ट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबर

ईको-पर्यटन विकास बोर्ड का गठन के बाद यूपी में ईको टूरिज्म (Eco Tourist) को बढावाः मुख्य सचिव

लखनऊ। मुख्य सचिव (chief secretary) दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त जिलाधिकारियों एवं मण्डलायुक्तों के साथ बैठक की। उन्होने बताया कि मंत्रिपरिषद द्वारा ईको-पर्यटन विकास बोर्ड का गठन और विनियम को मंजूरी दे दी गई है। बोर्ड द्वारा वन क्षेत्र में बफर जोन के बाहर पर्यटकों के लिए तमाम सुविधाएं विकसित की जाएगी, ताकि प्रदेश में ईको टूरिज्म (Eco Tourism)को बढ़ावा दिया जा सके।

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र(Durga Shankar Mishra) ने कहा कि सभी सरकारी दफ्तरों, स्कूल और कॉलेज में प्रिकाॅशन डोज लगाने के अभियान में तेजी लायी जाये। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से सर्किट रेट में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, जिसे रिव्यू करने की जरूरत है।

इससे पूर्व, सहारनपुर मंडलायुक्त ने एटीएफ (एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी) सेंटर के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यमुना नदी के किनारे के गांव स्मैक प्रभावित हैं, जहां किशोर और नौजवान स्मैक से नशे की गिरफ्त में हैं। इसी कारण से एटीएफ सेंटर स्थापित किया गया है। एटीएफ सेंटर में एक चिकित्साधिकारी, एक डाटा मैनेजर, एक काउंसलर और एक उपचारिका की तैनाती की गई है। सेंटर में नशे की गिरफ्त में आए लोगों का गुणवत्तापूर्ण उपचार किया जा रहा है। अब तक 28 लोग पूरी तरह से स्वास्थ हो चुके हैं।

यह भी पढेंःपति देखता था महिला लेखपाल(Lekhpal) का कामकाज, कार पर लगा रखा था राजस्व विभाग का लॉगो,निलंबित

डीएम हमीरपुर ने यमुना एवं बेतवा नदी के संगम पर स्थित बुंदेलखंड के प्रवेश द्वारा हमीरपुर नगर में तटबंधों के निर्माण के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि हमीरपुर में 6 तटबंधों का सुंदरीकरण कार्य कराया जा चुका है। तटबंधों पर इंटरलॉकिंग तथा तटबंधों के किनारे स्थित लोगों के घरों के पास वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है। इसके साथ ही सेल्फी प्वाइंट बनाया गया है तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है। वहीं तटबंध पर फास्ट फूड काउन्टर्स खोलने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है।

बहराइच डीएम ने नैपियर घास की विशेषताओं के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यह पौष्टिक एवं सुपाच्य होती है। यह कम लागत में उगाई जा सकती है। इसका रख-रखाव आसान है। यह बहुवर्षीय चारा है। एक बार बोने पर पांच सालों तक उत्पादन लिया जाता है। पहली बार कटिंग बोवाई के दो माह बाद हर 3 माह में कटिंग की जा सकती है। शहर में नैपियर घास को विस्तारित कर लगभग 58 हेक्टर में लगाई जा चुकी है। निजी क्षेत्रों में भी लगभग 50 हेक्टर चारा उत्पादन पर कार्य किया जा रहा है। बारिश के दौरान नैपियर घास की बुवाई बहुत उपयुक्त है।

बैठक में सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद मनीषा त्रिघाटिया सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

news watch india
Team News Watch India

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button