भ में उल्लिखित है,

रुद्राक्ष धारण करने के मंत्र
रुद्राक्ष के दाने, रुद्राक्ष माला अथवा रत्नादि को अभिमंत्रित करने के लिए सर्वोत्तम तरीका तो यही है कि किसी योग्य कर्मकांडी विद्वान से ही इसे अभिमंत्रित कराया जाए। किंतु यदि किसी कारणवश कर्मकांडी विद्वान न उपलब्ध हो रहें हों, तो ऐसी परिस्थिति में यदि आप स्वयं अभिमंत्रित करना चाहते हैं तो इन मंत्रों से आप rudraksh को अभिमंत्रित कर सकते हैं।

Read: Latest Spiritual News in Hindi | NewsWatchIndia

1 मुखी रूद्राक्ष के देवता भगवान भोलेनाथ की प्रसन्नता के लिए ऊँ ह्नी नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें।
2 मुखी रूद्राक्ष को अर्द्धनारीश्वर की प्रसन्नता के लिए ऊँ नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें।
3 मुखी रूद्राक्ष को भोलेनाथ के साथ अग्नि की प्रसन्नता के लिए ऊँ क्लीं नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें।
4 मुखी रूद्राक्ष को भोलेनाथ सहित ब्रह्मा की प्रसन्नता के लिए ऊँ ह्नी नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें।
5 मुखी रूद्राक्ष को कालाग्नि रूद्र की प्रसन्नता के लिए ऊँ ह्नी नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें।
6 मुखी रूद्राक्ष को भगवान भोल्नाथ के साथ कार्तिकेय की प्रसन्नता के लिए ऊँ हृी हुँ नमः मंत्र द्वारा अभिमंत्रित करना चाहिए।
7 मुखी रूद्राक्ष को शिव के साथ सप्त मातृकाएं, सप्तर्षि की प्रसन्नता के लिए ऊँ हुँ नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें।
8 मुखी रूद्राक्ष को भोलेनाथ के साथ बटुक भैरव की प्रसन्नता के लिए ऊँ हुँ नमः मंत्र से अभिमंत्रित करना चाहिए।
9 मुखी रूद्राक्ष को शिव सहित दुर्गा मां की प्रसन्नता के लिए ऊँ ह्नी हुँ नमः मंत्र से अभिमंत्रित करना चाहिए।
10 मुखी रूद्राक्ष को भोलेनाथ सहित विष्णु भगवान की प्रसन्नता के लिए ऊँ ह्नी नमः मंत्र द्वारा अभिमंत्रित करना चाहिए।
11 मुखी रूद्राक्ष को भगवान भोलेनाथ के साथ रूद्र, इन्द्र की प्रसन्नता के लिए ऊँ ह्नी हुँ नमः से अभिमंत्रित करना चाहिए।
12 मुखी रूद्राक्ष को भोलेनाथ सहित 12 आदित्य की प्रसन्नता के लिए ऊँ क्रौं क्षौं रौं नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें।
13 मुखी रूद्राक्ष को भोलेनात सहित कार्तिकेय, इंद्र की प्रसन्नता के लिए ऊँ ह्नी नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें।
14 मुखी रूद्राक्ष को शिवजी, हनुमानजी की प्रसन्नता के लिए ऊँ नमः मंत्र से अभिमंत्रित करें। अधिकाधिक लाभ प्राप्त करने के लिए एक बार अभिमंत्रित किए गए रुद्राक्ष को धारण करने के 1 साल बाद उसे पुनः अभिमंत्रित कर लेना चाहिए।

शुभ मुहूर्त में अभिमंत्रित रूद्राक्ष धारण करें
मेष या तुला के सूर्य में, कर्क या मकर संक्रांति के दिन, ग्रहण के सिद्धिकाल में, अमावस्या, पूर्णिमा एवं पूर्णा तिथियों को रुद्राक्ष धारण करने से सम्पूर्ण पापों से निवृत्त होकर मनुष्य पुण्य का भागी बनता है।
ग्रहणे विषुचे चैवमयने संक्रमेडपि वा।
दर्शेषु पूर्णमासे च पूर्णेषु दिवसेषु च।
रुद्राक्ष धारणात् सद्यः सर्वपापैविमुच्यते।।”

अगर रुद्राक्ष का इस्तेंमाल नहीं करना है या पूजा-पाठ, जप या धारण नहीं करना है तो श्रद्धापूर्वक पवित्र स्थान पर रख दे। खूंटी आदि पर न टांगे। कभी अपवित्र या जूठे हाथ से स्पर्श न करें। रुद्राक्ष का अपमान या अपेक्षा हानिप्रद है। रुद्राक्ष को कभी चूमकर या होठों से लगाकर जूठा न करें। यदि नियमों का पालन कर रुद्राक्ष का प्रयोग करें तो फल निश्चित मिलता है।

Prachi Chaudhary

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button